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कैसे सौतेली मां बनीं Ratan Tata के जीवन की ताकत? पढ़े सिमोन टाटा की कहानी

स्विट्ज़रलैंड में जन्मीं सिमोन डनॉय की मुलाकात नवल टाटा से हुई, जिसके बाद दोनों ने विवाह कर भारत में नया जीवन बसाया। नवल टाटा की पहली पत्नी सूनू कोमिस्सार थीं, जिनसे रतन टाटा और उनके छोटे भाई जिमी का जन्म हुआ था।

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Simone Tata Passes Away

रतन टाटा की सौतेली मां का निधन

Simone Tata Passes Away: टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा की सौतेली मां और भारतीय कॉरपोरेट जगत की प्रभावशाली हस्ती सिमोन टाटा का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया। वे टाटा समूह के इतिहास और विशेषकर लैक्मे ब्रांड के विकास में अपनी अहम भूमिका के लिए जानी जाती थीं।

नवल टाटा से विवाह के बाद बनीं रतन टाटा की सौतेली मां

स्विट्ज़रलैंड में जन्मीं सिमोन डनॉय की मुलाकात नवल टाटा से हुई, जिसके बाद दोनों ने विवाह कर भारत में नया जीवन बसाया। नवल टाटा की पहली पत्नी सूनू कोमिस्सार थीं, जिनसे रतन टाटा और उनके छोटे भाई जिमी का जन्म हुआ था। बाद में विवाह-विच्छेद के पश्चात जब नवल टाटा ने सिमोन से शादी की, तो वे रतन और जिमी की सौतेली मां बनीं। हालांकि “सौतेली मां” शब्द अक्सर दूरी का संकेत देता है, लेकिन टाटा परिवार में यह रिश्ता सम्मान, अपनापन और गरिमा से भरपूर रहा।

रतन टाटा और सिमोन टाटा का रिश्ता-सम्मान और विश्वास पर आधारित

रतन टाटा ने हमेशा परिवार को लेकर संयमित और गरिमामय रुख बनाए रखा। उन्होंने सिमोन टाटा के प्रति गहरा सम्मान प्रकट किया है। वहीं सिमोन टाटा भी रतन और जिमी के प्रति सौम्य, सम्मानपूर्ण और सहयोगी रहीं। टाटा परिवार की संस्कृति, उसकी simplicity और modern outlook के पीछे सिमोन टाटा की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। उन्होंने परिवार में यूरोपीय सादगी और भारतीय पारंपरिक गरिमा का संतुलित मेल बनाए रखा।

लैक्मे की आधारशिला रखने वाली दूरदर्शी महिला

1950 के दशक में जब भारत में सौंदर्य प्रसाधनों का बाजार लगभग ना के बराबर था, तब सिमोन टाटा ने टाटा समूह को इस क्षेत्र में उतरने की सलाह दी। उनके नेतृत्व में लैक्मे भारत का सबसे विश्वसनीय और लोकप्रिय ब्यूटी ब्रांड बना। बाद में भले ही इसे हिंदुस्तान यूनिलीवर को बेच दिया गया, लेकिन इसकी मूल पहचान, शुरुआती विकास और ब्रांड बिल्डिंग का श्रेय सिमोन टाटा को ही जाता है। लैक्मे के अलावा उन्होंने टाटा इंडस्ट्रीज़ में भी अहम भूमिका निभाई और समूह को आधुनिक विस्तार की दिशा में आगे बढ़ाया।

परिवार और उद्योग-दोनों में प्रेरणादायक उपस्थिति

सिमोन टाटा अपने अनुशासित, विनम्र और व्यावसायिक व्यक्तित्व के कारण परिवार में एक सम्माननीय उपस्थिति रहीं। वे नवल टाटा की जीवनसंगिनी ही नहीं, बल्कि रतन टाटा के व्यक्तित्व, मूल्यों और सांस्कृतिक दृष्टिकोण पर भी मजबूत प्रभाव छोड़ गईं। इस तरह, सिमोन टाटा सिर्फ रतन टाटा की सौतेली मां नहीं थीं—वे भारतीय कॉरपोरेट इतिहास की एक दूरदर्शी, मजबूत और प्रेरणादायक महिला के रूप में हमेशा याद की जाएंगी।