ठाणे और नवी मुंबई महापालिका चुनावों से पहले सत्तारूढ़ महायुति में सियासी टकराव तेज हो गया है। दरअसल कल्याण तालुका के 14 गांवों को नवी मुंबई शहर में शामिल करने और नवी मुंबई में पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए एफएसआई (Floor Space Index) बढ़ाए जाने से नाराज भाजपा नेता गणेश नाईक ने शिवसेना प्रमुख और राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर सीधा हमला बोला है। इसके जवाब में शिवसेना ने भी नाईक पर तीखा पलटवार किया है, जिससे शिंदे-नाइक संघर्ष फिर सुर्खियों में आ गया है।
गणेश नाईक महाराष्ट्र सरकार में वन मंत्री और पालघर जिले के संरक्षक मंत्री भी है। भाजपा नेता नाईक ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत में कहा, किसी के मनमाने फैसलों का बोझ नवी मुंबई की जनता पर नहीं डालने दूंगा। चुनाव के छह महीने बाद इन 14 गांवों को शहर से बाहर निकाल दूंगा। इसके लिए मैं अपनी पूरी जिंदगी की कमाई दांव पर लगाने को तैयार हूं।”
नवी मुंबई के ऐरोली विधानसभा क्षेत्र के विधायक गणेश नाईक ने यह भी कहा कि इन गांवों के विकास के लिए करीब 6,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी और यहां स्क्रैप कारखानों के चलते जलस्रोत प्रदूषित होने से स्थिति बदतर हो चुकी है। नाईक का इशारा साफ तौर पर उपमुख्यमंत्री शिंदे की ओर था।
इस बयान के बाद शिवसेना ने भी मोर्चा खोल दिया। ठाणे के सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, “राज्य में महायुति की सरकार है, फिर भी गणेश नाइक लगातार उपमुख्यमंत्री शिंदे के खिलाफ भ्रामक बातें फैला रहे हैं। यह पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना है।”
शिवसेना नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री शिंदे ने नवी मुंबई के भूमिपुत्रों, माथाडी श्रमिकों और झोपड़पट्टी निवासियों को मुफ्त घर देने के लिए एफएसआई बढ़ाया और 14 गांवों के विकास के लिए 70 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है, जिससे नाइक बौखला गए हैं।
वहीं, राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने भी स्पष्ट किया कि शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर की गई ऐसी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब इस विवाद के कारण ठाणे और नवी मुंबई महापालिका चुनावों से पहले महायुति में टेंशन बढ़ने के आसार है।
Updated on:
05 Oct 2025 07:32 pm
Published on:
05 Oct 2025 07:20 pm