Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

अब नीतीश पर बीजेपी की डिपेंडेंसी नहीं, क्या बिन नीतीश बन सकती है सरकार? जानें समीकरण…

Bihar Elections Result: बिहार में एनडीए को बंपर जीत मिली है। 243 में से 202 सीटों पर NDA के प्रत्याशी जीते हैं। भाजपा 89 सीट जीतने के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ऐसे में क्या अब नीतीश पर भाजपा की डिपेंडेंसी नहीं रही। पढ़ें पूरी खबर...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Photo- IANS)

Bihar Elections Result: बिहार में NDA को 2010 के बाद सबसे बड़ी जीत हासिल हुई है। भाजपा ने 89 सीटों पर भगवा लहराया है। जदयू के खाते में 85 सीटें, चिराग के हिस्से 19 सीटें, जीतन राम मांझी की पार्टी हम सेक्युलर 5 सीटों पर और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM 4 सीटों पर जीती। इसके साथ ही, अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है। कहा जाने लगा है कि जदयू को किनारे करने के बाद भी भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है।

इस तरह से नीतीश के बिना बन सकती है भाजपा सरकार

एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आकंड़ा 122 है। बीजेपी 89, लोजपा (रा) 19, हम 5 और रालोम की 4 सीटों को मिला दें तो यह आंकड़ा 117 पर पहुंच जाता है। ऐसे में भाजपा कांग्रेस के 6 नवनिर्वाचित विधायकों, बसपा के एक विधायक और वाम दल के तीन विधायक व कुछ अन्य विधायकों को तोड़कर अपने पाले में कर ले तो वह बहुमत के आंकड़े को पार कर लेगी।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि भाजपा गठबंधन और राजनीतिक गुना-गणित में माहिर है। केंद्र में मोदी की सरकार होने के कारण राजभवन तक पहुंच भी आसान है। नतीजे साफ दिखाते हैं कि अगर नीतीश कुमर हट जाते हैं तो भाजपा विपक्ष को तोड़कर सरकार बना सकती है।

नीतीश के पास अब वह ताकत नहीं बची

एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि भाजपा ऐसा नहीं करती है तो यह गठबंधन की परंपराओं का सम्मान करने लिए ही होगा। नहीं तो नीतीश के पास अब वह ताकत नहीं बची है, जो पहले हुआ करती थी। अगर भाजपा ऐसा नहीं करती है, तो यह गठबंधन की परंपराओं का सम्मान करने के लिए ही होगा। अन्यथा, नीतीश के पास अब वह ताकत नहीं बची है जो पहले हुआ करती थी। भाजपा ने इस बात को सीट शेयरिंग के समय में ही ध्यान में रखा था। आज भले ही नीतीश कुमार मजबूत दिख रहे हों, लेकिन भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

दरअसल, जून 2025 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि बिहार का सीएम कौन होगा, यह समय आने पर तय होगा, लेकिन यह बात स्पष्ट है कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। 16 अक्टूबर को जब उनसे फिर सीएम फेस को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि मैं कौन होता हूं यह तय करने वाला कि मुख्यमंत्री कौन होगा? चुनाव के बाद, सभी सहयोगी दल मिलकर विधायक दल का नेता चुनेंगे, लेकिन जब महागठबंधन ने सीएम फेस का ऐलान किया। उसके बाद 1 नवंबर को अमित शाह ने कहा कि कोई भ्रम नहीं है। मैं एक बार फिर कहता हूं कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री हैं और चुनाव जीतने के बाद भी बने रहेंगे।

अगर नीतीश महागठबंधन में शामिल होते हैं तो

एक्सपर्ट्स ने कहा कि जदयू के पास 85 सीटें हैं, राजद के पास 25, कांग्रेस 6 सीटों पर जीती हैं। वाम दलों के पास 3 और अन्य के पास 7 सीटें हैं। कुल मिलाकर 126 सीटें हैं। अगर नीतीश महागठबंधन के साथ सरकार बना लेते हैं तो उनकी पार्टी में टूट का खतरा मंडरा है। इस चुनाव ने बिहार में राजनीतिक नक्शा बदल दिया है। भाजपा अभूतपूर्व सत्ता के कगार पर है। आने वाले दिनों में नीतीश के फैसले राज्य के राजनीतिक भविष्य को तय कर सकते हैं।