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‘एजेंट को दिए थे 50 लाख’: अमेरिका जाने के ‘डंकी रूट’ पर ग्वाटेमाला में हरियाणा के युवक की हत्या

युवराज के मामा गुरपेज सिंह ने बताया कि उसने 12वीं पास कर ली थी और परिवार का भरण-पोषण करना चाहता था। हमें बताया गया था कि वह संपर्कों के जरिए सुरक्षित अमेरिका पहुंच जाएगा।

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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (Photo-IANS)

हरियाणा के कैथल जिले के मोहना गांव के 18 वर्षीय युवराज की मानव तस्करों ने ग्वाटेमाला में बंधक बनाकर हत्या कर दी। वह पिछले साल अक्टूबर में अवैध ‘डंकी रूट’ से अमेरिका पहुंचकर रोजगार पाने की उम्मीद में घर से निकला था। परिवार ने शनिवार को यह दर्दनाक खुलासा किया। युवराज, एक किसान के इकलौते बेटे थे, जिन्होंने 12वीं पास करने के बाद परिवार का बोझ कम करने का सपना देखा था।

एजेंट को दिए थे 50 लाख

युवराज के मामा गुरपेज सिंह ने बताया कि उसने 12वीं पास कर ली थी और परिवार का भरण-पोषण करना चाहता था। हमें बताया गया था कि वह संपर्कों के जरिए सुरक्षित अमेरिका पहुंच जाएगा। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, युवराज 13 अक्टूबर 2024 को घर छोड़कर निकले थे। हरियाणा के तीन ट्रैवल एजेंटों (देवेंद्र चीम, नवजोत दुषैं और नवनीत उर्फ नीतू उर्फ माइकल) ने सुरक्षित यात्रा का वादा कर परिवार से भारी रकम वसूली। कुल 40-50 लाख रुपये दिए गए, जिनमें 16 लाख की पहली किश्त शामिल थी। लेकिन भुगतान के तुरंत बाद युवराज से संपर्क टूट गया।

बंधक वीडियो दिखाकर मांगी फिरौती

महीनों बाद परिवार को भयावह वीडियो मिले, जिसमें युवराज और पंजाब के एक अन्य युवक को ग्वाटेमाला में बंधक बनाए दिखाया गया। तस्करों ने उन्हें जमीन पर लिटाकर थप्पड़ मारे, पिस्तौल लहराई और हत्या की धमकी दी।

युवराज का आखिरी वीडियो संदेश

युवराज ने अपने परिवार के लिए एक अंतिम वीडियो संदेश में बताया, 'पापाजी, उन्होंने हमें बंधक बना लिया है। वे बुरी तरह पीट रहे हैं। वे हमें मार देंगे... पैसे भेज दो। वरना मार देंगे।' तस्करों ने रिहाई के लिए 17.5 लाख रुपये की फिरौती मांगी। परिवार ने हरियाणा के एजेंटों के जरिए 8 लाख रुपये भेजे, लेकिन पैसे तस्करों तक नहीं पहुंचे। परिवार का मानना है कि स्थानीय एजेंटों ने पैसे हड़प लिए।

मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मांगे 3 लाख

हाल ही में एक तस्कर ‘पॉल’ (नेपाली नागरिक) ने संपर्क कर युवराज की हत्या की सूचना दी और सबूत के लिए 3 लाख रुपये मांगे। भुगतान के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र और लाश की तस्वीरें भेजी गईं, जो 17 दिसंबर 2024 को अपहरण के बाद की बताई जा रही हैं। युवराज की मां सरबजीत कौर ने रोते हुए कहा, सब कुछ बर्बाद हो गया... मेरा सहारा हमेशा के लिए चला गया। भगवान उनको माफ नहीं करेगा।

पुलिस कार्रवाई और डंकी रूट का खतरा

परिवार ने मार्च में कैथल एसपी से शिकायत की, जिसके बाद दो स्थानीय एजेंट गिरफ्तार हुए। लेकिन मौत की खबर ने सबको तोड़ दिया। गुरपेज ने कहा, 'हमने कुल 40-50 लाख एजेंटों को दिए, लेकिन कुछ नहीं मिला।' आपको बता दें कि हरियाणा, पंजाब और गुजरात से सैकड़ों युवा डंकी रूट से दुबई, तुर्की, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और मैक्सिको होते हुए अमेरिका पर दांव लगाते हैं।