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मुंबई को दहलाने की साजिश नाकाम, दो आतंकी गिरफ्तार, हथियार और IED बनाने का सामान भी बरामद

Mumbai Attack Conspiracy : जांच में सामने आया है कि आतंकियों ने विस्फोटक और हथियार का इंतजाम कर लिया था। लेकिन मुंबई आने से पहले ही उन्हें दबोच लिया गया।

मुंबई

Dinesh Dubey

Sep 12, 2025

Delhi Police Special Cell arrests terrorist
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी साजिश नाकाम की (Photo: IANS/File)

मुंबई में बड़ी आतंकी साजिश नाकाम कर दी गई है। दरअसल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए आइएसआइएस (ISIS Terrorist Arrest) से जुड़े पांच आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। इनमें शामिल दो आतंकी मुंबई में बड़ा हमला करने की साजिश का हिस्सा थे। पुलिस ने बताया कि आफताब अंसारी (Aaftab Ansari) और सुफियान खान (Sufiyan Khan) नाम के दोनों आतंकियों को दिल्ली रेलवे स्टेशन से उस वक्त पकड़ा गया, जब वे मुंबई जाने की तैयारी कर रहे थे।

जांच में सामने आया है कि दोनों ने हरियाणा के मेवात से विस्फोटक और हथियार खरीदे थे। इनके पास से तीन पिस्तौल और बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं। स्पेशल सेल ने मुंबई में उनके ठिकानों पर छापे मारकर आईईडी (IED) बनाने का सामान और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की है। पुलिस का कहना है कि ये दोनों मुंबई के ही रहने वाले हैं और सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर्स से लगातार संपर्क में थे।

जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई एक बड़े अभियान का हिस्सा थी जिसमें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों ने कई राज्यों में छापेमारी की। इस दौरान कुल पांच संदिग्धों को पकड़ा गया। गिरफ्तार आतंकियों में दो दिल्ली के हैं, जबकि एक-एक आरोपी मध्य प्रदेश, तेलंगाना के हैदराबाद और झारखंड के रांची से है। इनकी पहचान अशरफ दानिश (Ashhar Danish), सुफियान अबुबकर खान, आफताब अंसारी, हुजैफा यमन (Huzaifa Yaman) और कामरान कुरैशी (Kamran Qureshi) के रूप में हुई है।

अब तक की जांच में सबसे अहम नाम अशरफ दानिश का पता चला है, जो रांची से पूरे मॉड्यूल को चला रहा था। उसके ठिकाने से पुलिस को पिस्तौल, कारतूस, हाइड्रोक्लोरिक और नाइट्रिक एसिड, सल्फर पाउडर, तांबे की चादरें, बॉल बेयरिंग, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, लैपटॉप, मोबाइल फोन और नकदी बरामद हुई है।

पुलिस का मानना है कि यह गिरोह भारत में बड़ा आतंकी हमला करने की योजना बना रहा था। सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा में फंसाकर भर्ती किया जा रहा था। साथ ही सांप्रदायिक नफरत फैलाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए कई ऑनलाइन ग्रुप भी चलाए जा रहे थे। फिलहाल जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क और उसके इंटरनेशनल लिंक की पड़ताल में जुटी हैं।


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