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नागौर जिले में सड़क हादसों में लगातार बढ़ोतरी, 5 साल में हादसों का ग्राफ 30 फीसदी बढ़ा

खस्ताहाल सड़कों पर आए दिन हो रहे हादसे, संसाधानों की कमी के चलते नहीं हो पा रही प्रभावी कार्रवाई, 28 प्रमुख दुर्घटना स्थलों की हुई पहचान, पुलिस व परिवहन विभाग को मिले निर्देश

Accident
Nagaur accident

नागौर. नागौर जिले में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 से 2024 तक जिले में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भारत सरकार के सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से देश के सर्वाधिक दुर्घटना/मृत्युदर वाले चिह्नित 100 जिलों में नागौर जिले को भी शामिल करते हुए सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए भारत सरकार की ओर से शून्य मृत्यु कार्यक्रम (जीरो फेटलिटी प्रोग्राम) के तहत जिले को चयनित किया गया है। लेकिन काफी समय पहले बनी जिले की प्रमुख सड़कें खस्ताहाल हो चुकी हैं, जिन पर टोल तो नियमित रूप से लिया जा रहा है, लेकिन नवीनीकरण की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं पुलिस एवं परिवहन विभाग की ओर से भी यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है। ऐसे में वाहन चालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए आए दिन दुर्घटनाएं कर रहे हैं।

गौरतलब है कि नागौर जिले में 394 किमी लम्बाई के तीन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच), 833 किमी लम्बाई के 20 राज्य मार्ग (एसएच) और 1140 किमी लम्बाई की 22 मुख्य जिला सडक़ें(एमडीआर) एवं 10,524 किमी लम्बाई की अन्य जिला सड़कें, ग्रामीण सड़कें एवं शहरी सड़कें हैं। नागौर जिले में आईआरएडी डाटा एनालिसिस के अनुसार 28 अधिकतम दुर्घटना स्थल (मेजर एक्सीडेंट स्पॉट्स) हैं, जिनमें 14 ब्लैक स्पॉट घोषित हैं। इसके बावजूद पूरे जिले में एक इंटरसेप्टर वाहन हैं, जिससे यातायात पुलिस वाहनों की स्पीड मापकर कार्रवाई कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश सड़क हादसे ओवरस्पीडिंग और इंटरसेक्शन (चौराहों) पर लापरवाही के कारण हो रहे हैं। इन स्थलों पर ट्रैफिक सिग्नल, चेतावनी बोर्ड और पुलिस निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता बताई गई है। जिसके लिए तीन इंटरसेप्टर वाहन की आवश्यकता है, इसको लेकर गत दिनों जिला कलक्टर ने संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर जिले को दो इंटरसेप्टर वाहन व 5 स्पीड गन माउटेड मोटरसाइकिल उपलब्ध कराने की मांग की। ताकि कार्रवाई को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

पांच साल में जिले में हुए सड़क हादसे एक नजर

वर्ष - कुल दुर्घटनाएं - मृतकों की संख्या - घायलों की संख्या

2020 - 299 - 237 - 212

2021 - 355 - 279 - 319

2022 - 372 - 244 - 401

2023 - 374 - 266 - 402

2024 - 388 - 278 - 365

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इनसे हो रहे सबसे ज्यादा एक्सीडेंट, लेकिन पुलिस की नजर नहीं

आमतौर पर ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने, नशा करके वाहन चलाने, माल वाहक वाहनों में सवारियां ढोने, खतरनाक तरीके से वाहन चलाने एवं वाहनों पर नियम विरुद्ध तेज एलईडी लाइट लगाने से होती हैं, लेकिन पुलिस कार्रवाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो नगण्य है। पुलिस का ज्यादा जोर मुख्य रूप से बिना हैलमेट, सड़क किनारे नो पार्किंग में खड़े वाहन व बिना सीट बेल्ट वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रहता है। इसके साथ यातायात नियमों की अवहेलना करने पर ज्यादातर कार्रवाई नागौर व मेड़ता यातायात शाखा की ओर से की गई है, थानों की पुलिस इसमें पूरी तरह उदासीन है। सितम्बर माह में जिले में कुल 2625 कार्रवाई की गई, जिसमें नागौर और मेड़ता यातायात शाखा की 1951 कार्रवाई है, जबकि अन्य 18 थानों की मात्र 674 कार्रवाई रही, यानी 26 प्रतिशत।

