
महाराष्ट्र के पुणे जिले की बारामती नगरपालिका चुनाव से पहले एनसीपी शरद पवार गुट ने बड़ा आरोप लगाया है। पार्टी नेता युगेंद्र पवार ने दावा किया कि उनके चार उम्मीदवारों को 20-20 लाख रुपये देकर चुनाव से पीछे हटने को मजबूर किया गया। उन्होंने यह आरोप सीधे तौर पर अपने चाचा अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी पर लगाया और कहा कि जैसी राजनीति लोकसभा और विधानसभा चुनाव में देखने को मिली, वही अब निकाय चुनावों में भी हो रही है।
बारामती में शरद पवार गुट के प्रचार अभियान का शुभारंभ रविवार को युगेंद्र पवार के हाथों हुआ। इसी दौरान उन्होंने कहा कि अजित पवार गुट के आठ उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं, जिनमें से चार सीटों पर एनसीपी शरद गुट के उम्मीदवार भी मैदान में थे। लेकिन उन्हें पैसे देकर तोड़ा गया।
शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार ने कहा, "हमारे उम्मीदवार साधारण परिवारों से हैं, मेहनती लोग हैं। अगर वे अगले दस साल भी कड़ी मेहनत करें, तो भी 20 लाख रुपये नहीं कमा पाएंगे। जिन चार उम्मीदवारों को तोड़ा गया, उनमें से दो हाल ही में हमारे साथ जुड़े थे और किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं थे। वे चुनाव जीतकर अच्छा काम करना चाहते थे, हमने उन पर भरोसा भी किया, लेकिन वे भी टूट गए।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे उम्मीदवार छोटे व्यवसायी हैं, पढ़े-लिखे हैं, उनकी छवि साफ है। लेकिन आज सत्ता, पैसा और संस्थाओं के सहारे उन पर दबाव डाला जा रहा है। जिस तरह की दहशत पहले लोकसभा और विधानसभा में दिखी थी, वही अब निकाय चुनाव में भी देखी जा रही है।”
युगेंद्र पवार ने यह भी कहा कि, “हमारे सामने बहुत बड़ी ताकत है, उनके पास सत्ता है, पैसा है और प्रभावशाली तंत्र है। अगर ऐसे दबाव में दो-तीन लोग टूटते हैं, तो वह आश्चर्य की बात नहीं है।” पवार ने लोगों से अपील की कि वे इस बार साधारण घरों से आए उम्मीदवारों को मौका दें। उन्होंने कहा, “अगर लोकतंत्र को जिंदा रखना है और मजबूत विपक्ष को खड़ा करना है, तो शरद पवार गुट के उम्मीदवारों को जिताएं।”
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र की 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों पर 2 दिसंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को परिणाम घोषित होंगे।
Updated on:
23 Nov 2025 10:31 pm
Published on:
23 Nov 2025 10:27 pm

