
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। राज्य की 246 नगरपालिकाओं और 42 नगर पंचायतों पर 2 दिसंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को मतगणना होगी। महाराष्ट्र निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी दल तैयारियों में जुट गए है। इस बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना को तगड़ा झटका लगा है।
सोलापुर जिले की करमाला नगरपालिका चुनाव से ठीक पहले शिवसेना शिंदे गुट को बड़ा झटका लगा है। करमाला विधानसभा से चुनाव लड़ चुके दिग्विजय बागल (Digvijay Bagal) ने 55 शाखा प्रमुखों और करीब 20 हजार शिवसैनिकों के साथ सामूहिक इस्तीफा भेजकर पार्टी से नाता तोड़ दिया है। बागल के इतना बड़ा कदम उठने से स्थानीय राजनीति में हड़कंप मच गया है।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में शामिल शिंदे गुट को आगामी निकाय चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। दिग्विजय बागल राज्य के पूर्व मंत्री दिवंगत दिगंबरराव बागल और पूर्व विधायक श्यामलताई बागल के पुत्र हैं। करमाला के मतदाताओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। हालांकि इस्तीफों की इस बाढ़ ने साफ संकेत दे दिए हैं कि बागल अब नई राजनीतिक दिशा तलाश रहे है। चर्चा यह भी है कि दिग्विजय बागल अपने समर्थकों के साथ जल्द ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं।
पिछले कुछ दिनों से संगठन के भीतर चल रहा विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। जिला प्रमुख महेश चिवटे और दिग्विजय बागल के बीच तनाव इतना बढ़ा कि मामला पुलिस तक पहुंच गया। इसके बाद महेश चिवटे ने पूर्व विधायक जयवंतराव जगताप को शिवसेना में लाकर करमाला नगरपालिका चुनाव प्रभारी नियुक्त किया। इसी फैसले ने बागल समर्थकों को और नाराज कर दिया और उनके भीतर असंतोष गहराता गया। नतीजा यह हुआ कि बागल और उनके करीब 20 हजार समर्थकों ने पार्टी नेतृत्व को सामूहिक इस्तीफा भेज दिया।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच सोलापुर के संरक्षक मंत्री जयकुमार गोरे ने संकेत दिया कि दिग्विजय बागल जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। चुनावी माहौल के बीच यह संभावना शिंदे गुट का सिरदर्द और बढ़ा सकती है। करमाला में चल रही इस राजनीतिक उथल-पुथल का आगामी नगरपालिका चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह नतीजों से स्पष्ट हो जाएगा।
Updated on:
16 Nov 2025 05:16 pm
Published on:
16 Nov 2025 01:10 pm

