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‘ऐसा माहौल बनाया गया…’, सरदार पटेल की जयंती पर कांग्रेस के दो कद्दावर नेताओं ने भाजपा-RSS पर साधा निशाना

सरदार पटेल जयंती पर कांग्रेस ने भाजपा-आरएसएस पर कटाक्ष किया। जयराम रमेश बोले, 2014 के बाद इतिहास को बेशर्मी से तोड़-मरोड़कर गलत पेश किया जा रहा है।

भारत

Mukul Kumar

Oct 31, 2025

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह। फोटो- (IANS)

सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर कांग्रेस ने भाजपा-आरएसएस पर जमकर कटाक्ष किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 2014 के बाद से, इतिहास को बेशर्मी से देश में तोड़-मड़ोड़कर और गलत तरह से पेश किया जा रहा है।

अपने एक्स पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा कि आज पूरा देश सरदार पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि 13 फरवरी, 1949 को जवाहरलाल नेहरू ने गोधरा में सरदार पटेल की एक प्रतिमा का अनावरण किया था, जहां भारत के लौह पुरुष ने अपनी वकालत शुरू की थी।

उस अवसर पर नेहरू के भाषण को बार-बार पढ़ा जाना चाहिए ताकि तीन दशकों से भी ज्यादा समय तक चली उनकी गहरी दोस्ती की झलक मिल सके।

नेहरू ने क्या दिया था संदेश?

रमेश ने आगे लिखा कि सरदार पटेल की 75वीं जयंती की पूर्व संध्या पर एक संदेश में, नेहरू ने कहा था- बहुत कम लोगों के नाम सरदार पटेल जैसा लंबा और उल्लेखनीय सेवा रिकॉर्ड हो सकता है।

फिर भी, वे देश के लिए महत्वपूर्ण और एक बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मैं राष्ट्रीय गतिविधियों में उनके साथ बिताए तीस वर्षों की दोस्ती और घनिष्ठ संपर्क को याद करता हूं।

यह उतार-चढ़ाव और महान घटनाओं से भरा दौर रहा है और हम सभी की कड़ी परीक्षा हुई है। सरदार पटेल इन कठिनाइयों से उबरकर भारतीय परिदृश्य पर एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में उभरे हैं।

19 सितंबर, 1963 को सरदार पटेल की एक प्रतिमा का किया गया था अनावरण

जयराम रमेश ने आगे बताया कि 19 सितंबर, 1963 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन ने नई दिल्ली के एक प्रमुख चौराहे पर, संसद भवन और चुनाव आयोग के कार्यालय के पास, सरदार पटेल की एक प्रतिमा का अनावरण किया था। उस समय नेहरू भी मौजूद थे। उस वक्त भी उन्होंने सरदार पटेल की खूब तारीफ की थी।

रमेश ने आगे कहा कि जिस विचारधारा की आजादी की लड़ाई और संविधान के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी, वह (भाजपा-आरएसएस) अपना हित साधने के लिए महापुरुषों की विरासत को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि स्वयं सरदार पटेल के शब्दों में एक ऐसी विचारधारा का माहौल बनाया गया, जिसने 30 जनवरी, 1948 (महात्मा गांधी की हत्या) की भयानक त्रासदी को संभव बनाया।

क्या बोले दिग्विजय सिंह?

उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी भाजपा और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिन्ना (पाकिस्तान के संस्थापक) और सावरकर ने देश का बंटवारा किया और अब भाजपा हर शहर और हर मोहल्ले को बांट रही है।

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार (31 अक्टूबर) को भाजपा द्वारा आयोजित 'रन फॉर यूनिटी' के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि हम इस आयोजन का स्वागत करते हैं, लेकिन यह न भूलें कि 31 अक्टूबर एक शहादत दिवस भी है। वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र कर रहे थे, जिनकी 31 अक्टूबर, 1984 की सुबह उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी।