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ट्रांसपोर्ट नगर अब 50 करोड़ फूंकने की तैयारी, बिना डिजाइन के पूर्व में कर दिए दस करोड़ खर्च

इंजीनियर की रिपोर्ट में सडक़, वाटर सप्लाई सहित अन्य निर्माण की नहीं पाई गई ड्राइंग व डिजाइन, रैरा की नहीं थी अनुमति फिर कैसे कर दिए दस करोड़ खर्च, शासन ने गंभीरता दिखाई तो कुछ लोगों को हो सकती है जेल

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मुरैना. शहर के लिए अतिमहत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण कवायद अब नए सिरे से की जा रही है। वर्तमान दर के हिसाब से 50 करोड़ 74 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया है। इसमें से पूर्व में खर्च किए जा चुके 10 करोड़ के करीब की राशि कम कर दी जाएगी। लेकिन महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण पर दस करोड़ खर्च किए जा चुके हैं जबकि इंजीनियर को भौतिक सत्यापन में ट्रांसपोर्ट नगर में तमाम विसंतियां मिली हैं। अगर शासन स्तर से इस पर अमल किया गया तो कई अधिकारी व कर्मचारियों को जेल भी हो सकती है।


ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण को लेकर पिछले लंबे समय से नगर निगम परिषद की बैठकों में चर्चा होती रही हैं लेकिन सबसे अहम बात यह है कि इंजीनियर के भौतिक सत्यापन में 13 विंदुओं पर लिखा है जिनका नगर निगम में कोई अभिलेख नहीं मिला है, फिर नगर के निर्माण को लेकर पूर्व में कैसे टेंडर हो गया और दस करोड़ खर्च भी कर दिए। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी (रैरा) से अनुमति नहीं हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी यातायात नगर में निर्माण कार्य कैसे हो गया। इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पूर्व में हुए टेंडर के हिसाब से ये होना था

छौंदा टोलटैक्स के पास नगर निगम को 19.83 हेक्टेयर भूमि पर यातायात नगर तैयार करना था। वर्ष 2017 में 45 करोड़ का टेंडर हुआ था और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आधार शिला रखी थी। निर्माण एजेंसी को 18 माह में ट्रांसपोर्ट नगर पूरी तरह बनाकर देना था लेकिन ठेकेदार को कार्यादेश मिलने के बाद कुछ समय तक कार्य किया और जितना कार्य हुआ उस हिस्से का भुगतान भी कर दिया। उसके बाद भी पिछले साढ़े पांच साल से काम बंद पड़ा है। जो कार्य किया था, वह भी जर्जर हालत में पहुंच गया है।

गलत तरीके से कर दिया 9.50 करोड़ का भुगतान

नगर निगम ने 10 जनवरी 2018 को मैं. भगवती इंटर प्राइजेज मुरैना को 15.61 प्रतिशत कम एसओआर दर पर यातायात नगर के निर्माण का कार्यादेश दिया गया था उसमें समय सीमा भी निर्धारित की थी लेकिन उस समय में निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। निर्माण एजेंसी ने कार्यादेश के करीब एक साल तक कार्य किया। इस दौरान ठेकेदार ने स्थल पर किए गए कार्य का 10.70 करोड़ का देयक नगर निगम में प्रस्तुत किया था। नगर निगम ने ठेकेदार को 9.50 करोड़ का भुगतान कर चुका है। लेकिन सवाल यह है कि जब ले आउट, ड्राइंग व डिजाइन नहीं था फिर ये निर्माण कैसे हो गया।

ये होने थे विकास कार्य

पूर्व अनुबंध के अनुसार निर्माण एजेंसी को योजना स्थल पर डामरीकृत सडक़ 18 मीटर एवं 12 मीटर चौड़ी, सीमेंट कंक्रीट पार्किंक एरिया, पेवर टाइल्स फुटपाथ, सडक़ पर आरसीसी डिवाइडर, यूसेफ नाला और क्रॉस ड्रेनेज (पुलिया) वाटर सप्लाई पाइप लाइन, एंट्री गेट, सुलभ कॉम्पलेक्स, बोरबेल, विद्युत सब स्टेशन आदि कार्य कराए जाने का प्रावधान था। लेकिन जितना भुगतान नगर निगम कर चुका है, उतना भी काम ठीक से नहीं किया गया।

इंजीनियर की ये है रिपोर्ट

नगर निगम के इंजीनियर सगीर अहमद खान जो वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुके हैं, के द्वारा वर्ष ट्रांसपोर्ट नगर का भौतिक सत्यापन किया गया तो उनको मौके पर डाली गई सडक़ों के दस्तावेज नहीं मिले। ट्रांसपोर्ट नगर में प्रस्तावित सडक़ सुलभ कॉम्प्लेक्स, सीवर लाइन, वाटर सप्लाई, डे्रनेज सिस्टम, मुख्य द्वार, गार्ड रूम, फायर स्टेशन, दुकान निर्माण का विस्तृत ड्राइंग एवं डिजाइन नहीं मिली है। इसके अलावा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी (रैरा) से अनुमति नहीं ली गई। इसके अलावा करीब दस करोड़ का कार्य करा दिया। इस रिपोर्ट के आधार पर शासन से कुछ अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई होने की संभावना हैं।

फैक्ट फाइल

45 करोड़ का टेंडर हुआ था यातायात नगर निर्माण का।
50.74 करोड़ का नया प्राक्कलन तैयार।
03 लाख से अधिक जनसंख्या है नगर निगम सीमा में।
19.83 हेक्टेयर में होना था विकसित।
661 वाणिज्यिक भूखंड बनने थे नगर मेंं।
24 गोदाम और 63 वर्क शॉप बनने थे यहां।
01 अगस्त 2017 को जारी हुई थी निविदा।
20 दिसंबर 2017 को संबंधित एजेंसी को हुआ था टेंडर।
10 जनवरी 2018 को एजेंसी को जारी किया था कार्यादेश।
18 माह का समय निर्धारित था निर्माण पूरा करने का।
05 साल छह माह से बंद हैं निर्माण कार्य।
10.70 करेाड़ के देयक पेश किए थे निर्माण एजेंसी ने।
9.50 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है निर्माण एजेंसी को।

ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण की नए सिरे से कवायद शुरू की जा रही है। वर्तमान दर के हिसाब से 50.74 लाख के करीब प्राक्कलन तैयार किया गया है। इंजीनियर की रिपोर्ट में ड्राइंग व डिजाइन बिना पूर्व में निर्माण न होने का मामला भी संज्ञान में आया है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। शासन से संज्ञान लिया जा सकता है।

एल एस डोडिया, अपर आयुक्त, नगर निगम