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मेरे परिवार ने अगर कुछ गलत किया है तो उसका समर्थन नहीं करूंगा: अजित पवार

Ajit Pawar on Pune Land Scam : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़े पुणे के कोरेगांव पार्क स्थित बहुमूल्य जमीन सौदे को लेकर सूबे का सियासी पारा हाई है।

मुंबई

Dinesh Dubey

Nov 07, 2025

Ajit Pawar NCP Maharashtra
अजित पवार (Photo: NCP)

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने बेटे पार्थ पवार से जुड़े पुणे के विवादास्पद जमीन सौदे पर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्होंने अपने 35 साल के राजनीतिक जीवन में कभी भी कोई नियम नहीं तोड़ा और न ही किसी को अपने नाम पर ऐसा करने दिया।

अजित पवार ने कहा, “अगर मेरे परिवार का कोई सदस्य या मेरे करीब का व्यक्ति कुछ गलत करता है, तो मैं उसका समर्थन कभी नहीं करूंगा। मैंने इस मामले की सारी जानकारी जुटाई है। मैंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात की और उनसे कहा कि वे जांच के आदेश दें। अब इस पूरे लेनदेन को रद्द कर दिया गया है और एक समिति गठित की गई है जो एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।”

एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने आगे कहा, “मैंने अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर कोई व्यक्ति उनके नाम का इस्तेमाल कर दबाव बनाता है या किसी गलत काम में शामिल होने की कोशिश करता है, तो वे किसी भी परिस्थिति में झुकें नहीं और गलत काम में शामिल न हो।“

उन्होंने साफ किया, “इस केस में अब तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है। एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और यह जांच की जाएगी कि किसने दबाव डाला, कौन इसमें शामिल था और कैसे यह सौदा किया गया।” उन्होंने यह भी बताया कि पार्थ पवार ने इस जमीन सौदे से जुड़ा अनुबंध रद्द करने का फैसला किया है।

अजित पवार की ओर से जारी अधिकारिक बयान में कहा, “इस पूरे मामले में न तो उन्होंने, न उनके कार्यालय ने किसी को फोन किया, न कोई मदद दी और न ही किसी भी तरह की भूमिका निभाई। उन्होंने आगे कहा, “मौजूदा जानकारी के अनुसार, यह केवल जमीन खरीदने का एक एग्रीमेंट था। मेरे बेटे पार्थ, उनकी कंपनी अमाडिया एंटरप्राइजेज, या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य ने विक्रेता को कोई भुगतान नहीं किया है और न ही जमीन का कब्जा लिया गया है। इसलिए यह लेनदेन अधूरा ही है।”

इस मामले पर शिवसेना प्रमुख और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि सीएम फडणवीस ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और एक महीने में रिपोर्ट आने के बाद सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।

इस कथित घोटाले में करीब 1,800 करोड़ रुपये की सरकार की महारवतन जमीन को अवैध रूप से केवल 300 करोड़ रुपये में बेचा गया था, और उसमें 5.89 करोड़ की स्टांप ड्यूटी भी माफ की गई थी। सबसे अहम बात यह है कि इस मामले में आरोपी दिग्विजय पाटिल पार्थ पवार के साथ अमाडिया एंटरप्राइजेज में साझेदार हैं।