
Premanand Maharaj: श्रीराधे हित केलिकुंज में शुक्रवार को संत प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए प्रदेश के उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय पहुंचे।
शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सुबह 7 बजे एकांतिक वार्ता में संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। इस दौरान योगेंद्र उपाध्याय ने संत प्रेमानंद महाराज से सवाल किया, 'काम के साथ नाम जप करना मुश्किल होता है, कैसे संभव हो'?
सवाल के जवाब देते हुए संत प्रेमानंद महाराज ने कहा,''भगवान ने गीता में कहा है कि जो भी करते हो उन्हें समर्पित कर दो। आप चाहो तो कर्म के साथ भी नाम जप कर सकते हैं। आपको जो कर्म मिला है वह समाज को उन्नति की ओर ले जाने वाला कर्म है। जो भी सच्चे मन से आप कार्य करें, उसे भगवान को समर्पित कर दें। आपकी साधना मानी जाएगी।'' उन्होंने कहा कि किसी भय अथवा प्रलोभन वश किया गया काम पाप होता है।
बता दें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो खूब वायरल हुआ। सवाल में एक भगत ने पूछा,'' प्रेमानंद जी महाराज मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूं। ऑफिस से छुट्टी नहीं मिलती है तो झूठ बोलकर छुट्टी लेनी पड़ती है। जैसे दादी या फूफा या कोई रिश्तेदार मर चुका है। तो फिर छुट्टी मिल जाती है। क्या ऐसा करना सही बात है। दो तीन चार बार एक को ही मार देते हैं।
एक शख्स ने बात जोड़ते हुए कहा, अगर हर डेढ़ महीने में वृंदावन जाने के लिए छुट्टी मांगो, तो बॉस कभी छुट्टी नहीं देगा। आज भी मैं ऑफिस में झूठ बोलकर ही यहां आया हूं। अब सोचता हूं क्या ऐसे झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है?”
जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा, ''कलयुग का असर है कि आज झूठ बोलना आम हो गया है। झूठा लेना, झूठा देना, झूठा खाना – सब झूठ पर टिक गया है। लेकिन याद रखो, झूठ बोलना पाप है। जैसे कहा गया है, "साच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप" यानी सच्चाई जैसा कोई तप नहीं, और झूठ जैसा कोई पाप नहीं।' हां, अगर किसी भक्ति या भगवान से जुड़ी बात के लिए किसी ने झूठ बोल दिया, तो उसका भाव गलत नहीं माना जाता क्योंकि उसका मकसद पवित्र होता है, लेकिन दुनियावी कामों में झूठ बोलने से बचना ही बेहतर है।''
Published on:
08 Nov 2025 02:41 pm

