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जम्मू कश्मीर में चौथी सीट क्यों नहीं जीत पाई नेशनल कॉन्फ्रेंस? फारूक अब्दुल्ला ने किया खुलासा

Jammu and Kashmir: नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जम्मू-कश्मीर से तीन राज्यसभा सीटें जीतने पर JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मैं आभारी हूं कि हमारी पार्टी के सभी विधायक एकजुट रहे और हमारी पार्टी को सफलता मिली।

Farooq Abdullah
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Photo-ANI)

Jammu and Kashmir Rajya Sabha Elections: जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने तीन सीटें हासिल कर मजबूत संदेश दिया है। पार्टी प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को नवा-ए-सुबहा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह जीत अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के खिलाफ जनता का फैसला है। उन्होंने भाजपा के चौथी सीट पर सौदे के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि एनसी कभी भी सत्ता के लिए समझौता नहीं करेगी। एनसी के उम्मीदवारों चौधरी मोहम्मद रजवान, सजाद किचलू और जीएस (शम्मी) ओबेरॉय ने जीत दर्ज की, जबकि भाजपा के सत शर्मा ने अप्रत्याशित रूप से चौथी सीट पर कब्जा जमाया।

भाजपा ने चुनाव के लिए सौदे की पेशकश की: फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं आभारी हूं कि हमारी पार्टी के सभी विधायक एकजुट रहे। कांग्रेस, पीडीपी, एआईपी, सीपीआई(एम) और निर्दलीय विधायकों ने हमारा साथ दिया। हम चौथी सीट भी जीत सकते थे, लेकिन कुछ अधूरे वादों के कारण ऐसा नहीं हो सका। हम निराश हैं, लेकिन चुनावों में ऐसी बातें होती रहती हैं। उन्होंने भाजपा के प्रस्ताव पर कहा, भाजपा हमारे पास चुनाव न लड़ने का अनुरोध लेकर आई थी। उन्होंने चौथी सीट पर सौदेबाजी की कोशिश की, लेकिन हमने इसे अस्वीकार कर दिया। अगर हम उनके साथ होते तो हमारे उम्मीदवार को 21 वोट कैसे मिलते? फारूक ने क्रॉस वोटिंग का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ विधायकों ने वादा तोड़ दिया, जिससे इमरान नबी डार हार गए।

आखिरी पल में मिला धोखा : उमर उब्दुल्ला

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे आखिरी पल में धोखा बताया। उन्होंने कहा, जो विधायक एनसी को वोट देने का वादा कर चुके थे, उन्होंने भाजपा को वोट दिया। हमें पता चलेगा कि कौन बिक गया। एनसी ने अपनी 41 सीटों के अलावा सहयोगी दलों के समर्थन से 21-21 वोट हासिल किए। भाजपा को केवल 28 विधायक होने के बावजूद सत शर्मा को 32 वोट मिले, जो क्रॉस वोटिंग का संकेत है।

समर्थक दलों का योगदान

एनसी की जीत में कांग्रेस की भूमिका अहम रही। पार्टी ने गुरुवार को फारूक को पत्र लिखकर समर्थन की पुष्टि की, हालांकि पिछले एक साल की सरकार पर असंतोष जताया। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह जीत भाजपा को रोकने की है। उम्मीदवार जम्मू-कश्मीर की आवाज बनेंगे। निर्दलीय विधायक शब्बीर कल्लाय ने कहा कि यह कश्मीरियों बनाम भाजपा की लड़ाई थी। एआईपी और सीपीआई(एम) ने भी समर्थन दिया।