
मुरैना. कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ द्वारा सोमवार को मीटिंग हॉल में बैठकर पटवारी, सचिव व सहायक सचिवों को वीडियो कॉलिंग की और पूछा कहां हो, बैक ग्राउंड दिखाओ और जो अपनी ड्यूटी पर नहीं मिले, उन आठ पटवारी व पांच सचिव व सहायक सचिवों को तत्काल सस्पेंड करने के निर्देश दिए। मुरैना में किसी कलेक्टर द्वारा इस तरह की कार्रवाई पहली बार की है। इस कार्रवाई से कर्मचारियों में हडक़ंप मच गया है।
कलेक्टर ने मुरैना में पदस्थगी के बाद ही यह निर्देश जारी किए गए थे कि पटवारी प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक पंचायत भवन में बैठकर जनसमस्याओं का निराकरण करें। इसी प्रकार पंचायत सचिव व सहायक सचिव सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक ग्रामीणों की समस्याएं सुनें और उनका समाधान सुनिश्चित करें। निर्देशों का पालन हो रहा है कि नहीं, इसकी वास्तविक स्थिति जानने हेतु कलेक्टर ने सोमवार को दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष से प्रत्येक तहसील के तीन-तीन पटवारियों तथा प्रत्येक जनपद के तीन-तीन पंचायत सचिवों से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उपस्थिति की जांच की। जांच में 8 पटवारी तथा 5 सचिव व जीआरएस अपने निर्धारित पंचायत भवन पर अनुपस्थित पाए गए। कलेक्टर ने सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके विकासखण्ड मुख्यालय पर अटैच करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बानमौर के पटवारी सुजान सिंह गुर्जर, पोरसा के सकल मनोरथ पाठक, मुरैना ग्रामीण के अजय गुर्जर, मुरैना शहर के शिवराज तोमर, अम्बाह के मयंक यादव, सबलगढ़ के सोनू जादौन, कैलारस के दुर्गेश शर्मा तथा जौरा के संजीव तिवारी से वीडियो कॉल पर उपस्थिति सत्यापित की, जो सभी पंचायत भवन पर अनुपस्थित पाए गए। इन्हें तत्काल निलंबन का आदेश दिया गया। इसी प्रकार जनपद पंचायतों में कोटरा के सचिव नरेश सिंह तोमर, बर्रेड के सचिव हाकिम जाटव, जीआरएस सौरभ सिकरवार, सुनावली के सचिव रामरूप कुशवाह तथा ककरारी के सचिव नरेश की उपस्थिति की पुष्टि वीडियो कॉल से की गई। सभी अनुपस्थित पाए जाने पर कलेक्टर ने सीईओ जिला पंचायत को तत्काल निलंबन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने टीएल पत्रक की विस्तृत समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि निराकरण के पश्चात सभी फाइलें उनके समक्ष प्रस्तुत की जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीएल में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। विभिन्न अधिकारियों द्वारा अलग-अलग अवधि (5, 7, 12, 15, 20, 25 एवं 30 दिन) के लिए निर्धारित टीएल की प्रगति की स्थिति भी जांची गई। सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि प्रदेश स्तर से रैंकिंग 20 तारीख के आसपास जारी की जाती है और कभी-कभी इससे पूर्व भी प्रकाशित हो जाती है। अत: जिन विभागों की प्रगति अपेक्षित नहीं है, वे आगामी दस दिनों में नियमित समीक्षा कर लंबित प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करें, ताकि मुरैना जिला शीर्ष-5 में स्थान बना सके।
कलेक्टर ने जनपद सीईओ और नगर निगम कमिश्नर को निर्देशित किया कि सभी गोशालाओं में बिजली और पानी की उपलब्धता हर स्थिति में सुनिश्चित हो। विद्युत विभाग को निर्देशित किया गया कि आवश्यकतानुसार नियम शिथिल कर गोशालाओं में प्रकाश व्यवस्था तत्काल करें।
देवरी गोशाला को उत्कृष्ट मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए कि बाउंड्रीवाल और टीनशेड का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाए, तथा आवश्यकता अनुसार किसी संस्था को संचालन हेतु देने की योजना भी बनाई जाए।
लोकसेवा गारंटी पोर्टल पर प्राप्त होने वाले आवेदनों का समय-सीमा में संबंधित अधिकारी द्वारा निराकरण नहीं करने पर उन पर दंडित करने का प्रावधान है। आदेश के तारतम्य में कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने मुरैना जिले की कैलारस जनपद की ग्राम पंचायत तिंलोजरी के सचिव जितेन्द्र सिंह जादौन पर 500 रुपए, अम्बाह जनपद की ग्राम पंचायत दिमनी के प्रभारी सचिव देवेन्द्र सिंह टांक पर 30 हजार, जनपद पंचायत मुरैना की ग्राम पंचायत उरहेडी के सचिव बंटी सिकरवार पर 750 रुपए, जनपद पंचायत पोरसा की ग्राम पंचायत लुधावली के पंचायत सचिव लोकेन्द्र श्रीवास पर 500 रुपए और जनपद पंचायत मुरैना की ग्राम पंचायत पिपरसेवा के सचिव बैजनाथ सिंह पर 500 रुपए का दंड किया है।
Updated on:
12 Nov 2025 03:12 pm
Published on:
12 Nov 2025 03:11 pm

