
Meghalaya Political Crisis: नॉर्थ ईस्ट के मेघालय में इन दिनों सियासी उथलपुथल चल रही है। मंगलवार को 12 में से आठ मंत्रियों ने अचानक इस्तीफा देकर सियासी हलचल पैदा कर दी है। पद छोड़ने वालों में सबसे ज्यादा सरकार के सीनियर नेता शामिल हैं। आपको बता दें कि मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेतृत्व वाली मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस सरकार सत्ता में है। मुख्यमंत्री संगमा के नेतृत्व में गठबंधन में यूडीपी, एचएसपीडीपी और भाजपा शामिल हैं। लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की चर्चा चल रही थी। आज के इस्तीफों से पुराने चेहरों को विदाई मिली, ताकि नए नेताओं को जगह मिल सके। यह कदम सरकार की कार्यक्षमता बढ़ाने और गठबंधन संतुलन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
इस्तीफा देने वालों में एनपीपी से अम्पारीन लिंगदोह, कॉमिंगोन यम्बोन, रक्कम ए. संगमा और अबू ताहिर मंडल शामिल हैं। यूडीपी से पॉल लिंगदोह और किरमेन शायला ने भी इस्तीफा दिया। एचएसपीडीपी से शकलियार वारजरी तथा भाजपा से ए एल हेक ने अपने पद छोड़े। इन इस्तीफों से मंत्रिमंडल में 8 सीटें खाली हो गईं। सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया पूर्व नियोजित थी, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर इस्तीफे ने विपक्ष को सतर्क कर दिया है।
नए मंत्रिमंडल में एनपीपी से वैलादमिकी शायला, सोस्थनीस सोहतुन, ब्रेनिंग ए. संगमा और टिमोथी डी शिरा शपथ ले सकते हैं। यूडीपी से मेतबाह लिंगदोह और पूर्व मंत्री लखमेन रिम्बुई की एंट्री की उम्मीद है। एचएसपीडीपी में मेथोडियस दखार शकलियार वारजरी की जगह ले सकते हैं, जबकि भाजपा से सनबोर शुल्लई ए एल हेक के स्थान पर आ सकते हैं। यह फेरबदल गठबंधन दलों के बीच सत्ता बंटवारे को मजबूत करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे युवा नेतृत्व को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की विकास योजनाओं पर फोकस बढ़ेगा। हालांकि, विपक्ष इसे 'अस्थिरता का संकेत' बता रहा है।
Published on:
16 Sept 2025 05:34 pm

