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सबरीमाला सोना चोरी केस: CPI(M) नेता पद्मकुमार की गिरफ्तारी से केरल में सियासी भूचाल, विपक्ष ने ऐसे बढ़ाया सरकार पर दबाव

Sabarimala gold theft case: सबरीमाला सोना चोरी मामले में CPI(M) के सीनियर नेता और पूर्व विधायक ए. पद्मकुमार को गिरफ्तार किया गया है। इस गिरफ्तारी से केरल में राजनीतिक तूफान आ गया है।

Sabarimala gold theft case
सबरीमाला सोना चोरी केस (Photo-IANS)

Sabarimala gold theft case: सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी के मामले में CPI(M) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ए पद्मकुमार की गिरफ्तारी ने केरल की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस और BJP ने सत्ताधारी CPI(M) पर हमला बोलते हुए बड़े नेताओं व मंत्रियों की संलिप्तता का आरोप लगाया है। विशेष जांच टीम (SIT) ने गुरुवार को पद्मकुमार को गिरफ्तार किया, जो 2019 में त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (TDB) के अध्यक्ष थे। यह मामला 2019 में मंदिर के द्वारपालक मूर्तियों और श्रीकोविल के सोने-मढ़ी तांबे की प्लेटों को इलेक्ट्रोप्लेटिंग के नाम पर गायब करने से जुड़ा है।

दूसरी हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी, जांच तेज

TDB के पूर्व अध्यक्ष एन वासु के बाद पद्मकुमार की यह दूसरी बड़ी गिरफ्तारी है। SIT ने पद्मकुमार को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी के साथ गुप्त बैठकें करने का खुलासा किया। अब तक छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। विपक्ष ने हाईकोर्ट से निगरानी में जांच तेज करने की मांग की है, जबकि ED ने भी FIR की डिटेल्स मांगी हैं।

कांग्रेस नेता का तीखा प्रहार

विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने कहा, 'यह गिरफ्तारी केरल को झकझोर देने वाली है। इससे साबित होता है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के करीबी सीधे शामिल थे। पहले वासु, अब पद्मकुमार—कई गिरफ्तारियां CM के चहेतों की हुई हैं। हमें यकीन है कि पूर्व देवस्वोम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन का अहम रोल है। वे और पोट्टी घनिष्ठ मित्र हैं।'
सतीशन ने याद दिलाया कि वासु की गिरफ्तारी पर कडकम्पल्ली ने उसे 'अच्छा अधिकारी' बताकर बचाव किया था। वे डरते थे कि वासु राज खोल देंगे। CPI(M) नेतृत्व सब जानता है। अगर हाईकोर्ट निगरानी न करता, तो मामला दब जाता। अब और नेता जेल जाएँगे।'

BJP का हमला: मंत्री से मांगा इस्तीफा

राज्य BJP अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा, 'CM विजयन की जानकारी के बिना यह संभव नहीं। देवस्वोम मंत्री वीएन वासवान पद पर नहीं रह सकते—उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। अगर राज्य सरकार मंदिरों को भ्रष्टाचार से नहीं बचा सकती, तो केंद्र को सौंप दें।' कांग्रेस के रमेश चेनिथाला ने इसे 'आइसबर्ग का टिप' बताते हुए मंत्रियों को असली मास्टरमाइंड कहा।

CPI(M) का बचाव: 'गिरफ्तारी का मतलब अपराध सिद्ध नहीं'

CPI(M) राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने कहा, 'गिरफ्तारी का मतलब अपराध सिद्ध नहीं। पार्टी किसी को नहीं बचाएगी, लेकिन प्रक्रिया को काम करने दें।' पूर्व देवस्वोम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन ने इनकार किया, 'गोल्ड-प्लेटिंग में विजयन सरकार का कोई हाथ नहीं। TDB ही फैसले लेता है, हमारी भूमिका तीर्थयात्रा प्रबंधन तक सीमित है।'