
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस एडीएजी ग्रुप (Reliance Group) के चेयरमैन अनिल डी. अंबानी (Anil Ambani) को वर्चुअल उपस्थिति की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। अंबानी ने जांच एजेंसी द्वारा भेजे गए समन के जवाब में वर्चुअल माध्यम से पूछताछ की पेशकश की थी, लेकिन ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया। सूत्रों के अनुसार, अंबानी शुक्रवार (14 नवंबर) को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में दूसरी दौर की पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए।
ईडी सूत्रों ने बताया कि एजेंसी को अंबानी की ओर से वर्चुअल पेशी के संबंध में एक ईमेल प्राप्त हुआ था, लेकिन वर्चुअल उपस्थिति की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। इस बीच, अनिल अंबानी ने एक मीडिया बयान जारी कर कहा कि वे "वर्चुअल माध्यम से उपस्थित होने की पेशकश करने को तैयार हैं" और "ईडी के साथ सभी मामलों में पूर्ण सहयोग करेंगे"।
बयान में स्पष्ट किया गया कि ईडी का समन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) जांच से जुड़ा है, न कि मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत किसी मामले से। समन 2010 के जयपुर-रिंगस (जेआर) टोल रोड प्रोजेक्ट के लिए एक घरेलू ईपीसी अनुबंध से संबंधित है, जिसमें सड़क ठेकेदार से जुड़े मुद्दे शामिल हैं और कोई विदेशी मुद्रा घटक नहीं है।
ईडी ने रिलायंस ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए अंबानी को 14 नवंबर को दोबारा समन भेजा था। इससे पहले अगस्त में ईडी मुख्यालय में कथित 17,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में उन्हें करीब नौ घंटे की पूछताछ का सामना करना पड़ा था।
वित्तीय जांच एजेंसी ने इससे पूर्व रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के बैंक धोखाधड़ी मामलों में 3,083 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 42 संपत्तियों को कुर्क किया था। यह मामला रिलायंस ग्रुप की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा माना जा रहा है, और ईडी की जांच जारी है।
Published on:
14 Nov 2025 12:32 pm

