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UP Expressway: उत्तर प्रदेश में बनेगा सबसे महंगा लिंक एक्सप्रेस वे, 7500 करोड़ की लागत से गंगा-आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे जुड़ेंगे

UP to Build India Costliest Link Expressway: उत्तर प्रदेश में अब सबसे महंगा लिंक एक्सप्रेस वे बनने जा रहा है, जो गंगा एक्सप्रेस वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा। 90 किमी लंबे इस लिंक एक्सप्रेसवे पर 7,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हाईटेक ड्रेनेज, 9 पुल, 29 बड़े ढांचे और सीमित एंट्री-एग्जिट पॉइंट इसकी खासियत होंगे।

लखनऊ

Ritesh Singh

Sep 29, 2025

गंगा और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा नया मार्ग     (फोटो सोर्स : Whatsapp)
गंगा और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा नया मार्ग     (फोटो सोर्स : Whatsapp)

UP Expressway Projects: उत्तर प्रदेश सरकार बुनियादी ढांचे और सड़क संपर्क को लेकर लगातार बड़े फैसले ले रही है। अब राज्य को देश का सबसे महंगा लिंक एक्सप्रेस वे मिलने जा रहा है। यह नया लिंक एक्सप्रेस वे गंगा एक्सप्रेस वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ने का काम करेगा। लगभग 90 किलोमीटर लंबे इस लिंक एक्सप्रेस वे की अनुमानित लागत करीब 7,500 करोड़ रुपये है, जो प्रति किलोमीटर लगभग 83 करोड़ रुपये बैठती है। लागत का यह आंकड़ा इसे अब तक का सबसे महंगा लिंक एक्सप्रेस वे बना देता है।

क्यों है यह लिंक एक्सप्रेस वे खास?

उत्तर प्रदेश का यह लिंक एक्सप्रेस वे सिर्फ एक सड़क नहीं बल्कि दिल्ली से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार तक की कनेक्टिविटी को बदलने वाला प्रोजेक्ट है। अभी तक गंगा एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के बीच सीधी और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी नहीं थी। इस कमी को पूरा करने के लिए यह लिंक तैयार किया जा रहा है। इसके बनने के बाद दिल्ली से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार तक की यात्रा सुगम और तेज होगी।

परियोजना की लागत और कारण

  • इस परियोजना की लागत इतनी अधिक क्यों है? इसके पीछे कई कारण हैं –
  • हाईटेक ड्रेनेज सिस्टम : बारिश और बाढ़ की स्थिति में सड़क पर पानी न भरने पाए, इसके लिए अत्याधुनिक ड्रेनेज सिस्टम लगाया जाएगा।
  • पुल और ढांचे : 9 बड़े पुल और 29 बड़े ढांचे बनाए जाएंगे, जिससे यातायात में कोई रुकावट न आए।
  • पशुओं की सुरक्षा : राजमार्ग पर पशुओं की आवाजाही रोकने के लिए वायर फेंसिंग की व्यवस्था की जाएगी।
  • सीमित एंट्री और एग्जिट पॉइंट : ताकि अनावश्यक ट्रैफिक बाधाएं न उत्पन्न हों और यात्रा सुरक्षित हो।
  • सर्विस रोड : स्थानीय लोगों और ग्रामीण यातायात की सुविधा के लिए सर्विस रोड बनाई जाएगी।
  • इन तकनीकी और सुरक्षा मानकों की वजह से लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

सड़क संपर्क का विस्तार

इस लिंक एक्सप्रेस वे से दिल्ली, नोएडा, आगरा, लखनऊ और प्रयागराज के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों और बिहार तक भी तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। खासकर पूर्वांचल और बिहार जाने वाले यात्रियों को गंगा एक्सप्रेस वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के बीच अब अतिरिक्त समय नहीं गंवाना पड़ेगा।

  • दिल्ली से गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए सीधे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे तक पहुंचा जा सकेगा।
  • औद्योगिक क्षेत्रों, पर्यटन स्थलों और धार्मिक नगरी वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या तक आसान पहुंच होगी।
  • कृषि और औद्योगिक उत्पादों के परिवहन में तेजी आएगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

रोजगार और विकास के अवसर

7,500 करोड़ रुपये की इस परियोजना से निर्माण के दौरान हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। सिविल वर्क्स, सुरक्षा प्रबंध, फेंसिंग, पुल और ढांचों के निर्माण में बड़ी संख्या में इंजीनियरों, मजदूरों और स्थानीय कारीगरों को काम मिलेगा। निर्माण पूरा होने के बाद टोल, सर्विस रोड और अन्य सेवाओं से भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से विशेष

  • लिंक एक्सप्रेस वे को आधुनिक मानकों के साथ तैयार किया जा रहा है।
  • सुरक्षा : सीमित एंट्री-एग्जिट पॉइंट और निगरानी प्रणाली के कारण दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
  • पर्यावरण : ड्रेनेज और फेंसिंग सिस्टम के कारण न सिर्फ सड़क सुरक्षित होगी, बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव को भी नियंत्रित किया जाएगा।
  • पशु संरक्षण : वायर फेंसिंग से सड़क पर आवारा पशुओं की आवाजाही रुकेगी और दुर्घटनाओं से बचाव होगा।

यूपी में एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार

उत्तर प्रदेश पहले से ही देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे नेटवर्क बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

  • आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
  • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
  • गंगा एक्सप्रेसवे
  • बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे

अब गंगा एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला नया लिंक एक्सप्रेसवे इस नेटवर्क को और मजबूत करेगा। यह परियोजना राज्य को न केवल लॉजिस्टिक हब बनाएगी बल्कि औद्योगिक निवेश और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। इस लिंक एक्सप्रेस वे से दिल्ली और पूर्वी भारत के बीच यात्रा समय में कमी आएगी। साथ ही, यह सड़क उत्तर प्रदेश को एक ट्रांजिट कॉरिडोर के रूप में और मजबूत बनाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके बनने से औद्योगिक निवेशकों का विश्वास और बढ़ेगा तथा परिवहन लागत कम होगी।