
8th Pay Commission: दीपावली के बाद मोदी सरकार ने देश के करीब छह करोड़ कर्मचारी परिवारों को नई खुशखबरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मंगलवार सुबह केंद्र सरकार के कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए बहुप्रतीक्षित आठवें वेतन आयोग के गठन और उसके विचारणीय मुद्दों (टर्म ऑफ रेफरेंस) को मंजूरी दे दी। बाद में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति कर दी गई। आइआइएम बेंगलूरु के प्रो.पुलक घोष को आयोग का अंशकालिक सदस्य और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन को सदस्य सचिव बनाया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि आयोग को 18 माह में अपनी सिफारिशें देनी होगी, लेकिन वह आवश्यकतानुसार अंतरिम रिपोर्ट भी देगा। नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के सवाल पर वैष्णव ने कहा कि अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद विशिष्ट तिथि तय की जाएगी, लेकिन, संभवतः यह 1 जनवरी, 2026 होगी।
केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2016 को सातवां वेतन आयोग लागू किया था जिससे कर्मचारियों के वेतन में करीब 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी और न्यूनतम वेतन 7000 से बढ़कर 18000 रुपए हो गया था। अमूमन केंद्र सरकार में हर 10 साल बाद नया वेतनमान लागू होता है। मोदी सरकार ने जनवरी में आठवें वेतन आयोग को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, लेकिन अब नौ साल बाद इसका गठन किया गया है। केंद्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों और कर्मचारियों के संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र से व्यापक विचार विमर्श के बाद आयोग के टर्म आफ रेफरेंस तय किए हैं।
आठवें वेतन आयोग से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में मौजूदा महंगाई भत्ते को शामिल करते हुए अच्छा खासा उछाल आने की संभावना है वहीं करीब 69 लाख पेंशनरों को भी इससे सीधे लाभ होगा। देश में राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ सहित अधिकतर राज्यों में केंद्रीय वेतनमान को ही लागू करने के चलन से देशभर में कुल करीब 6 करोड़ कर्मचारी परिवार आठवें वेतन आयोग की वेतन वृद्धि से लाभान्वित होंगे।
मूलत: बॉम्बे हाईकोर्ट की जज और बाद में 2011 से 2014 तक करीब तीन साल सुप्रीम कोर्ट की जज रहीं
जस्टिस रंजना देसाई ने रिटायर होने के बाद भी अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। वह 2022 से प्रेस काउंसिल की अध्यक्ष हैं। इससे पहले वह उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए गठित आयोग की अध्यक्ष थीं। वह जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की अध्यक्ष और लोकपाल नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
आठवें वेतन आयोग की अंतिम सिफारिशें 2027 तक मिलेंगी लेकिन अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर वेतन बढ़ोतरी का फायदा मिलने लगेगा। आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2026 से लागू होने पर बकाया (एरियर) का भुगतान होगा। सातवें वेतन आयोग के बाद बढ़े भत्तों को पूर्ववर्ती प्रभाव से लागू नहीं करने की प्रक्रिया अपनाई गई तो कर्मचारियों को बढ़े भत्ते के एरियर का नुकसान होगा।
आयोग के गठन की खबर आते ही कर्मचारियों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा ‘फिटमेंट फैक्टर’ की है। वेतन वृद्धि का सारा खेल इस फैक्टर पर निर्भर करेगा। आसान भाषा में फिटमेंट फैक्टर वह संख्या है, जिससे आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी (मूल वेतन) को गुणा कर नई बेसिक सैलरी तय होगी। उदाहरण के लिए 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 तय किया गया था। इसी फैक्टर के कारण उस समय न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से सीधे बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह हो गया था। आठवें वेतन आयोग ने यदि फिटमेंट फैक्टर 3 तय किया तो कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सेलरी 54000 रुपए प्रतिमाह हो जाएगी।
केंद्र सरकार का कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और भत्तों पर वित्त वर्ष 2025-26 में सात लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह केंद्र सरकार के राजस्व व्यय का करीब 18% है। इनमें से भत्तों पर करीब 1.86 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।
Updated on:
29 Oct 2025 07:27 am
Published on:
29 Oct 2025 07:24 am

