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शिंदे ने भाजपा को बताया रावण जैसा अहंकारी, फडणवीस बोले- हम तो राम भक्त है, लंका जलाएंगे

Maharashtra Civic Polls: पालघर जिले की दहाणु नगर परिषद चुनाव ने सत्तारूढ़ महायुति के भीतर की खींचतान को खुलकर सामने ला दिया हैं।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Nov 28, 2025

Maharashtra Politics Devendra Fadnavis Eknath Shinde

देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे (Photo: IANS)

महाराष्ट्र में भले ही भाजपा नीत महायुति गठबंधन की सरकार हो, लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों दल आमने-सामने खड़े नजर आ रहे है। खासकर सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच तीखी बयानबाजी हो रही। अधिकांश जगहों पर बीजेपी और शिवसेना निकाय चुनाव अलग-अलग लड़ रही है और यही वजह है कि दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ पूरी ताकत झोंक रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, उनकी बयानबाजी भी तेज होती जा रही है।

राज्य की 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए दो दिसंबर को मतदान होना है। इन 288 शहरी निकायों में 6,859 पार्षद और 288 नगराध्यक्ष चुने जाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि करीब 100 पार्षद पहले ही निर्विरोध चुन लिए गए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा संख्या बीजेपी के पार्षदों की है।

2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में महायुति में शामिल बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी एकजुट होकर लड़ी थी। लोकसभा चुनाव में तो उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन विधानसभा चुनाव में तीनों ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई। हालांकि, स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा होते ही महायुति के भीतर संघर्ष की स्थिति बनने लगी। स्थानीय स्तर पर न तो बीजेपी अपनी पकड़ ढीली करना चाहती है और न ही शिवसेना और एनसीपी कोई समझौता करने को तैयार है। यही वजह है कि स्थानीय चुनावों में उनके बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े नेताओं तक, हर कोई एक-दूसरे पर निशाना साध रहा है।

शिंदे ने बीजेपी को अहंकारी बताया

इस बीच, पालघर जिले में दहाणु नगर परिषद चुनावों (Dahanu Nagar Parishad Elections) ने महायुति के भीतर की कलह को सामने ला दिया है, जहां बीजेपी और शिंदे की शिवसेना की सीधी टक्कर है। पिछले हफ्ते शिवसेना उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे एकनाथ शिंदे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अहंकार हमेशा हारता है। उन्होंने बीजेपी को रावण की तरह बताते हुए कहा था कि जैसे अहंकार के चलते लंका जल गई थी, वैसा ही 2 दिसंबर को दहाणु की जनता करेगी। शिंदे ने भ्रष्टाचार खत्म करने और विकास करने की बात कहकर वोट मांगा। भाजपा का नाम लिए बिना शिंदे ने कहा की कि दहाणु में सभी लोग तानाशाही और अहंकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।

शिवसेना (शिंदे गुट) की जिला प्रमुख किरण सांख्ये ने बताया कि हमने राजू माछी को मैदान में उतारा है और भाजपा ने अपने जिला प्रमुख भरत राजपूत को। एनसीपी के दोनों गुट शिवसेना उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं।

हम रावण के भक्त नहीं- फडणवीस

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के इसी बयान का जवाब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद उसी दहाणु में जाकर दिया। उन्होंने कहा कि जो हमारे बारे में बुरा कहते हैं, उन्हें नजरअंदाज करना चाहिए। वे लंका जलाने की बात कर सकते हैं, लेकिन हम तो लंका में रहते ही नहीं। हम राम के भक्त हैं, रावण के नहीं। फडणवीस ने शिंदे का नाम लिए बिना कहा कि राजनीति में ऐसी बातें होती हैं, इन्हें दिल पर नहीं लेना चाहिए।

फडणवीस ने आगे कहा कि हमारा उम्मीदवार भरत है और भरत तो राम का भाई है। अगर विकास का विरोध करने वाली ताकतें सामने आईं, तो भरत लंका जला देगा। उनके इस बयान को बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए सीधा संदेश माना जा रहा है। हालांकि 3 दिसंबर को निकाय चुनाव के परिणाम बताएंगे कि जुबानी जंग से आगे असल सियासी ताकत किसके पास है।