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शव नहीं उठाने को मोर्चरी के बाहर धरना, रात को कैंडल मार्च

नागौर. जिले के रातंगा पौ चौराहे पर सोमवार को सड़क हादसे के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर परिजन व ग्रामीणों ने मंगलवार को अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना दे दिया

nagaur nagaur news
कैंडल मार्च

- अधिशाषी अभियंता की कार से हादसा :

-अफसर को सस्पेंड करने सहित मांगों को लेकर गतिरोध जारी

-हादसे के दूसरे दिन एक घायल का भी टूटा दम

नागौर. जिले के रातंगा पौ चौराहे पर सोमवार को सड़क हादसे के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर परिजन व ग्रामीणों ने मंगलवार को अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना दे दिया। वहीं हादसे की शिकार मृतका का शव उठाने से इनकार कर दिया। इस बीच हादसे में घायल अड़वड़ निवासी प्रहलादराम ने मंगलवार को जोधपुर में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

प्रकरण के अनुसार सोमवार को पीडब्ल्यूडी जायल अधिशाषी अभियंता की बोलेरो की टक्कर से गंभीर घायल हुई प्रहलाद की बहन संतोष की मौके पर मौत हो गई थी। उसका शव जेएलएन अस्तपाल की मोर्चरी में रखा है। दोनों मृतकों के परिजनों व समाज के प्रतिनिधियों ने अधिशाषी अभियंता को सस्पेंड करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को मोर्चरी के आगे धरना दिया। शाम को जायल उपखंड अधिकारी रजत मौके पर पहुंचे तथा वार्ता की, लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। परिजनों व ग्रामीणों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी अधिशाषी अभियंता शिवकुमार को सस्पेंड और दोनों मृतकों के परिवार से एक-एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए। धरना स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी बैठी थी। जिनकी आंखों में आंसू थे तो दो परिवारों के मासूम बच्चे अपने मां-बाप को ढूंढ रहे हैं। परिजनों का कहना है कि जब तक अधिकारी के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई नहीं होती है तब तक धरना जारी रहेगा और शवों का अंतिम संस्कार भी नहीं करेंगे।

अधिकारी ने दिखाई संवेदनहीनता

धरने पर आरएलपी नेता अनिल बारूपाल ने कहा कि दुर्घटना में पीडब्ल्यूडी के अधिकारी की पूरी लापरवाही रही है। हादसे के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने की बजाए मौके पर फरार हो गए, यह उनकी संवेदनहीनता है। प्रशासन को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए। उनकी बोलेरो की स्पीड बहुत तेज थी, जिसके कारण स्कूटी को जोरदार टक्कर मारी कि दोनों सवार सड़क पर गिर पड़े। हादसे के बाद अधिकारी ने एंबुलेंस व पुलिस को सूचना नहीं दी। उल्टा अपनी पहचान छिपाते हुए खुद निजी अस्पताल इलाज कराने पहुंच गए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि अधिकारी ने मानवता दिखाई होती तो शायद दोनों की जान बच सकती थी।

संतोष के आठ, प्रहलाद के चार बच्चे

परिजनों ने बताया कि कसनाऊ निवासी संतोष पत्नी परसाराम के सात बेटियां और एक 18 महीने का बेटा है। जिनमें से मात्र एक बच्ची की शादी हो पाई है। इसी प्रकार अड़वड़ निवासी प्रहलादराम पुत्र बलदेवराम की तीन बेटियां और तीन महीने का एक बेटा है।

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चश्मदीदों का बयान : 100 मीटर तक स्कूटी को घसीटा

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बोलेरो की रफ्तार इतनी तेज थी कि स्कूटी बोलेरो के नीचे फंस गई। करीब 100 मीटर तक घसीटती रही। बोलेरो जब सड़क किनारे पेड़ से टकराई तब जाकर रुकी। हादसे के बाद कार सवार अधिकारी मौके से भाग गए।

कैंडल जलाकर पहुंचे कलक्ट्रेट

दिनभर धरना व अधिकारियों से हुई वार्ता सफल नहीं होने पर शाम को धरनार्थी शहर के रेलवे स्टेशन चौराहा पर पहुंचे तथा कलक्ट्रेट तक कैंडल जलाकर न्याय की मांग की। इस दौरान पुलिस एवं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कलक्ट्रेट पहुंचने के बाद पहले कलक्टर निवास के बाहर तथा बाद में कलक्ट्रेट गेट के बाहर कैंडल रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान एडीएम ने वार्ता के लिए बुलावा भेजा, लेकिन प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर चले गए। मोर्चरी के बाहर दिए गए धरना पर पार्षद भजनलाल, राहुल खारड़िया, भंवरलाल दहिया, सुरेश मेघवाल, तिलोक खिलेरी, श्रवण मेघवाल, सीताराम, मनीराम छाबा, देवाराम सारण, बीरबल लोयल, महेन्द्र सारण, विक्रम सिंह, मूलचंद पंवार सहित कई ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।