
Delhi Blast:दिल्ली ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियां ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। इस मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। आज जम्मू-कश्मीर पुलिस ने व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के मामले में श्रीनगर, बडगाम और कुलगाम में कई ठिकानों पर छापेमारी की।
मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि इस मॉड्यूल से जुड़े होने के शक में SMSH में तैनात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. उमर फारूक के आवास पर तलाशी ली। काउंटर इंटेलिजेंस सर्विसेज के जवानों ने सुबह-सुबह डॉक्टर के घर की तलाशी लगी। बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान डॉ उमर फारूक घर पर मौजूद नहीं थे। पुलिस ने अभी तक यह भी नहीं बताया है कि तलाशी के दौरान उनके घर से कुछ जब्त किया गया है कि नहीं। अधिकारियों ने अभी तक इस अभियान के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है।
वहीं, इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं। NIA की जांच में पता चला है कि व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल से जुड़े आतंकी हमास के स्टाइल में रॉकेट और ड्रोन से हमले की प्लानिंग कर रहे थे। उन्होंने बड़े ड्रोन बनाने की तैयारी भी की थी, ताकि वह बम को ऊंचाई से भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर गिरा सकते। जिससे ज्यादा से ज्यादा तबाही मचे। वहीं, धमाके के पहले फिदायीन आतंकी डॉ. उमर नबी का वीडियो भी सामने आया है।
इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद में किया था। इस आतंकी मॉड्यूल में शामिल डॉक्टरों का सुराग जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकी संगठन के दो ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) ने दिया था।
शुरुआत में कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके के एक स्थानीय डॉक्टर आदिल राथर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। डॉ. आदिल राथर से पूछताछ के बाद फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ। एक अन्य स्थानीय डॉक्टर मुजम्मिल गनई को फरीदाबाद में गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। एक अन्य आतंकवादी सहयोगी, डॉ. उमर नबी गिरफ्तारी से बच निकला। बाद में, दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में उसकी मौत हो गई, जिसमें 15 नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
Published on:
18 Nov 2025 11:48 am

