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खाद के लिए फिर मारामारी, सुबह से महिला व पुरुष किसानों की लगी लंबी लाइन

किसान बोले: ठंड में सुबह से लाइन में लगकर घंटों इंतजार करने के बाद खुलता है काउंटर, बाजरा, सरसों के बाद अब गेंहू की बोनी के लिए भी किसान हो रहे खाद के लिए परेशान

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मुरैना. बाजरा, सरसों के बाद अब गेंहू की बोनी के लिए खाद की मारामारी है। ठंड में सुबह से ही महिला व पुरुष बड़ी संख्या में लाइन में लग जाते हैं और काउंटर ऑफिस समय पर खुलता है। किसानों का कहना हैं कई बार तो ऐसा होता है कि सुबह ठंड में आगर लाइन में लगते हैं और जब हमारा नंबर आता है तब काउंटर से बोल दिया जाता है कि अब डीएपी खत्म हो चुका है।


कृषि उपज मंडी परिसर में डीएमओ गोदाम पर महिला व पुरुष किसान सुबह जल्दी पहुंचकर लाइन में लग गए जिससे उनका पहले नंबर आ सके लेकिन काउंटर वहीं दस बजे के बाद खोला गया इसके चलते किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ा। किसानों ने बताया कि काउंटर पर एक मशीन लेकर कर्मचारी बैठता है, अगर वहांं मशीनों की संख्या बढ़ा दी जाए तो एक मशीन पर महिलाएं और दूसरी मशीन पर पुुरुष किसानों की रसीद काटी जा सकती है, जिससे दिन भर खराब नहीं होगा। लेकिन मैंन पॉवर कम होने से किसानों का दिन भर खराब होता है, उसके बाद भी यह सुनिश्चित नहीं हैं कि अंतिम छोर पर लगे किसान को सेम डेट में खाद मिल ही जाएगा। शहर में कृषि उपज मंडी के अलावा जीवाजी गंज सोसायटी एवं बाईपास स्थित एमपी एग्रो के खाद वितरण केन्द्र पर भी यही समस्या थी पैसा जमा करने के लिए एक एक ही मशीन थी।

किसान डीएपी के विकल्प पर जोर दें

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि किसान डीएपी को लेकर जागरुक नहीं हैं। इसकी जगह एनपीके भी डाल सकता है। खासकर तिलहन वाली फसल जैसे सरसों, मूंगफली, सोयावीन में सल्फर से तेल की मात्रा बढ़ती है, जो कि एनपीके में होता है जबकि डीएपी में सल्फर नहीं होता है। इसी तरह गेंहू के लिए भी एनपीके सर्वोत्तम हैं।

पिछले साल की अपेक्षा 6 हजार मीट्रिक टन ज्यादा बिका डीएपी


पिछले साल की अपेक्षा इस साल अभी तक 6 हजार मीट्रिक टन डीएपी ज्यादा बिक चुका है, उसके बाद भी डीएपी के लिए किसान मारा मारी कर रहा है। पिछली साल तीन नवंबर तक 20 हजार मीट्रिक टन डीएपी बिका था इस साल अभी तक 26 हजार मीट्रिक टन डीएपी बिक चुका है और अभी गेंहू की बोनी शुरू हुई है।

किसानों की भीड़ को देखकर कलेक्टर बोले, दो काउंटर खोले जाएं

कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने सोमवार को जीवाजीगंज स्थित मार्केटिंग सोसायटी के खाद वितरण केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पीओएस मशीन के माध्यम से खाद के स्टॉक एवं वितरण की स्थिति का अवलोकन किया तथा उपस्थित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जब तक किसान लाइन में खड़े हैं, तब तक खाद वितरण की प्रक्रिया निरंतर जारी रखी जाए। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाने हेतु दो पीओएस मशीनें लगाकर दो काउंटर संचालित किए जाएं, जिससे किसानों को लंबी प्रतीक्षा न करनी पड़े।

ये बोले किसान

पिछले आठ दिन से डीएपी लेने आ रहे हैं। हमारे दादा के नाम से 20 बीघा जमीन हैं। एक बार में दो ही कट्टे मिल रहे हैं, इसलिए दोबारा आना पड़ा है।

अभिषेक सिंह, शिवलाल का पुरा

शुक्रवार को भी खाद लेने आई थी लेकिन जब तक काउंटर पर मेरा नंबर आया, डीएपी खत्म हो चुका था। आज फिर लाइन में सुबह से ही लगे हैं।

अंगूरी देवी, सेठबारी का पुरा

किसान का रुझान सिर्फ डीएपी के प्रति ही है जबकि तिलहन व गेंहू की फसल के लिए डीएपी से ज्यादा एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटास) ज्यादा सर्वोत्तम हैं। अभी तक 26 हजार मीट्रिक टन डीएपी किसान ले चुका है। रविवार को ही 800 मीट्रिक टन डीएपी आया है, उसका जिले भर में वितरण करवा रहे हैं। अगर किसान डीएपी का विकल्प लेकर चले तो ये मारामारी खत्म हो जाएगी।

विनोद कोटिया, जिला विपणन अधिकारी