राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की राष्ट्रीय सेवा के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल में भी एक शांतिपूर्ण रैली का आयोजन किया गया था। लेकिन विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का आरोप है कि इस रैली में पश्चिम बंगाल पुलिस ने अनावश्यक रूप से बाधा डालने की कोशिश की है।
रविवार को नेता प्रतिपक्ष ने एक बयान जारी करते हुए कहा, मैं महेशतला में आज हो रहे घोर अत्याचार से बेहद निराश और क्षुब्ध हूं। ममता पुलिस, निरंकुश तृणमूल कांग्रेस शासन की कठपुतली बनकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा राष्ट्र सेवा के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित शांतिपूर्ण पथ संचलन (रूट मार्च) में बेशर्मी से बाधा डाल रही है। भाजपा नेता के अनुसार, पुलिस की यह कार्रवाई न केवल राष्ट्र निर्माण और सेवा के लिए समर्पित एक देशभक्त संगठन पर हमला है, बल्कि उनके लोकतांत्रिक अधिकारों और सभा करने की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
अधिकारी ने आगे कहा, ममता बनर्जी के कठोर शासन में, पश्चिम बंगाल उत्पीड़न का अड्डा बन गया है, जहां हिंदू सांस्कृतिक कार्यक्रमों का गला घोंटा जा रहा है, राष्ट्रवादी संगठनों को बाधित किया जा रहा है और गुंडे और घुसपैठिए खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के बजाय, राष्ट्रवाद और एकता की आवाज को दबाने के लिए हथियार का इस्तेमाल कर रही है। शर्म आनी चाहिए ममता पुलिस।
इस मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस या पुलिस प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। रविवार को पश्चिम बंगाल में ईडब्ल्यूआरएसएस का कार्यक्रम इस बार थोड़ा अलग था। देश के अन्य सभी राज्यों में, आरएसएस की शताब्दी के उपलक्ष्य में सबसे महत्वपूर्ण सभा विजयादशमी के दिन होगी। पश्चिम बंगाल में, वह सभा महालया के दिन ही आयोजित की गई थी। आरएसएस के प्रचार प्रभारी बिप्लब रॉय ने बताया, हमने महालया के अवसर पर पूरे पश्चिम बंगाल में लगभग एक हजार जगहों पर सभाएं आयोजित करने की योजना बनाई थी। इनमें से लगभग तीन सौ दक्षिण बंगाल में थीं, बाकी मध्य बंगाल और उत्तर बंगाल में थीं। लगभग सभी जगहों से, जहां सभाएं आयोजित की गई थीं, कार्यक्रमों की तस्वीरें और वीडियो हमारे पास पहुंच गए हैं।
Published on:
21 Sept 2025 11:01 pm