
राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाकों ने पूरे देश में सनसनी मचा दी है। अब इस मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा सामे आया है। आतंकी डॉक्टरों के ग्रुप पर की जा रही कार्रवाई के दौरान हरियाणा के फरिदाबाद से गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीन सईद ने यह कबूल किया है कि उनके ग्रुप का उद्देश्य देश भर में आतंकी हमलों को अंजाम देना था और वह लंबे समय से इसकी साजिश रच रहे थे। खबरों के अनुसार पुलिस पूछताछ के दौरान डॉ. शाहीन ने यह बात कबूल की है।
दिल्ली हमले से कुछ ही घंटो पहले डॉक्टरों के इस वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ था। इस ग्रुप के तार जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे बड़े आतंकी संगठनों से जुड़े होने की बात कही जा रही है। इस समूह में शामिल 3 डॉक्टरों समेत 7 लोगों को सोमवार को हमले से पहले ही गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान डॉ. शाहीन और डॉ. मुजम्मिल शकील को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था और उनके एक अन्य साथी डॉ. आदिल अहमद राठेर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पकड़ा गया था। शकील के पास भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री (लगभग 300-350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट), असॉल्ट राइफलें (AK-47 जैसी), पिस्तौलें और गोला-बारूद बरामद हुआ था।
शाहीन की कार से एक एके-47 और गोला-बारूद बरामद होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। शाहीन और शकील फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में साथ काम करते थे। इस ग्रुप को अल फलाह यूनिवर्सिटी से संचालित किया जाता था। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, जिस हुंडई i20 कार से दिल्ली बम धमाकों को अंजाम दिया गया वह करीब 11 दिन तक इसी यूनिवर्सिटी के कैंपस में खड़ी रही थी। इसे 29 अक्टूबर को खरीदा था और उसी पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए इसे बाहर लाया गया था जो की सीसीटीवी में कैद हो गया। इस फुटेज में तीन लोग नजर आ रहे थे। इसके बाद 10 नवंबर को घटना वाले दिन ही आरोपी डॉक्टर उमर नबी इस कार को दिल्ली लाया था।
डॉ. शाहीन इस पूरे समूह की महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है जिसके तार पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद की महिला विंग से जुड़े होने की बात कही जा रही है। दावा किया जा रहा है कि डॉ. शाहीन भारत में जैश की इस महिला विंग की मुखिया है। जैश के सरगना मसूद अजहर ने कुछ महीनों पहले ही अपने संगठन की इस महिला विंग को शुरु करने की घोषणा की थी। जमात उल-मुमिनात नामक इस महिला विंग की जिम्मेदार जैश की बहन सादिया अजहर को सौंपी गई थी जिसका पति युसूफ अजह मई में भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारा गया था।
इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय को निशाना बनाया था और उसे नष्ट कर दिया था। अजहर ने बहावलपुर हमले में अपने परिवार के 10 सदस्यों के मारे जाने की बात भी स्वीकार की थी। अब अजहर अपने मुख्यालय को फिर से स्थापित करने और संगठन को मजबूत करने में जूटा हुआ है। इसी कड़ी में उसने अपनी महिला विंग की भी घोषणा की थी। इस महिला विंग के तार भारत के उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों तक जुड़े होने की खबर पहले भी सामने आ चुकी है। यह समुह इंटरनेट और मदरसों के माध्यम से भारत में अपनी जड़े फैला रहा है।
वाइट कॉलर टेरर समूह में पकड़ी गई डॉ. शाहीन भारत में इसी समूह की मुखिया मानी जा रही है। डॉ. शाहीन के इस समूह की मुखिया और अजहर की बहन सादिया से सीधे संपर्क बताए जा रहे है। जैश की निगरानी में डॉ. शाहीन और फरीदाबाद टेरर समूह के अन्य डॉक्टर देशभर में बड़े स्तर पर आंतकी हमले करने की साजिश रच रहे थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान शाहीन ने यह बात कबूल की है। उसने बताया कि वह पिछले दो साल से इसके लिए विस्फोटक जमा कर रही थी। जांच के दौरान यह भी सामने आया था कि शाहीन की कार में जो एके-47 पकड़ी गई उसे वह हर वक्त अपने साथ लेकर घुमती थी।
वाइट कॉलर टेरर ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई कर रही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इससे जुड़े एक मौलवी और एक और अन्य डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया है। इश्तियाक नामक इस मौलवी को बुधवार को हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक अन्य डॉक्टर को मंगलवार रात कश्मीर से पकड़ा गया था। डॉ. तजामुल नामक यह डॉक्टर श्रीनगर के SMHS अस्पताल में काम करता था। अब तक इस मामले में 5 डॉक्टरों समेत 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
Updated on:
12 Nov 2025 04:55 pm
Published on:
12 Nov 2025 11:30 am

