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Mysuru Dasara: अब दशहरा का उद्घाटन करेंगी बानू मुश्ताक, हाईकोर्ट के आदेश पर शिवकुमार बोले- आज हुआ न्याय

Mysuru Dasara: शिवकुमार ने मैसूर दशहरा के उद्घाटन के लिए लेखिका बानू मुश्ताक को सरकार द्वारा आमंत्रित किए जाने के खिलाफ याचिकाओं को उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने पर कहा, संविधान कहता है कि हमें हर धर्म का सम्मान करना चाहिए।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (Photo-IANS)

Mysuru Dasara Controversy: देशभर में इस वर्ष 2 अक्टूबर को दशहरा का उत्सव मनाया जाएगा। कर्नाटक के मैसूर में भी दस दिन तक दशहरा पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस बार विवादों की वजह से सुर्खियों में छाया हुआ। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने इस साल के दशहरा समारोह का बानू मुश्ताक (Banu Mushtaq) से कराने का निर्णय लिया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले से राजनीतिक घमासान शुरू हो गया। यह विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया। सोमवार को कोर्ट ने दशहरा के उद्घाटन के लिए लेखिका बानू मुश्ताक को कर्नाटक सराकर द्वारा आतंत्रित किए जाने के खिलाफ याचिकाओं को रद्द कर दिया।

हाईकोर्ट के फैसले पर शिवकुमार की प्रतिक्रिया

हाईकोर्ट के फैसले के बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का बयान भी सामने आया है। शिवकुमार ने मैसूर दशहरा के उद्घाटन के लिए लेखिका बानू मुश्ताक को सरकार द्वारा आमंत्रित किए जाने के खिलाफ याचिकाओं को उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने पर कहा, संविधान कहता है कि हमें हर धर्म का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आज न्याय हुआ है।

इसलिए हो रहा है विरोध

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने कर्नाटक सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है।इसके साथ ही सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मुश्ताक इस धार्मिक समारोह के लिए उपयुक्त चेहरा हैं। बीजेपी नेताओं के अनुसार, यह उत्सव देवी पूजा से शुरू होता है। ऐसे में किसी ऐसी शख्सियत से उद्घाटन नहीं करवाना चाहिए, जिसकी धार्मिक आस्था स्पष्ट नहीं है। खासकर बीजेपी नेताओं कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

पहले भी विवादों में रह चुका है मैसूर दशहरा

आपको बता दें कि पहले भी मैसूर दशहरा विवादों में रह चुका है। दरअसल, कुछ दलित और प्रगतिशील संगठन महिषासुर को राक्षस नहीं मानते। उसको एक स्थानीय शासक और बौद्ध सुधारक के रूप में मानते है। इतना ही नहीं वे लोग महिषा दशहरा मनाते हैं। इसलिए हर साल महिषा दशहरा के कार्यक्रमों, मूर्तियों और जुलूसों को लेकर टकराव होते रहते है। कई बार पुलिस को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ता है।

दशहरा को लेकर 5 बड़े विवाद

मैसूर दशहरा उद्घाटन विवाद (कर्नाटक):

कर्नाटक सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता मुस्लिम लेखिका बानू मुश्ताक को मैसूर दशहरा महोत्सव का उद्घाटन करने का निमंत्रण दिया। भाजपा नेताओं ने इसका विरोध किया, दावा किया कि यह हिंदू धार्मिक उत्सव है और गैर-हिंदू को आमंत्रित करना परंपरा का अपमान है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे धर्मनिरपेक्षता बताया, जबकि हाईकोर्ट ने विरोधी याचिकाएं खारिज कर दीं। यह विवाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का रूप ले चुका है।

बस्तर दशहरा रथ निर्माण विवाद (छत्तीसगढ़):

बस्तर दशहरा के रथ के लिए लकड़ी काटने पहुंचे ग्रामीणों पर डिप्टी रेंजर डीपी पांडे ने कथित तौर पर बदसलूकी की। ग्रामीणों ने वन समिति की सहमति होने का दावा किया, लेकिन अधिकारियों ने इसे अवैध बताया। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय का घेराव किया। यह कई दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा की परंपरा पर सवाल उठाता है, जहां दंतेश्वरी माता की पूजा मुख्य है।

कुल्लू दशहरा में देवताओं के बीच धुर विवाद (हिमाचल प्रदेश):

कुल्लू दशहरा की रथ यात्रा में दो देवताओं (जमदग्नि ऋषि और अन्य) के बीच दाईं ओर चलने को लेकर 20 वर्षों से विवाद चला आ रहा है। 1977 के बाद दोनों देवता कई बार उत्सव से दूर रहे। 2007 में पुलिस हस्तक्षेप के दौरान पथराव तक हो गया। सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है, जो स्थानीय देव संस्कृति को प्रभावित कर रहा है।

रावण दहन अवशेष विवाद (दिल्ली):

मुखर्जी नगर में दशहरा के बाद रावण पुतले के अवशेष उठाने को लेकर दो गुटों के बीच झगड़ा हुआ, जिसमें एक नाबालिग सहित दो को चाकू मार दिया गया। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि पीड़ितों और आरोपियों के बीच पहले से एक लड़की को लेकर विवाद था। यह घटना त्योहार की शांति भंग करने का उदाहरण है।

मैसूर दशहरा में हाथी उपयोग विवाद (कर्नाटक):

मैसूर दशहरा की भव्य जुलूस में हाथियों का उपयोग पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के निशाने पर है। पर्यावरणविदों का आरोप है कि हाथियों को क्रूरता से प्रशिक्षित किया जाता है, जो कल्याण के खिलाफ है। यूनेस्को द्वारा सांस्कृतिक विरासत घोषित होने के बावजूद, यह विवाद परंपरा बनाम आधुनिक नैतिकता का प्रतीक है।