
Uttarakhand Cloudburst: देवभूमि उत्तराखंड में एक बार फिर प्राकृतिक आपदा से भारी तबाही मची है। चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में रात के अंधेरे में भयानक बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में हाहाकार मचा दिया। इसके अलावा, देहरादून जिले में बादल फटने से टपकेश्वर महादेव मंदिर पूरी तरह से डूब गया और हाईवे टूट गया। इन हादसों में कम से कम 6 घर मलबे में तब्दील हो गए और 10 लोग लापता है। NDRF और SDRF की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है।
चमोली जिले के नंदानगर में बादल फटने की घटना ने स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया। अचानक आई भारी बारिश और मलबे की चपेट में आकर 6 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, 10 लोग अभी तक लापता हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रात के अंधेरे में सैलाब ने कुछ ही मिनटों में सबकुछ उजाड़ दिया।
स्थानीय निवासी राम सिंह ने बताया, "हम सो रहे थे, अचानक तेज आवाज आई और पानी का रेला आ गया। घर के बाहर मलबा जमा हो गया, कई पड़ोसी बह गए।" बचाव टीमों ने अब तक 2 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है, लेकिन सर्च ऑपरेशन तेजी से जारी है। चमोली प्रशासन ने हेलीकॉप्टर के जरिए राहत सामग्री पहुंचाने का ऐलान किया है।
दूसरी ओर, देहरादून जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई। प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर पानी और मलबे में डूब गया, जबकि मसूरी-देहरादून हाईवे कई जगहों पर टूट गया। नदियां उफान पर आ गईं, जिससे आसपास के बाजार और घर जलमग्न हो गए। हालांकि यहां सीधे मौत की कोई खबर नहीं है, लेकिन संपत्ति को लाखों का नुकसान हुआ है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून से चमोली का दौरा किया और ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा, "हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। एनडीआरएफ की 4 टीमें और एसडीआरएफ की 3 टीमें घटनास्थल पर हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी फोन पर सीएम से बात की और अतिरिक्त सहायता का भरोसा दिया।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बादल फटने जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसके लिए मजबूत आपदा प्रबंधन सिस्टम जरूरी है।
Updated on:
18 Sept 2025 10:36 am
Published on:
18 Sept 2025 09:15 am

