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बेटे-बहू और पोते-पोतियों को बेरहमी से मार डाला, अब कोर्ट ने 80 साल के शख्स को सुनाई मौत की सजा, पढ़ें पूरा मामला

केरल की अदालत ने इडुक्की के हमीद (80) को संपत्ति विवाद में बेटे अब्दुल फैसल, बहू शीबा और पोते-पोतियों मेहर-अफसाना की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई।

भारत

Mukul Kumar

Oct 31, 2025

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। फोटो- (IANS)

केरल की एक अदालत ने गुरुवार को 80 साल के एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है। दरअसल, तीन साल पहले संपत्ति विवाद के बाद घर में आग लगाकर बेटे, बहू और पोते-पोतियों की हत्या करने के जुर्म में उसे दोषी ठहराया गया है।

न्यायाधीश ऐश के बल ने केरल में इडुक्की के चीनीकुझी स्थित अलियाकुनेल हाउस निवासी हमीद को अब्दुल फैसल, पत्नी शीबा और बच्चों मेहर व अफसाना की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई।

मार्च 2022 में यह दुर्दांत घटना हुई थी। इस मामले में अदालत ने हमीद पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हमीद को हत्या, आपराधिक साजिश और सबूत नष्ट करने के मामले में दोषी पाया गया है।

संपत्ति और कुछ पैसों को लेकर हुआ था विवाद

अभियोजन पक्ष के हवाले से 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पत्नी की मृत्यु के बाद हमीद मनियांकुडी में रहता था, लेकिन बाद में अपने बेटे फैसल के घर लौट आया।

संपत्ति और कुछ पैसों को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब हमीद ने फैसल से कुछ संपत्तियां व दस्तावेज वापस करने की मांग की थी। जब फैसल ने इनकार कर दिया, तो हमीद ने परिवार को जान से मारने की धमकी दे डाली।

खिड़कियों से पेट्रोल डालकर घर में लगा दी आग

18 मार्च, 2022 की सुबह हमीद ने परिवार के सोते समय घर को बाहर से बंद कर दिया। फिर उसने खिड़कियों से पेट्रोल डालकर घर में आग लगा दी।

साथ ही अंदर पेट्रोल से भरी बोतलें भी फेंकी। फैसल और उसके परिवार ने बचने की काफी कोशिश की, लेकिन वे बच नहीं पाए।

अदालत ने इस कृत्य को पूर्वनियोजित और बेहद क्रूर बताया। इसके साथ कहा कि इस अपराध ने जनता की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और इसलिए ऐसी सजा जरूरी है।

इसी तरह की एक और घटना

केरल के कोल्लम जिले के कडप्पाक्काडा में 28 जून को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। 80 साल के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनिवास पिल्लई ने अपने बेटे विष्णु एस.पी. की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी, फिर खुद को मार लिया।

श्रीनिवास रिटायर्ड वकील थे और विष्णु बेरोजगार। परिवार में कोई अन्य सदस्य नहीं था। पुलिस को संदेह था कि पिता ने बेटे के व्यवहार से तंग आकर यह कदम उठाया।