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Share Trading Fraud: वायुसेना के पूर्व सैनिक ने गंवाए 97 लाख, धोखेबाजों को पेमेंट करने के लिए लिया 55 लाख का कर्ज

भारतीय वायु सेना (IAF) के एक पूर्व सैनिक ने शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी में 97 लाख रुपये गंवा दिए। इस धोखाधड़ी में उन पर भुगतान जारी रखने के लिए 55 लाख रुपये का कर्ज लेने का दबाव डाला गया।

Cyber ​​Fraud Update
शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी (फाइल फोटो)

Share Trading Fraud: देशभर में शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी के मामले बढ़ते ही जा रहे है। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद आम लोग ही नहीं बल्कि बड़े अधिकारी भी उनके शिकार हो रहे है। एक ऐसा ही मामला महाराष्ट्र के पुणे से सामने आया है। भारतीय वायु सेना (IAF) के एक 53 वर्षीय पूर्व सैनिक ने शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी में 97 लाख रुपये गंवा दिए। इस धोखाधड़ी में उन पर भुगतान जारी रखने के लिए 55 लाख रुपये का कर्ज लेने का दबाव डाला गया। पूर्व सैनिक को एक फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप पर लॉग इन कराया गया, जहां उनकी कथित कमाई 4.4 करोड़ रुपये दिखाई गई।

वायुसेना के पूर्व सैनिक को ऐसे बनाया शिकार

इस धोखाधड़ी की जानकारी देते हुए रिटायर सैन्यकर्मी ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस साल की शुरुआत में उनको 40 दिनों की अवधि में म्यूल खातों में 18 बड़े हस्तांतरण करने के लिए कहा गया। इस दौरान उन्हें यह विश्वास दिलाया गया कि वह एक विश्वसनीय शेयर ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म में निवेश कर रहे हैं। लेकिन हकीकत में उन्हें शेयर ट्रेडिंग विशेषज्ञ बनकर साइबर धोखेबाजों द्वारा ठगा जा रहा था। खास बात यह है कि शिकायतकर्ता को यह पता नहीं चला

खुद को बताया शेयर बाजार विशेषज्ञ

एक शेयर ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म के विज्ञापन में दिए गए लिंक पर क्लिक करने के बाद, शिकायतकर्ता को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया और उसे एक शेयर ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करने का लिंक भेजा गया। इसमें उनसे अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी देने के लिए बोला गया। इसके बाद ग्रुप में मौजूद साइबर जालसाजों ने जो खुद को इसके प्रशासक और शेयर बाजार विशेषज्ञ बताते थे। इस दौरान पीड़ित को शेयर ट्रेडिंग के टिप्स देने शुरू कर दिए।

फर्जी जानकारी देकर खाते में डलवाए पैसे

जालसाज ने उसे शेयर निवेश से जुड़ी फर्जी जानकारी और साथ ही पैसे भेजने के लिए एक खाता संख्या भी दी। शिकायतकर्ता द्वारा किया गया हर लेन-देन, उस फर्जी ऐप पर काफी ज्यादा रिटर्न के साथ दिखाई दे रहा था। ये फर्जी रिटर्न, जो भेजे गए पैसे से कई गुना ज्यादा थे, उसे और ज्यादा पैसे भेजने के लिए लुभाते रहे।

लालच में आकर गंवा दी सारी जमा-पूंजी

एक समय ऐसा आया जब शिकायतकर्ता अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर चुका था, और धोखेबाज़ों ने खुद को विशेषज्ञ बताकर उसे बताया कि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में निवेश का एक अच्छा मौका है। जब उसने बताया कि उसकी सारी जमा-पूंजी खत्म हो गई है, तो धोखेबाजों ने उसे बहकाया और यह कहकर ऋण लेने के लिए दबाव डाला कि इससे उसकी कमाई खत्म हो जाएगी। उसे 30 लाख रुपये का पर्सनल लोन और 25 लाख रुपये का गोल्ड लोन लेने के लिए मजबूर किया गया, जिसके बाद भी वह खच्चर खातों में भुगतान करता रहा।

जांच के दौरान हुए ये खुलासे

जांच में पता चला है कि ये म्यूल खाते महाराष्ट्र के सतारा, पश्चिम बंगाल के कोलकाता और 24 परगना, हैदराबाद, असम के बारपेटा, केरल के पलक्कड़, मध्य प्रदेश के इंदौर और धार, ओडिशा के खोरधा व अन्य जगहों पर स्थित थे।