जिले में 14 स्थानों पर वसूल रहे टोल, फिर भी सड़क सुरक्षा ताक पर

जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर जोधपुर-नागौर एनएच- 62 पर टांकला में, नागौर-बीकानेर सेक्शन एनएच 62 पर गोगेलाव में, नागौर-अजमेर सेक्शन एनएच 58 पर बाड़ी घाटी व बुटाटी में, सालासर-नागौर सेक्शन एनएच 58 पर हरीमा में टोल वसूला जा रहा है। इसी प्रकार राज्य राजमार्गों एवं स्थानीय सडक़ों पर भी टोल वसूला जा रहा है, जिसमें निम्बी जोधा- मेड़ता लांबिया एनएच 458 पर तामडोली में, नागौर-रोल-जायल-कठौती- मुकन्दगढ़ रोड पर रोल व कठौती में, तरनाऊ-सांजू रोड पर तरनाऊ में, बनाड़-भोपालगढ़- कुचेरा रोड पर ग्वालू में, नागौर-जयपुर एसएच 90 पर ऊंचियाड़ा में, मेड़ता-लांबिया-रास रोड एसएच 39 पर समदोलाई में, गोटन-बोरूंदा मार्ग पर मातामंगरी में तथा ब्यावर-पिंसागन-टेहला-आलनियावास एसएच 59 पर लाडपुरा में टोल वसूला जा रहा है।

ये हैं जिले के बड़े ब्लैक स्पॉट

एनएच 62 के नागौर-बीकानेर सेक्शन के हनुमान मंदिर तिराहा गोगेलाव, श्रीबालाजी बायपास, अलाय, राजूवास व सीमेंट फैक्टरी गोगेलाव, एनएच 62 के नागौर-जोधपुर सेक्शन के चुगावास, भाकरोद, प्रेमनगर व पदमसर सर्किल (खींवसर), एनएच 58 के नागौर-अजमेर सेक्शन के खजवाना चौराहा कुचेरा व डांगावास, एनएच 58 के नागौर-लाडनूं सेक्शन पर डेह बायपास, एसएच 60 के तरनाऊ-जायल सेक्शन पर कठौती टोल से कठौती बस स्टैण्ड तथा तरनाऊ-खाटू तिराहा ब्लैक स्पॉट हैं, जहां बार-बार हादसे हो रहे हैं। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि वर्ष 2023 में जिले में 8 ब्लैक स्पॉट और 2024 में 7 थे, वहां 2025 में बढकऱ 9 हो गए। इनमें कुछ ब्लैक स्पॉट ऐसे हैं, जहां बार-बार दुर्घटनाएं हो रही है।

जिले में चलाएंगे अभियान

जिले में सडक़ हादसों पर लगाम लगाने के लिए मुख्यालय के निर्देशानुसार अभियान चलाया जाएगा। जिसके तहत यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसमें विशेष रूप से हाई बीम लाइट लगाने वालों, नियम विरुद्ध संचालित होने वाली बाल वाहिनियों, ओवरस्पीड एवं नशे करके वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- मृदुल कच्छावा, पुलिस अधीक्षक, नागौर

सुधार के प्रयास जारी, कम हुए हैं हादसे

हर महीने होने वाली जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में हर एंगल पर चर्चा करके सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। बैठकों में न केवल गत बैठक में दिए गए निर्देशों की पालना सनिश्चित की जाती है, बल्कि दुर्घटनाओं के कारण ढूंढकऱ उन्हें सुधारने का भी प्रयास किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर मूण्डवा में अम्बुजा सीमेंट फैक्टरी के सामने तिराहे पर हाईमास्ट लाइट लगवाई है। हाइवे से मिलने वाली स्थानीय सडक़ों पर स्पीड ब्रेकर बनवाए हैं। जिन स्थानों पर ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही हैं, वहां पुलिस एवं परिवहन विभाग की टीमों को तैनात किया जा रहा है। इसके चलते पिछले वर्षों की तुलना में हादसे भी कम हुए हैं और उनमें मरने वालों की संख्या भी कम हुई है।

- अरुण कुमार पुरोहित, जिला कलक्टर, नागौर