Vice President Election: उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में मंगलवार को विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही विपक्षी खेमे में नई अटकलों का दौर शुरू हो गया है। एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन को चुनाव में 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। इसके साथ ही कांग्रेस के दावों की भी पोल खुल चुकी है। चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के बाद कांग्रेस ने दावा किया था कि विपक्ष के 315 सांसदों ने वोट किया है और इसे "एकता का अभूतपूर्व प्रदर्शन" बताया।
विपक्षी प्रत्याशी को हार मिलने के बाद ही कयास लगाना शुरू हो गया कि क्या उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई है? यदि कांग्रेस के दावों से पता लगाया जाए तो करीब 15 विपक्षी सांसदों ने एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया है। दरअसल, एनडीए के पास 427 वोट थे और उसे समर्थन दे रही वाईएसआर कांग्रेस के पास 11 सांसद थे। यानी एनडीए के वोटों की सीमा 438 होनी चाहिए थी, लेकिन राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, यानी एनडीए प्रत्याशी को 14 वोट ज्यादा मिले।
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 15 वोट रद्द हुए है। इसके बाद विपक्षी वोटों पर भी सवाल उठने लग गया, क्योंकि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि विपक्ष के 315 सांसदों ने वोट दिए है। हालांकि विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। इस तरह कांग्रेस के दावे से रेड्डी को 15 वोट कम मिले।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर तंज कसा। एक्स पर पोस्ट करते हुए दुबे ने लिखा- मिले तो 300 ही, 15 लोग कौन से भागकर हमको यानि NDA प्रत्याशी को वोट दे दिए? भाई आपके तो जनता के साथ नेता भी भाग गए। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- वैसे राहुल गांधी उप राष्ट्रपति जी का चुनाव EVM से नहीं बैलेट पेपर से ही हुआ।
उपराष्ट्रपति चुनाव में मिले वोटों को लेकर विपक्ष के लिए खासतौर पर कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बन गया है। दरअसल, यह विपक्ष की एकजुटता पर भी सवाल उठाता है, क्योंकि इस साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने है और इसके अगले साल भी कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है।
Published on:
09 Sept 2025 09:42 pm