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TET अनिवार्यता के खिलाफ दो लाख शिक्षक दिल्ली कूच करेंगे, यूपी से होगी सबसे बड़ी भागीदारी

Teacher Unrest Peaks:देशभर में टीईटी की अनिवार्यता को लेकर शिक्षकों में गहरी नाराजगी पैदा हो गई है। इसी के विरोध में पांच दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में दो लाख से अधिक शिक्षक शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इसमें अकेले उत्तर प्रदेश से एक लाख शिक्षक शामिल होंगे। संघ इसे ऐतिहासिक महारैली बनाने में जुटा है।

लखनऊ

Ritesh Singh

Nov 10, 2025

5 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे देशभर के दो लाख शिक्षक (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
5 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे देशभर के दो लाख शिक्षक (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

TET Protest: देशभर के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। इसी मुद्दे पर अब शिक्षक संगठनों ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। आगामी 5 दिसंबर को देशभर से लगभग दो लाख शिक्षक दिल्ली के रामलीला मैदान में एकत्र होंगे और टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग को लेकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। इस विशाल रैली का केंद्र बिंदु उत्तर प्रदेश रहेगा, जहां से अकेले एक लाख से अधिक शिक्षकों के पहुंचने की उम्मीद है।

रविवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने राजधानी लखनऊ में राज्य भर के जिलाध्यक्षों और महामंत्रियों की संयुक्त बैठक की। बैठक में रैली की रणनीति, व्यवस्थाएं, शिक्षकों की संख्या और समन्वय से जुड़े तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। शिक्षक भवन, रिसालदार पार्क में हुई इस बैठक की अध्यक्षता संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने की जबकि संचालन महामंत्री संजय सिंह ने किया। बैठक में राज्यभर से आए पदाधिकारियों ने आगामी आंदोलन को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया।

देशभर के 14 राज्यों की भागीदारी

संघ ने बताया कि इस आंदोलन को केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि 14 राज्यों के शिक्षक संगठनों का समर्थन प्राप्त है। टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (TFI) नामक संयुक्त संगठन के बैनर तले इन राज्यों के शिक्षक भी दिल्ली पहुंचेंगे। अनुमान है कि यूपी के अतिरिक्त एक लाख से अधिक शिक्षक अन्य राज्यों से भी आएंगे। संगठन की यह कोशिश है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती दी जाए और सरकार तक शिक्षकों की चिंता ठोस रूप में पहुंचाई जाए।

इस अवसर पर पदाधिकारियों ने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा को TFI का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई दी। शर्मा ने कहा कि यह जिम्मेदारी शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और वे इसे पूरी निष्ठा से निभाएंगे।

टीईटी अनिवार्यता पर आपत्ति क्यों

बैठक में वक्ताओं ने विस्तृत रूप से बताया कि टीईटी को अनिवार्य किए जाने से वर्षों से सेवा दे रहे लाखों शिक्षकों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। कई राज्यों में ऐसे शिक्षक हैं जो नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान निर्धारित सभी शैक्षिक मानकों को पूरा करने के बाद भी अब टीईटी के नये नियमों के चलते असमंजस में हैं। शिक्षक संगठनों का कहना है कि नियुक्ति के बाद नियम बदलना हजारों परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और शिक्षकों की नौकरी की सुरक्षा व मानसिक स्थिरता को प्रभावित करता है। संगठन का यह भी तर्क है कि शिक्षक पहले से ही शैक्षणिक योग्यता, प्रशिक्षण और अनुभव रखते हैं, ऐसे में नियुक्ति के वर्षों बाद टीईटी को अनिवार्य कर देना उचित नहीं है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि संगठन सुप्रीम कोर्ट में भी इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन साथ ही लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन के माध्यम से सरकार को अपनी बात समझाना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को जब संसद का सत्र चल रहा होगा, तब यह रैली शिक्षक समुदाय की एकजुटता का बड़ा संदेश देगी। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार और एनसीईआरटी मिलकर टीईटी की अनिवार्यता को समाप्त करने या इसकी संरचना में उपयुक्त संशोधन पर विचार करें।

ब्लॉकवार लक्ष्य तय, यूपी से होगी रिकॉर्ड भागीदारी

रैली को सफल बनाने के लिए संघ ने प्रत्येक जिले और ब्लॉक के पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंप दी हैं। इसमें यह तय किया गया है कि हर ब्लॉक अपने क्षेत्र से निर्धारित संख्या के शिक्षकों को रैली तक पहुंचाने की पूरी तैयारी करेगा। महामंत्री संजय सिंह ने बताया कि शिक्षकों की आवाज राष्ट्रीय स्तर पर बुलंद करने का यह अवसर महत्वपूर्ण है और प्रत्येक ब्लॉक से पहुंचने वाले शिक्षक इस रैली को ऐतिहासिक बनाएंगे। संघ की ओर से बताया गया कि कुछ जिलों में शिक्षकों ने पहले ही बसें बुक कर ली हैं और 4 दिसंबर की रात से कई वाहन दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

लोकसभा सत्र के बीच गूंजेगी शिक्षकों की आवाज

संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि रैली का समय जानबूझकर इस तरह तय किया गया है कि संसद सत्र के दौरान शिक्षकों की आवाज अधिक प्रभावी ढंग से दिल्ली तक पहुंचे। रामलीला मैदान में रैली के दौरान देशभर से आए प्रतिनिधि टीईटी की अनिवार्यता से जुड़े अनुभवों, समस्याओं और समाधान के सुझावों को भी साझा करेंगे। इसके अलावा, भविष्य की रणनीति भी यहीं तय की जाएगी।

तैयारियों में जुटे पदाधिकारी

बैठक के दौरान संघ के कोषाध्यक्ष शिव शंकर पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राधे रमण त्रिपाठी, संयुक्त महामंत्री देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव और कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह रैली केवल टीईटी के खिलाफ आंदोलन नहीं, बल्कि शिक्षक समुदाय की गरिमा, अधिकारों और भविष्य की सुरक्षा का आंदोलन है।