
नागौर. शहर में सड़कों की स्थिति इतनी अधिक खराब हो गई है कि वाहन चालकों का चलना दूभर हो रहा है। दुपहिया वाहन चालकों की कमर टूट रही है तो चार पहिया वाहन खुद क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। नगर परिषद और पीडल्यूडी की ओर से बनवाई गई सड़कें एक महीने भी नहीं चलती और गड्ढ़े हो जाते हैं। जिम्मेदार इतने लापरवाह हो गए हैं कि उन्हें जनता की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है, वे बस अपने हाकम का ध्यान रखते हैं। कभी-कभार मुख्यमंत्री या राज्यपाल जैसे अतिथि शहर में आ जाए तो रातों-रात सड़कें चमका देते हैं, लेकिन जिस जनता के टैक्स से अधिकारियों को तनख्वाह मिलती है, उस जनता की फिक्र उन्हें नहीं है। यही कारण है कि शहर के कलक्ट्रेट रोड के अलावा किसी भी क्षेत्र में चले जाइए, हर जगह सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढ़े बने हुए हैं, जो हादसों को न्योता दे रहे हैं। किसी सड़क पर गड्ढ़े नहीं है तो उसकी कसर सीवरेज के चैम्बर पूरी कर रहे हैं, जो कहीं सड़क से आधा फीट ऊपर तो कहीं आधा फीट नीचे बने हुए हैं।
गौरतलब है कि बारिश में क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मत के लिए नगर परिषद और पीडब्ल्यूडी की ओर से सरकार से बजट मांगा जाता है। इसके साथ सड़कों की मरम्मत के लिए भी बजट दिया जाता है, लेकिन इस बजट का उपयोग कहां हो रहा है, इसको लेकर अधिकारी मौन धारण किए बैठे हैं।

15 दिन नहीं चली सड़कें, कई जगह अधूरी छोड़ी
15 दिन पहले राजस्थान सहित पंजाब व बिहार के राज्यपाल नागौर दौरे पर आए तो पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने उनके मार्ग वाली सड़काें को चमकाना शुरू कर दिया, फिर समय पर काम पूरा होता नजर नहीं आया तो राठौड़ी कुआं क्षेत्र व नया दरवाजा से शारदापुरम की ओर जाने वाली सड़कों का काम बीच में छोड़ दिया और तीनों राज्यपालों को डीडवाना बायपास से कार्यक्रम स्थल तक ले जाया गया। इस रूट में बीकानेर रोड से डीडवाना बायपास की ओर जाने वाले तिराहे पर सड़क टूटी हुई थी, तो उसे रातों-रात डामर बिछाकर कर सही कर दिया, लेकिन 15 दिन नहीं बीते और सड़क टूट गई। न तो ठेकेदार को कोई कुछ कहने वाला है और न ही लापरवाह अधिकारियों को कार्रवाई का भय है।

जगह-जगह धंसी सड़कें, हादसे के बाद जागेंगे अधिकारी
शहर में बनी सड़कें गारंटी पीडियड से पहले ही टूटने और धंसने लगी हैं। निर्माण के समय पर्याप्त कुटाई नहीं होने से जाट कॉलोनी सड़क, न्यायालय के पीछे की सड़क, कुम्हारी दरवाजा से मिर्धा कॉलेज रोड, पुलिस लाइन व मिर्धा कॉलेज के बीच की सड़कों सहित शहर में कई स्थानों पर सड़कें आधा से एक फीट तक धंस गई हैं, जिन पर रात के समय बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।
मुरड़ से भर रहे गड्ढ़े, चार दिन में उड़ रहा
शहर में पिछले काफी समय से त्योहार या किसी विशेष आयोजन पर सड़कों को केवल मुरड़ डालकर भरा जा रहा है, जो चार दिन बाद वाहनों के साथ उड़ जाता है। नगर परिषद की ओर से रामनवमी की शोभायात्रा हो गया फिर ईद पर निकलने वाला जुलूस, आरएसएस की ओर से पथ संचलन निकालना हो या फिर किसी समाज की शोभायात्रा, केवल मुरड़ डालकर गड्ढ़ों को भरा जाता है। शहर के भार्गव मोहल्ला के पास व सूचना केन्द्र के आगे बने गड्ढ़े जानलेवा साबित हो रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी उन्हें डामर से सही कराने की बजाए लीपापोती करने में जुटे हैं।

जान जाएगी तो उड़ेगी नींद
हमारी कॉलोनी में पिछले तीन-चार दिन से सड़क के बीच बड़े गड्ढ़ा बना हुआ है, लेकिन कोई परवाह नहीं कर रहा है। किसी की जान जाएगी तब अधिकारियों की नींद उड़ेगी। दीपावली का त्योहार सामने है, शहर में सडक़ें टूटी पड़ी हैं।
- भूराराम इनाणियां, कॉलोनीवासी, जाट कॉलोनी
Published on:
05 Oct 2025 10:32 am

