अहम: लाल सागर में हुई घटना, कनेक्टिविटी के लिए अहम
क्या आपने भी रविवार को महसूस किया कि इंटरनेट कुछ धीमा रहा? वजह है रेड सी यानी लाल सागर, जहां पानी के नीचे बिछीं केबल कट गईं। इस वजह से भारत समेत दक्षिणी एशिया और मध्य पूर्व के कईं देशों की कनेक्टीविटी प्रभावित हुई। कहना गलत नहीं होगा कि ये केबल साधारण तार नहीं, बल्कि वैश्विक इंटरनेट कनेक्शन की रीढ़ हैं।
हजारों किलोमीटर लंबी ये फाइबर-ऑप्टिक लाइनें समुद्रतल के करीब बिछी होती हैं और अलग-अलग महाद्वीपों को जोड़ती हैं। इन्हीं में से दो बड़ी केबल सिस्टम- एसएमडब्लयू4 और आईएमईडब्लयूई इस बार प्रभावित हुईं। एसएमडब्लयू4 का संचालन भारत की टाटा कम्युनिकेशंस करती हैं, जबकि आईएमईडब्लयूई कई देशों की कंपनियों का साझा नेटवर्क है। इस घटना के कारण भारत के अलावा पाकिस्तान, यूएई, सऊदी अरब और कुवैत के यूजर्स ने भी इंटरनेट स्पीड घटने की शिकायत की। कुवैत ने माना कि उसका फैल्कन जीसीएक्स कैबल भी डैमेज हुआ है। यमन की सरकार ने हूती विद्रोहियों पर शक जताया है, जो पिछले एक साल में लाल सागर में सौ से ज्यादा जहाजों पर हमले कर चुके हैं। हालांकि, उन्होंने इस बार जिम्मेदारी से इनकार कर दिया है।
ये कट कैसे हुए, इसके दो संभावित कारण बताए जा रहे हैं:
- किसी जहाज का एंकर इन केबल्स से टकरा गया।
- या फिर यह जानबूझकर किया गया हमला भी हो सकता है।
आसान नहीं इनकी मरम्मत
इन केबल को ठीक करना इतना आसान नहीं है। खास जहाज भेजकर पहले समुद्र तल में केबल को खोजा जाता है। फिर उसके क्षतिग्रस्त जोड़ों को सुधारा जाता है। यह प्रक्रिया कईं हफ्तों तक चल सकती है, यानी निकट भविष्य में यूजर्स को इंटरनेट संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
Published on:
09 Sept 2025 05:16 am