
Mathura Highway Bus Stand After Land Acquisition Begins: हाईवे स्थित जयसिंह पुरा बस अड्डे पर बसों के आवागमन में लंबे समय से आ रही समस्याओं का समाधान अब तय माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने पराग डेयरी की 1470 वर्ग मीटर भूमि के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है, जिससे बस अड्डे के लिए सीधा और सुगम मार्ग तैयार किया जाएगा। इस अधिग्रहण पर कुल 4.19 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अधिग्रहण की रजिस्ट्री इसी सप्ताह होने की संभावना है। इस कदम से दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के लिए चलने वाली बसों के संचालन में वर्षों से चली आ रही बाधाएँ दूर हो जाएंगी।
जयसिंह पुरा हाईवे बस अड्डा हाल के वर्षों में मथुरा के सबसे महत्वपूर्ण परिवहन केंद्रों में एक बनकर उभरा है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी चुनौती ओवरब्रिज के कारण उत्पन्न होने वाली आवागमन मुश्किलें हैं। बसों को मुख्य सड़क की बजाय सर्विस लेन से होकर आना पड़ता है और फिलहाल उन्हें अंडरपास का सहारा लेना पड़ता है, जिससे कई बार बसें फंस जाती हैं या धीमी गति से संचालित करनी पड़ती है।
दिल्ली की ओर से आने वाली तथा आगरा की तरफ जाने वाली बसों को ओवरब्रिज के कारण लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। कई स्थानों पर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। ऐसे में न केवल बसों की समयबद्धता प्रभावित होती है, बल्कि यात्रियों को भी अनावश्यक विलंब झेलना पड़ता है। कई बार यात्रियों ने शिकायत की कि हाईवे पर बने नए बस अड्डे के बावजूद बसें सही ढंग से प्रवेश नहीं कर पातीं, जिससे इसकी उपयोगिता प्रभावित होती है। यह समस्या विशेषकर त्योहारों और यात्रीभार अधिक होने की स्थिति में बहुत बढ़ जाती है।
अब जल्द ही यह पूरा तंत्र बदलने वाला है। नया रास्ता बसों को सीधे अंडरपास से बस अड्डे में प्रवेश की सुविधा देगा। प्रस्तावित भूमि 10 मीटर चौड़ी और 147 मीटर लंबी है, जिससे एक सुव्यवस्थित और सुरक्षित मार्ग बनाया जा सकेगा।
UPSRTC के एआरएम एमएम शर्मा के अनुसार, शासन स्तर से भूमि अधिग्रहण की अनुमति मिल चुकी है, और रजिस्ट्री इसी सप्ताह कर ली जाएगी। भूमि का अधिग्रहण होने के तुरंत बाद बस मार्ग के निर्माण की योजना तैयार कर ली जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि नया मार्ग बस अड्डे की उपयोगिता और क्षमता दोनों को बढ़ाएगा, और भविष्य में बसों की संख्या बढ़ाने की भी संभावना बनेगी।
मथुरा के पुराने शहर में स्थित स्टेट बैंक-भूतेश्वर तिराहा मार्ग पर लंबे समय से यातायात जाम की गंभीर समस्या चल रही थी। इस कारण बसों का प्रवेश और निकास बेहद कठिन हो गया था। इस समस्या के समाधान के लिए हाईवे पर नए बस अड्डे का प्रस्ताव 2017 में पेश किया गया और उसी वर्ष इसका शिलान्यास हुआ।
करीब पाँच एकड़ क्षेत्र में 17 करोड़ रुपये की लागत से विशाल, आधुनिक और सुविधायुक्त बस अड्डा तैयार किया गया। 2022 में इसका निर्माण पूरा हुआ और इसे संचालन के लिए खोला गया। लेकिन ओवरब्रिज और संकरे पहुंच मार्ग के कारण बसों का सुचारू आवागमन कभी सुनिश्चित नहीं हो पाया। नई भूमि मिलने के बाद बस अड्डे का वास्तविक लाभ अब यात्रियों और परिवहन निगम दोनों को मिलेगा।
वर्तमान में हाईवे स्थित बस अड्डे से दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के लिए बसें चलाई जा रही हैं। UPSRTC का फोकस इस बस अड्डे से अधिकतम रूटों पर संचालन बढ़ाने का है। लेकिन बसों के लिए कठिन प्रवेश मार्ग लंबे समय से बाधक बना हुआ था। अब नए मार्ग से न सिर्फ इन रूटों पर संचालन सुचारू होगा, बल्कि कुछ नए रूट जोड़ने की संभावनाएँ भी बढ़ जाएँगी।
यात्री सुविधा में वृद्धि के लिए निगम पहले से ही पार्किंग, प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर और बस स्टैंड परिसर के पुनर्गठन पर जोर दे रहा है। अधिकारी मानते हैं कि जब बसों के प्रवेश और निकास में बाधाएं खत्म होंगी, तभी नए ढाँचे का वास्तविक लाभ मिलेगा।
पराग डेयरी की भूमि का अधिग्रहण सिर्फ बस संचालन में सुधार का मसला नहीं है, बल्कि यह शहर के बुनियादी ढाँचे के विकास से भी जुड़ा बड़ा कदम है। मथुरा हाईवे पर लगातार बढ़ते ट्रैफिक के बीच यह निर्णय शहर की परिवहन प्रणाली को अधिक संगठित बनाने में कारगर साबित होगा। पराग डेयरी के आसपास बढ़ रहा व्यापारिक और औद्योगिक विस्तार भी इस क्षेत्र में एक बेहतर कनेक्टिविटी मार्ग की मांग कर रहा था। नया बस मार्ग ऐसे में दोहरे लाभ की स्थिति पैदा करेगा।
सड़क परिवहन विभाग के अनुसार नया मार्ग कई वर्षों से चली आ रही भीषण जाम समस्या पर निर्णायक असर डालेगा। जिस रास्ते से बसें अब गुजरती हैं, वहाँ अक्सर सड़क संकरी पड़ जाती है। भारी वाहनों और स्थानीय ट्रैफिक के कारण बसों को कई बार मिनटों नहीं बल्कि घंटों तक अटकना पड़ता है। नया मार्ग ओवरब्रिज के दबाव को कम करेगा और बसों को सीधे अंडरपास से एक व्यवस्थित सड़क पर लाकर बस अड्डे तक पहुँचाएगा। इससे यातायात दबाव घटेगा, दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी और सेवा की समयबद्धता बढ़ेगी।
अधिकारियों ने संकेत दिया कि भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया जाएगा, क्योंकि यह परियोजना लंबे समय से लंबित है। भूमि के अधिग्रहण में कुल 4.19 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। निर्माण विभाग का कहना है कि इस पूरे प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा ताकि यात्रियों को अधिक समय तक असुविधा न झेलनी पड़े।
बस अड्डे पर आने वाले यात्रियों में भी इस खबर से उत्साह है। कई यात्रियों का कहना है कि हाईवे बस अड्डा आधुनिक जरूर है, लेकिन पहुँचने की असुविधा इसकी उपयोगिता को कम कर देती है। नयामार्ग बनने से उन्हें आसानी होगी और यात्री अनुभव बेहतर होगा। एक स्थानीय यात्री ने कहा, “अभी आधा समय बसें रास्ता खोजने और मोड़ों से निकलने में खराब कर देती हैं। सीधा रास्ता बन जाएगा तो यात्रा समय भी कम होगा।”
Updated on:
09 Nov 2025 09:27 am
Published on:
09 Nov 2025 09:26 am

