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अब रोजगार देने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले नहीं बचेंगे, मोदी ने तैयार किया नया एक्शन प्लान

मोदी सरकार निजी प्लेसमेंट एजेंसियों पर शिकंजा कसने के लिए नया कानून लाने जा रही है। इससे रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी और कर्मचारियों के शोषण पर अंकुश लगेगा। सरकार ने विधेयक के मसौदे पर हितधारकों से सुझाव और टिप्पणियां लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

भारत

Mukul Kumar

Sep 24, 2025

PM Modi
PM मोदी (फोटो- बीजेपी एक्स हैंडल)

मोदी सरकार ने देश और विदेशों में रोजगार देने वाली निजी प्लेसमेंट एजेंसियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। रोजगार देने के नाम पर धोखाधड़ी और काम देने के बाद कर्मचारियों का शोषण रोकने की घटनाएं आम हैं।

इस पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्र सरकार प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी रेगुलेशन कानून लाने जा रही है। कानून के लिए विधेयक के मसौदे पर हितधारकों से सुझाव व टिप्पणियां लेने की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है।

उम्मीद है कि श्रम मंत्रालय विधेयक को जल्द ही संसद में पारित करवाएगा। विधेयक में प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए नियामक संस्था के साथ भर्ती-भुगतान व कमीशन जैसी शर्तें और उनकी पालना सुनिश्चित करने के प्रावधान किए गए हैं।

देश में सरकारी और निजी कार्यालयों के साथ विदेशों में करोड़ों लोग प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से रोजगार पा रहे हैं। इन प्लेसमेंट एजेंसियों के पंजीयन और इनके माध्यम से रोजगार हासिल करने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर ठोस नियम कायदे नहीं है।

कैसे होता है शोषण

  • 10 से 15 हजार तक वेतन, ठेकेदार उसमें से कमीशन काटता है।
  • न्यूनतम वेतन से कम भुगतान, बीमा-पीएफ लाभ से वंचित, काम के घंटे ज्यादा
  • देशों में रोजगार के लिए बिना मंजूरी के ले जाने समेत अन्य तरह की धोखाधड़ी
  • सरकारी विभागों में संविदा पर काम करने वालों की ठेकेदार प्लेसमेंट एजेंसी की मनमानी
  • शिकायत तंत्र नहीं।

विधेयक में यह हाेंगे प्रमुख प्रावधान

  • प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी का राज्य व केंद्रीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, कड़ी शर्तें- एजेंसियों को आवेदक और नियोक्ताओं की जानकारी, प्लेसमेंट के विवरण आदि को इंटीग्रेटेड करियर सर्विस पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
  • भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचित शुल्क की जांच
  • विदेशों में प्लेसमेंट के लिए इमिग्रेशन प्रक्रिया से पहले आवश्यक मंजूरी अनिवार्य
  • केंद्रीय प्लेसमेंट सपोर्ट प्राधिकरण बनेगा, पालना पर नजर के साथ शिकायतों का निवारण करेगा
  • नियमों की अवेहलना, धोखाधड़ी पर जेल और जुर्माने के प्रावधान

एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान में बड़ी समस्या

राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत देश भर में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये रोजगार पाने वाले कर्मचारियों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा है। मध्यप्रदेश में केवल सरकारी विभागों में आउटसोर्स व शॉर्ट टर्म संविदा पर करीब 4 लाख लोग काम कर रहे हैं जिन्हें 10 से 15 हजार वेतन मिलता है।

छत्तीसगढ़ में एक लाख और राजस्थान में करीब दो लाख ऐसे कर्मचारी हैं। राजस्थान में खाड़ी देशों में रोजगार के लिए जाने वाले युवाओं के प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा ठगे जाने और विदेश जाकर फंसने की घटनाएं आम हैं।

कर रहे हैं संघर्ष

विभिन्न राज्यों में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए सरकारी विभागाें में काम करने वाले कर्मचारियों ने तो संगठन भी बना रखे हैं और अपनी समस्याओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष संजय एड़े ने कहा कि कम वेतन, शोषण और अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश में ऑल डिपार्टमेंट ऑउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक मनोज भार्गव ने कहा कि आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा लगातार सेवा नियमों का उल्लंघन कर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। इसे लेकर सरकार ने कोई पॉलिसी नहीं बना रही है, जिसका फायदा ठेकेदार उठा रहे हैं।