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बिहार: कांग्रेस ने बढ़ाई बार्गेनिंग पावर, कार्यकर्ताओं में भरा जोश

-राजद पर बढ़ेगा दबाव -वोटर अधिकार यात्रा का समापन -तेजस्वी के सीएम उम्मीदवार पर राहुल की चुप्पी -समापन पर बोले राहुल: भाजपा के लोग सावधान, अब आएगा हाइड्रोजन बम

शादाब अहमद

पटना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा 16 दिन बाद पटना में गांधी से अंबेडकर रैली के साथ समाप्त हो गई। राहुल ने इस यात्रा से जहां चुनाव आयोग पर भाजपा से मिलीभगत के आरोप लगाए, वहीं भाजपा-जेडीयू सरकार पर निशाना साधा। इसके साथ ही राहुल ने जान फूंककर कांग्रेस की सीट शेयरिंग के लिए बार्गेंनिंग पावर बढ़ा दी है। इससे महागठबंधन में अपने सबसे पुराने साथी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दबाव में तय है। वहीं यात्रा के समापन पर राहुल ने कहा कि भाजपा के लोग सावधान, एटम के बाद अब आएगा हाइड्रोजन बम आएगा। वोट चोरी की सच्चाई है, पूरे देश को पता लगने जा रही है।

दरअसल, बिहार ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस की उपस्थिति पिछले तीन दशक से नाममात्र की रही है। यहां राजद से गठबंधन तो है, लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सीट बंटवारे में भी राजद की ओर से छोड़ी गई सीटों पर ही निर्भर रही है। इस बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आक्रमक रूप से निकाली गई वोटर अधिकार यात्रा ने परिदृश्य को बदला है। भले ही राहुल गांधी के साथ इस यात्रा में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, वीआईपी के नेता मुकेश सहनी और माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी मौजूद रहे, लेकिन सबसे अधिक चर्चा राहुल की रही। यही वजह है कि राहुल को भाजपा-जेडीयू सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के साथ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में चुनाव लडक़र जीतने के लिए आत्मविश्वास जगाने में कामयाबी मिली है। इसके चलते आने वाले दिनों में सीट शेयरिंग की बैठकों के दौरान कांग्रेस अपनी मनपसंद सीटों के साथ संख्या बढ़ाने का दबाव राजद पर बनाती दिखेगी।

23 जिले और 110 विधानसभा क्षेत्र कवर

बिहार में एसआइआर प्रक्रिया के खिलाफ राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने 16 दिन में 23 जिलों में करीब 1300 किलोमीटर का सफर तय किया। इस दौरान 110 विधानसभा सीट कवर की गई, जिसमें करीब 80 विधानसभा सीटों पर भाजपा, जेडीयू व एनडीए के घटक दलों का कब्ज़ा है।

कांग्रेस चाहती है करीब 100 सीटों पर चुनाव लडऩा

बिहार की 243 में से करीब 90 से 100 सीटों पर चुनाव लडऩे का दावा कांग्रेस कर रही है। जबकि पिछली बार राजद ने खुद 144 सीटें रखी और कांग्रेस को 70 सीटें दी थी। कांग्रेस को मिली कई सीटें ऐसी थी, जहां भाजपा और जेडीयू का दबदबा था। इस बार राजद पर कांग्रेस की सीटें बढ़ाने के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा को करीब 10 से 12 सीटें देने का दबाव बना हुआ है।

तेजस्वी के नाम पर चुप्पी

बिहार में महागठबंधन के सीएम चेहरे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान चुप्पी साधे रखी। जबकि राजद तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट कर रहा है। यात्रा के दौरान पत्रकारों ने कई बार राहुल गांधी से यह सवाल पूछा, जिस पर उन्होंने खामोशी बनाए रखी। उन्होंने इतना कहा कि बहुत अच्छे तरीके से पार्टनरशिप बनी है, कोई टेंशन नहीं है। म्यूचुअल रिस्पेक्ट है। एक-दूसरे की मदद हो रही है, तो मजा आ रहा है। पॉलिटिकली, आइडियोलॉजिकली हम अलाइंड हैं। अच्छा नतीजा आएगा। वहीं कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि तेजस्वी के नाम की घोषणा से कांग्रेस को मिलने वाला गैर-यादव ओबीसी और सवर्ण वोट खिसक सकता है। इसलिए खामोशी बनाए रखी गई है।