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‘दुनिया पीएम मोदी की बात सुनती है क्योंकि…’ RSS चीफ भागवत ने बताया राम मंदिर के बाद क्या है अलग लक्ष्य

RSS चीफ मोहन भागवत ने पुणे में आरएसएस की 100 साल की यात्रा को लेकर आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी और राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया। साथ ही, संघ का अलगा लक्ष्य भी बताया। जानिए क्या कहा...

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Mohan Bhagwat

सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत। फोटो- पत्रिका नेटवर्क

RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पीएम मोदी की तारीफ की है। भागवत ने कहा कि दुनिया पीएम मोदी की बात इसलिए सुनती है क्योंकि भारत एक उभरता हुआ देश है। भारत की शक्ति को पूरी दुनिया महसूस कर चुकी है। यही कारण है कि वह भारत की आवाज महत्व देती है।

भारत ज्ञान व प्रकाश की परंपरा

RSS चीफ ने कहा कि भारत केवल एक भौगोलिक इकाई नहीं है, बल्कि ज्ञान व प्रकाश की परंपरा है। अगर भारत का विकास सबके विकास का कारण बने तो वही सच्चा विकास है। अन्यथा वह विनाश का प्रतीक बन जाता है। उन्होंने कहा कि जब भारत आगे बढ़ता है तो दुनिया में शांति और स्थिरता आती है।

संघ सामूहिक चेतना जगाता है

संघ प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का काम शक्ति, संवाद और समाज की सामूहिक चेतना से चलता है। विविधता में एकता ही हमारा आधार है। परंपरा और मूल्यों को भूलना सबसे बड़ा संकट है। भारत सभी विचारधाराओं की केंद्र भूमि है।

राम मंदिर पर दिया बड़ा बयान

पुणे में आरएसएस की 100 साल की यात्रा को लेकर आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण केवल एक अध्याय का समापन नहीं बल्कि ‘राष्ट्र मंदिर’ यानी मजबूत, संगठित और समन्वित भारत की दिशा में अगला कदम तय करने का अवसर है। उन्होंने बताया कि भारत की भूमिका विश्व शांति, वैश्विक संतुलन और सार्वभौमिक कल्याण में निर्णायक हो सकती है। बशर्ते समाज एकजुट रहे और अपनी मूल पहचान, परंपरा और जिम्मेदारी को समझे।

क्या है संघ का अलगा लक्ष्य

मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर अब भव्य रूप में आ चुका है। ध्वजारोहण भी हो गया है। इसी के साथ यह संदेश भी उभर रहा है कि देश का राष्ट्रमंदिर भी जल्द ही आकार लेगा। वह इससे भी अधिक और भव्य होगा। मंदिर केवल पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि समाज की शक्ति का आधार है। जैसे राम मंदिर बन रहा है, वैसे ही राष्ट्र मंदिर भी बने। अधिक भव्य और अधिक सुंदर। उन्होंने कहा कि हमारा अलगा लक्ष्य एक शक्तिशाली, एकजुट और वैश्विक कल्याण का नेतृत्व करने वाला भारत तैयार करना है। उन्होंने कहा कि यह काम तेजी और भव्यता के साथ पूरा करना होगा, ताकि भारत अपनी भूमिका पूरी मजबूती से निभा सके।