
नागौर। चौसला रेस्तरां के सामने मामूली विवाद में जयपुर-रेनवाल बाइपास पर चौसला निवासी श्रवणराम बोदलिया की बेरहमी से हत्या के बाद परिवार का हाल बेहाल है। इस दर्दनाक घटना ने उसकी नवविवाहिता पत्नी सुनीता की जिंदगी में अंधेरा छा गया। सुनीता और श्रवणराम की शादी इसी साल छह अप्रैल को हुई थी। दोनों ने खुशहाल जीवन के सपने देखे थे, लेकिन अचानक आई इस घटना ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया। सुनीता का रो-रोकर बुरा हाल है, वह बार-बार अचेत हो जाती है।
हत्याकांड की घटना के समय श्रवणराम अपने चार-पांच दोस्तों के साथ खाना खाने के लिए रेस्तरां के सामने खड़ा था। तभी वहां एक कार आई। उसमें से चार युवक निकले और श्रवणराम के दोस्तों से कहासुनी करने लगे। बीच-बचाव के लिए आगे आए श्रवणराम पर अचानक हमलावरों ने कार चढ़ा दी। श्रवणराम तथा उसका एक साथी नीचे गिर गए। हमलावर कार को पीछे लेकर फिर तेजी से उसके ऊपर चढ़ाते हुए भाग निकले। घायल अवस्था में श्रवणराम को जयपुर के हाथोज स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
श्रवणराम वर्ष 2007 से मैसूर (कर्नाटक) में मर्चेंट नेवी में कार्यरत था। पहले वह समुद्री जहाजों की मरम्मत और गोताखोरी का काम करता था। पिछले कुछ वर्षों से वह ठेके पर क्षतिग्रस्त जहाजों की मरम्मत का काम करवाता था। अच्छी आय होने के कारण वह अक्सर विमान से गांव आता-जाता था। डबल मंजिला मकान बनवाया और छह महीने पहले ही नई कार खरीदी थी।
दो दिन पूर्व ही वह मैसूर से अपने मामा-ससुर के लड़के की शादी में शामिल होने गांव आया था। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जवान बेटे की मौत की खबर से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। नवविवाहिता सुनीता बिलख-बिलख कर बेहोश हो जाती है। यह दृश्य देखकर हर किसी का दिल पसीज रहा है।
श्रवणराम का बड़ा भाई रामदेव गांव में पुश्तैनी जमीन पर खेती-बाड़ी करता है। वृद्ध माता-पिता घर पर रहते हैं। घटना की खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई और घर पर संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है। परिवार के भाई रामनिवास और धारासिंह ने बताया कि घर का अधिकांश जिम्मा श्रवणराम पर था। उसके जाने से परिवार पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
Published on:
09 Nov 2025 03:17 pm

