
Admission Update: प्रदेश के युवाओं के लिए राहत की खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में प्रवेश की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ा दी है। अब छात्र-छात्राएं 17 अक्टूबर 2025 तक प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह निर्णय राज्य सरकार ने इस उद्देश्य से लिया है कि कोई भी सीट रिक्त न रहे और अधिक से अधिक युवाओं को रोजगारोन्मुख शिक्षा का अवसर मिल सके।
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि सत्र अगस्त-2025 के लिए प्रदेश के सभी राजकीय एवं निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाकर 17 अक्टूबर, शाम 5:00 बजे तक कर दी गई है। यह प्रवेश प्रक्रिया Walk-in सिद्धान्त के तहत संचालित होगी, जिससे अभ्यर्थी सीधे संस्थान में जाकर प्रवेश ले सकेंगे।
सरकार ने इस वर्ष प्रवेश प्रणाली में पारदर्शिता और लचीलापन लाने के लिए Walk-in प्रक्रिया को अपनाया है। इसका अर्थ यह है कि जिन अभ्यर्थियों ने पहले से SCVT पोर्टल (www.scvtup.in) पर पंजीकरण कराया है या जो अब नए आवेदन करना चाहते हैं, वे सीधे अपने नजदीकी आईटीआई संस्थान जाकर सीट की उपलब्धता के अनुसार प्रवेश ले सकते हैं। यह प्रणाली विशेष रूप से उन विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है जो पहले की ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया में किसी कारणवश चयन से वंचित रह गए थे या जिनके दस्तावेजों में त्रुटियां थीं। अब वे निर्धारित समय तक अपने दस्तावेज़ लेकर सीधे संस्थान में जाकर प्रवेश सुनिश्चित कर सकते हैं।
कपिल देव अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार सभी संस्थानों में रिक्त सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया 17 अक्टूबर 2025, शाम 5:00 बजे तक पूर्ण की जानी अनिवार्य है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक संस्थान को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रवेश लेने वाले सभी विद्यार्थियों का डाटा SCVT पोर्टल पर समय रहते वेरीफाई और फ्रीज कर दिया जाए। निर्धारित समयावधि के बाद किसी भी प्रकार की डाटा संशोधन या फ्रीजिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका अर्थ यह है कि संस्थान और छात्र, दोनों को प्रवेश प्रक्रिया में समय का विशेष ध्यान रखना होगा, अन्यथा तकनीकी कारणों से प्रवेश रद्द भी हो सकता है।
राज्य सरकार ने 6 जून 2022 के शासनादेश के प्रस्तर चतुर्थ चरण, बिन्दु-4(2) के अंतर्गत यह व्यवस्था की थी कि प्रवेश प्रक्रिया के दौरान कोई भी सीट खाली न रहे। इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि राज्य के सभी आईटीआई संस्थानों की 100 प्रतिशत सीटें भर जाएं। इस आदेश के तहत न केवल पुराने पंजीकृत अभ्यर्थियों, बल्कि नए आवेदकों को भी अवसर दिया गया है। Walk-in प्रक्रिया के माध्यम से वे अपनी योग्यता और दस्तावेजों के आधार पर उपलब्ध सीटों पर सीधे प्रवेश पा सकते हैं।
प्रवेश के समय इन दस्तावेजों का सत्यापन संस्थान द्वारा किया जाएगा। सत्यापन के बाद ही प्रवेश को मान्य माना जाएगा।
राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी युवा रोजगार के अवसर से वंचित न रहे। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान युवाओं को न केवल तकनीकी दक्षता प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाते हैं। प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाकर सरकार ने विद्यार्थियों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेजी से औद्योगिक विकास हो रहा है, ऐसे में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित युवाओं की मांग बढ़ रही है। आईटीआई संस्थान इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
शासन ने स्पष्ट किया है कि प्रवेश प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी, लापरवाही या तकनीकी चूक की स्थिति में पूरी जिम्मेदारी संबंधित संस्थान के प्रधानाचार्य या प्रबंधक की होगी। समय सीमा समाप्त होने के बाद यदि किसी संस्थान ने पोर्टल पर प्रवेश डेटा वेरीफाई या फ्रीज नहीं किया, तो उसके विरुद्ध कार्यवाही भी की जा सकती है।
ये सभी पाठ्यक्रम युवाओं को उद्योगों में नौकरी पाने के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराते हैं।आईटीआई प्रशिक्षण के बाद कई विद्यार्थी सरकारी व निजी क्षेत्रों में नौकरी प्राप्त करते हैं, जबकि कुछ स्वयं का व्यवसाय भी शुरू करते हैं।
राज्य सरकार “हर हाथ को हुनर” अभियान के तहत युवाओं को कौशल प्रशिक्षण से जोड़ने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए प्रदेशभर में 400 से अधिक सरकारी और लगभग 2800 निजी आईटीआई संस्थान संचालित किए जा रहे हैं। इन संस्थानों के माध्यम से हर वर्ष लाखों विद्यार्थी प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं और उद्योगों में कार्यरत होते हैं।
Published on:
10 Oct 2025 01:01 am

