
सीएम उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह स्पष्ट करे कि जम्मू कश्मीर में राज्य का दर्जा कब बहाल किया जाएगा। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान का भी जवाब दिया। दरअसल, उपराज्यपाल ने कहा था कि लोगों को राज्य के मुद्दे पर गुमराह नहीं किया जाना चाहिए।
सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को सुप्रीम कोर्ट और संसद में जम्मू कश्मीर के लोगों से किए वादे के बारे में बात करनी चाहिए। वे राज्य के दर्जे से क्यों डरते हैं? वे सत्ता क्यों नहीं छोड़ना चाहते? अगर जम्मू-कश्मीर की जनता से वादा किया गया था और उन्होंने उसी आधार पर विधानसभा चुनाव में वोट दिया था, तो राज्य के दर्जे का वादा पूरा क्यों नहीं किया गया?
बता दें कि सीएम उमर अब्दुल्ला का यह बयान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें कहा था कि केंद्र सरकार उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल करेगी। मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम पारित होने के दौरान संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का हवाला दिया था, जिसमें एक क्रम बताया गया था - परिसीमन, चुनाव और फिर उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल करना।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 90 विधायक हैं और कुछ को छोड़कर सभी ने राज्य के दर्जे के आधार पर वोट मांगे थे। उस समय लोगों से कहा गया था कि चुनाव के बाद राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। आज वे कह रहे हैं कि कुछ और समय इंतज़ार करो। उन्हें हमें बताना चाहिए कि कितना समय।
सीएम ने केंद्र से कहा कि मैं इंतजार करूंगा, लेकिन यह बताएं कि उचित समय कैसे मापा जाता है। हम किस संतुलन से तय कर सकते हैं कि सही समय आ गया है? मुख्यमंत्री होने के नाते, मुझे पता होना चाहिए कि राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए क्या लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। भगवान के लिए, जो लोग हमें इंतज़ार करने के लिए कहते हैं, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि वह 'सही समय' क्या है।
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे हाथ में सुरक्षा नहीं है। मेरे शासन काल में कभी पर्यटकों पर हमला नहीं हुआ। अब जब पहलगाम में हमारे 26 मेहमान मारे जाते हैं और हमें सलाह दी जाती है कि काम करो।
Published on:
01 Nov 2025 02:48 pm

