Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

पुणे में आदमखोर तेंदुए का आतंक, 15 दिनों में 3 लोगों की ली जान, गोली मारने के आदेश

Leopard Attack: इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग के दफ्तर और वाहनों में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया।

मुंबई

Dinesh Dubey

Nov 03, 2025

Leopard Attack Pune
पुणे में आदमखोर तेंदुए का आतंक (Patrika Photo)

महाराष्ट्र के पुणे जिले के शिरूर तालुका के पिंपरखेड में रविवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब तेंदुआ के हमले में 13 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। मृतक बच्चे का नाम रोहन विलास बोंबे है। महज 15 दिनों में शिरूर तालुका के जांबूत और पिंपरखेड क्षेत्र में दो बच्चों और एक बुजुर्ग महिला की इसी तरह के हमले में जान जा चुकी है। लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। विरोध में आज ग्रामीणों ने पुणे-नासिक एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया है।

रविवार दोपहर करीब पौने चार बजे आंबेवाडी गांव में रोहन अपने घर के पास खेत में गया था। तभी अचानक तेंदुए ने उस पर हमला किया और उसे घसीटते हुए गन्ने के खेत में ले गया। रोहन की चीखें सुनकर उसके माता-पिता दौड़कर खेत की ओर पहुंचे और किसी तरह बेटे को तेंदुए के चंगुल से छुड़ाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

तेंदुए के हमले में बच्चे की गर्दन पर गहरे जख्म हुए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों की भीड़ जुटने पर तेंदुआ डरकर भाग गया लेकिन जाते-जाते और लोगों पर भी हमला करने की कोशिश की।

ग्रामीणों ने फूंका वन विभाग का दफ्तर

इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग के वाहन में तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया। वन विभाग के दफ्तर को भी ग्रामीणों ने फूंक दिया। बाद में बड़ी संख्या में पुलिसबल मौके पर पहुंची और हालात पर काबू पाया। फिलहाल पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें तेंदुए के भय से मुक्ति चाहिए। अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिस वजह से उन्हें प्रदर्शन करना पड़ रहा है।

तेंदुए को गोली मारने का आदेश

ग्रामीणों के भारी रोष के बाद वन विभाग ने आदमखोर तेंदुए को मारने के आदेश दिए है। इलाके में 25 पिंजरे लगाए गए है। ट्रैप कैमरा और ड्रोन से भी तेंदुए की तलाश की जा रही है। शूटरों को भी बुलाया गया है।  

इस बीच, तालुका वन अधिकारी नीलकंठ गव्हाने के अनुसार, पिंपरखेड और जांबूत परिसर में तेंदुओं की संख्या अधिक है, उन्हें पकड़ने के लिए 35 पिंजरे लगाए गए हैं, जिनमें अब तक 9 तेंदुओं को पकड़ा जा चुका है। वहीँ, पूर्व सांसद शिवाजीराव आढलराव ने केंद्र सरकार से मांग की है कि शिरूर, आंबेगांव, खेड और जुन्नर क्षेत्रों में बढ़ती तेंदुओं की संख्या को देखते हुए एक विशेष संरक्षण केंद्र स्थापित किया जाए और पकड़े गए तेंदुओं को वहीं रखा जाए।