
Agniveer Recruitment: भारतीय सेना में सुरक्षा बलों की कमी को देखते हुए, सेना का ध्यान एक बार फिर अग्निवीरों की ओर गया है। अभी तक सेना हर साल 45,000 से 50,000 अग्निवीरों की भर्ती करती थी। अब सेना इस संख्या को दोगुना करने जा रही है। सेना का लक्ष्य है कि इस भर्ती को बढ़ाकर 100,000 तक किया जाए, ताकि सैनिकों की कमी से उत्पन्न होने वाले संकट से बचा जा सके। कोरोना काल में सेना में भर्ती बंद रहने और 60,000 से 65,000 सैनिकों के हर साल रिटायर होने के कारण सेना में करीब 180,000 सैनिकों की कमी हो गई है। नए प्लान के तहत अग्निवीरों को पूरी तरह से प्रॉपर ट्रेनिंग दी जाएगी और इस दौरान सेना के बुनियादी ढांचे के मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
जब दुनिया में कोरोना महामारी फैली, तो भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। महामारी को देखते हुए, सेना ने वर्ष 2020 और 2021 के दौरान सैनिक भर्ती रोक दी थी। लेकिन इस दौरान रिटायर होने वाले सैनिकों की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ा और लगभग 60,000 से 65,000 सैनिक हर साल रिटायर होते रहे। इसके बाद मध्य 2022 में भारतीय सेना ने अग्निवीर योजना शुरू की। इस प्रक्रिया में सैनिकों को 4 साल के लिए नियुक्त किया जाता है। सरकार इस अवधि को आगे बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।
सेना में 2020 से पहले भर्ती हुए सैनिकों का लगभग 60,000 की संख्या में हर वर्ष रिटायर होना जारी रहेगा। वहीं, अग्निवीरों का पहला बैच भी 2026 के अंत तक अपना 4 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहा है। इसके बाद सैनिकों की कमी सेना के लिए चिंता का कारण बनेगी। इसलिए अगले 3 से 5 वर्षों में खाली हुए पदों पर बड़ी संख्या में भर्ती की जा सकेगी, जिससे सेना की कमी को दूर किया जा सकेगा।
भारतीय सेना ने अग्निवीर मॉडल वर्ष 2022 में प्रस्तुत किया था। यह योजना ‘अग्निपथ योजना’ के तहत शुरू की गई थी। अग्निवीर योजना भारतीय सशस्त्र बलों में सैनिकों की भर्ती का नया तरीका है, जिसमें इच्छुक युवाओं को चार साल की सेवा के लिए शामिल किया जाता है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को 'अग्निवीर' कहा जाता है। चार साल की इस अवधि में अग्निवीरों को सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है, कौशल विकसित किए जाते हैं, और उनमें सेना के मूल मूल्यों का निर्माण किया जाता है।
Updated on:
27 Nov 2025 08:02 am
Published on:
26 Nov 2025 09:56 pm

