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‘देश में भीड़ प्रबंधन में गड़बड़ी…सख्त नीति जरूरी’: तमिलनाडु भगदड़ हादसे पर बोले शशि थरूर

Karur Stampede: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को तमिलनाडु के करूर में हुई भगदड़ पर दुख जताया। अभिनेता से नेता बने विजय की रैली में अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ मची थी और अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है।

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर (फोटो आईएएनएस)

Karur Stampede: तमिलनाडु के करूर में शनिवार (27 सितंबर 2025) को तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) की रैली में हुई भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर दिया। अभिनेता से नेता बने विजय की इस रैली में अत्यधिक भीड़ के कारण मची अफरा-तफरी में कम से कम 40 लोगों की जान चली गई, जबकि लगभग 100 लोग घायल हो गए। इस घटना ने एक बार फिर बड़े आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है।

TVK का DMK पर साजिश का आरोप

TVK ने इस हादसे के लिए सत्तारूढ़ DMK सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का दावा है कि यह भगदड़ एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकती है। TVK ने मांग की है कि इस मामले की गहन जांच की जाए। हालांकि, DMK ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा बताया और जांच का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और कई अन्य नेताओं ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

शशि थरूर ने उठाए भीड़ प्रबंधन पर सवाल

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए देश में भीड़ प्रबंधन की खामियों पर सवाल उठाए। तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, यह बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली घटना है। हमारे देश में भीड़ प्रबंधन में गंभीर कमियां हैं। हर साल ऐसी त्रासदियां होती हैं।

बेंगलुरु भगदड़ में हुई थी 11 की मौत

बेंगलुरु में हुई भगदड़, जिसमें 11 लोग मारे गए थे, इसकी एक मिसाल है। बच्चों की मौत की खबरें सुनकर मन और दुखी होता है। थरूर ने केंद्र और राज्य सरकारों से बड़े आयोजनों के लिए सख्त नियम और सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाने की मांग की। उन्होंने कहा, लोग अपने पसंदीदा नेता, अभिनेता या क्रिकेटर को देखने जाते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यवस्थित नीति बननी चाहिए, जिसमें भीड़ नियंत्रण के लिए सख्त प्रक्रियाएं और मानक हों।

भीड़ प्रबंधन की चुनौतियां

करूर की इस घटना ने एक बार फिर बड़े आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अनियोजित भीड़, अपर्याप्त सुरक्षा बल और आपातकालीन निकास की कमी इस तरह की त्रासदियों का कारण बनती है। थरूर ने जोर देकर कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर एक ठोस रणनीति बनानी होगी।