
SIR प्रक्रिया से बढ़ रहे आत्महत्या के मामले (IANS)
चुनाव आयोग (ECI) के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान ने तीन राज्यों - केरल, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। इस प्रक्रिया से बूथ लेवल अधिकारी (BLO) और आम मतदाताओं पर भारी दबाव पड़ रहा है, जिसके चलते अब तक कम से कम आठ मौतें हो चुकी हैं, जिनमें दो BLO की आत्महत्याएं शामिल हैं। कर्मचारी संगठनों ने SIR कार्य का बहिष्कार शुरू कर दिया है, जबकि विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख कर रहे हैं।
केरल के कन्नूर जिले में रविवार को एक BLO की आत्महत्या ने पूरे राज्य को हिला दिया। पय्यान्नूर विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 18 के BLO अनीश जॉर्ज (44), जो एक सरकारी स्कूल में चपरासी थे, ने अपने घर में फंदे से लटककर खुदकुशी कर ली। परिवार का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के अत्यधिक काम के बोझ और समय की कमी से अनीश परेशान थे। उनके पिता ने बताया, "वह रात 2 बजे तक फॉर्म भरते रहते थे। उन्हें खाने-पीने का भी समय नहीं मिलता था।"
जिला प्रशासन ने दबाव के आरोपों को खारिज किया है। कलेक्टर ने कहा कि अनीश की प्रगति सामान्य थी और कोई विशेष लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया था। पुलिस जांच में कोई सुसाइड नोट या संदिग्ध परिस्थिति नहीं मिली। फिर भी, राज्य चुनाव आयोग ने कलेक्टर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इस घटना के बाद केरल में BLO संगठनों ने SIR कार्य का बहिष्कार शुरू कर दिया। सत्तारूढ़ CPI(M) नेता एमवी जयराजन ने चुनाव आयोग की आलोचना की और स्थानीय निकाय चुनाव तक SIR रोकने की मांग की। विपक्षी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें अनीश की मौत को SIR के 'सिस्टेमैटिक दबाव' का प्रमाण बताते हुए प्रक्रिया पर रोक लगाने की गुहार लगाई। कांग्रेस नेता रिजिल मक्कुट्टी ने इसे 'भाजपा एजेंडे' से जोड़ा।
राजस्थान के जयपुर जिले के कालवाड़ क्षेत्र में एक अन्य BLO मुकेश कुमार जांगिड़ (48), जो सरकारी शिक्षक थे, ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। उनके पास मिले सुसाइड नोट में अधिकारियों के लगातार दबाव और निलंबन की धमकी का जिक्र था। परिवार ने SIR की कड़ी समयसीमा को मौत का मुख्य कारण बताया।
पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया ने अलग संकट पैदा किया है। पिछले एक महीने में कम से कम 9 मौतें हुई हैं, जिनमें 6 आत्महत्याएं शामिल हैं। ये मौतें मुख्य रूप से मतदाताओं के बीच नाम कटने के डर से जुड़ी बताई जा रही हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने चुनाव आयोग पर 'भय का माहौल' फैलाने का आरोप लगाया है। पार्टी नेता ने कहा, "SIR ने लाखों गरीबों को वोटर लिस्ट से बाहर करने की साजिश रची है, जिससे ये दर्दनाक घटनाएं हो रही हैं।
SIR मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण है, जिसके तहत 18-19 साल के युवाओं को जोड़ने और नामों की जांच के लिए फॉर्म भरवाए जाते हैं। चुनाव आयोग ने इसे 12 राज्यों में चलाया है, लेकिन समय की कमी और अतिरिक्त बोझ ने BLOs पर दबाव बढ़ा दिया। आयोग का कहना है कि कोई दबाव नहीं है, लेकिन घटनाएं सवाल खड़े कर रही हैं।
Updated on:
18 Nov 2025 11:21 am
Published on:
18 Nov 2025 11:19 am
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