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सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं और मेहनत का कोई विकल्प नहीं

राजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिशजी के जन्म शताब्दी वर्ष पर केरियर कार्यशाला का आयोजन

राजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिशजी के जन्म शताब्दी वर्ष पर केरियर कार्यशाला का आयोजन
राजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिशजी के जन्म शताब्दी वर्ष पर केरियर कार्यशाला का आयोजन

नागौर. राजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिशजी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की कड़ी में गुरुवार को जिला मुख्यालय के राजकीय नर्सिंग कॉलेज में केरियर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता मिर्धा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने सबसे पहले श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिशजी को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने जो पौधा लगाया था, वो आज समाज को दिशा दे रहा है।

उन्होंने विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक मजदूर-किसान के लिए अपने बच्चों को पढ़ाना आसान नहीं है, फिर भी वे अपना पेट काटकर, अभावों में जीवन जीते हुए बच्चों की पढ़ाई का खर्च इसलिए उठाते हैं, ताकि वे पढ़-लिखकर कामयाब बन सके और अच्छा जीवन जी सकें, लेकिन कुछ बच्चे इसका नाजायज फायदा उठाते हैं। वे न केवल अपने माता-पिता को धोखा देते हैं, बल्कि खुद का जीवन भी बर्बादी की ओर ले जाते हैं। डॉ. जाखड़ ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं और मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, इस बात को गांठ बांध लें। उन्होंने कहा कि खेत तैयार होगा तो फसल कोई भी हो जाएगी, लेकिन जब हमारी तैयारी ही नहीं होगी तो परीक्षा पास कैसे करेंगे। इसलिए तैयारी रखें और जैसे ही अवसर मिले, उसमें भाग लेकर सफलता के झंडे गाड़ दें। डॉ. जाखड़ ने कहा कि समय का महत्व समझें, इसे यूं ही नहीं गंवाएं। जो समय को बर्बाद करता है, समय उसे बर्बाद कर देता है।

राजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिशजी के जन्म शताब्दी वर्ष पर केरियर कार्यशाला का आयोजन

ईमानदारी और समर्पण के साथ करें पढ़ाई

कार्यशाला के वक्ता कृषि कॉलेज के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. रोहिताश बाजिया ने कहा कि हम सौभाग्य शाली हैं, जिन्हें सेवा का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा दोनों ही सेवा के क्षेत्र हैं, जहां हम पीडि़त मानव की सेवा कर सकते हैं। डॉ. बाजिया ने विद्यार्थियों से कहा कि हमें पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ पढाई करनी है, ताकि सफलता मिले। उन्होंने कहा कि अच्छे दोस्त बनाएं और हर परिस्थिति का सामना करते हुए खुद को निखारें।

पहले खुद को सुधारें

कार्यशाला के मुख्य अतिथि जेएलएन अस्पताल के पीएमओ डॉ. आरके अग्रवाल ने बचपन की यादें ताजा करते हुए कहा कि जब वे छोटे थे, तब सुबह की शुरुआत ही अखबार से होती थी। उस समय पत्रिका सहित दो-तीन अखबार निकलते थे, इसलिए बचपन से ही पत्रिका उनका पसंदीदा अखबार रहा है। पीएमओ ने कहा कि श्रद्धेय कुलिशजी कहा करते थे कि अपने विचारों से दूसरों को तब तक सहमत नहीं कर सकते हैं, जब तक कि खुद में उन विचारों को नहीं उतार लेते। उनकी दी हुई सीख को अपना ही वे आगे बढ़े हैं। डॉ. अग्रवाल ने विद्यार्थियों से कहा कि हर व्यक्ति के केरियर में कोई न कोई मंजिल है, लेकिन कौनसी मंजिल की तरफ जाना है, यह हमें तय करना होगा। उन्होंने हमें लीक से हटकर हमें अपनी मंजिल खुद करनी है। कार्यशाला को संबोधित करते हुए उप प्राचार्य खेमाराम ने नर्सिंग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। प्राचार्य रामलाल सुथार ने अतिथियों का आभार जताते हुए पत्रिका के सामाजिक सरोकार के कार्यक्रमों की सराहना की। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिए हर समय उपलब्ध रहने का भरोसा दिलाया। कार्यशाला का संचालन करते हुए विनोद व्यास ने भी विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी।