
Murder Case: लखनऊ में मोहनलालगंज क्षेत्र की बीएससी छात्रा प्रियांशी रावत की निर्मम हत्या ने प्रदेशभर को झकझोर कर रख दिया है। आरोपी आलोक रावत को पुलिस ने घटनास्थल से कुछ दूर गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि प्रियांशी द्वारा उसका नंबर ब्लॉक किए जाने और दूसरे से बात करने के शक ने उसे उकसाया। इस कबूलनामे ने साफ कर दिया कि यह घटना एकतरफा प्रेम, जुनूनी मानसिकता और असामाजिक व्यवहार की बेहद खतरनाक परिणति थी।
फोन पर शुरू हुई दोस्ती, रिश्तों में दरार के बाद बढ़ा तनाव
एसीपी मोहनलालगंज विकास कुमार पांडेय ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में पता चला कि प्रियांशी और आरोपी आलोक के बीच एक समय फोन पर लगातार बातचीत होती थी। दोनों एक-दूसरे से परिचित थे और आलोक कभी-कभी उसके घर भी आने लगा था। कुछ समय बाद प्रियांशी का दाखिला शहर में बीएससी में हो गया। वह मोहनलालगंज से रोजाना अप-डाउन करने लगी। इस बीच आलोक की हरकतें, उसका शक, और उसकी दखलअंदाजी बढ़ने लगी।
ये बदलाव प्रियांशी को पसंद नहीं आए, और उसने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी। धीरे-धीरे परेशान होकर छात्रा ने उसका नंबर ब्लॉक किया। पुलिस पूछताछ में आलोक ने यह साफ कहा कि “उसने मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया था… मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था… मुझे लगा वह किसी और से बात करती है… किसी और का होते नहीं देख सकता था। यह बयान उसकी मानसिकता और असमान्य जुनून की ओर इशारा करता है।
जांच में यह भी सामने आया कि प्रियांशी के कॉलेज जाने के बाद आरोपी अक्सर उसका पीछा करता था। छात्रा ने कई बार उसे समझाने की कोशिश की पर उसका शक और आक्रामक व्यवहार बढ़ता ही गया। यह पीछा करने और झूठे शक की घटनाएं लगातार बढ़ती रहीं। परिवार के लोगों का कहना है कि उनकी बेटी बेहद परेशान थी। वह चाहती थी कि आलोक उसकी जिंदगी से पूरी तरह दूर हो जाए।
पुलिस के अनुसार रविवार सुबह आलोक ने हत्या की पूरी साजिश बनाकर घर में घुसने का निर्णय लिया। उसने अपनी बुलेट बाइक घर से लगभग 200 मीटर दूर खड़ी कर दी, ताकि बाइक की आवाज सुनकर प्रियांशी सावधान न हो जाए और दरवाजा बंद न कर ले। आलोक हाथ में थर्माकोल काटने वाला धारदार कटर लेकर अंदर दाखिल हुआ। पूछताछ में उसने कहा कि पहले मैंने उसे बहुत समझाया… कहा कि नंबर ब्लॉक से हटा दो… लेकिन वह नहीं मानी। इंकार सुनते ही आरोपी पूरी तरह बेकाबू हो गया और उसके गले पर कटर से ताबड़तोड़ वार कर दिए। हादसा इतनी तेज़ी से हुआ कि प्रियांशी को बचने का मौका तक नहीं मिला।
घटना के बाद जब आरोपी खून से सने कपड़ों में बाहर आया, तो ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोगों ने उसे देखा, लेकिन उसके हाथ में धारदार कटर होने के कारण कोई उसे पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सका। वह भागने की कोशिश में था, लेकिन पुलिस ने कुछ दूरी पर उसे पकड़ लिया। आलोक की बुलेट और हत्या में इस्तेमाल औजार को पुलिस ने बरामद कर लिया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को प्रियांशी का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा कराया गया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई। डॉक्टरों ने गले पर आए गहरे घावों की स्लाइड भी तैयार की है, ताकि आगे की जांच में मदद मिल सके।
घटना के बाद से प्रियांशी के घर में मातम छाया हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि बेटी के शव को देखकर परिवार के लोग बेसुध हो गए। माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी पढ़ाई में मेधावी थी और भविष्य के सपनों से भरी थी। परिवार ने मांग की है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और यह मामला फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए।
पुलिस अब आरोपी के मानसिक इतिहास और हथियार की खरीद की जांच में जुटी
एसीपी ने बताया कि आरोपी ने थर्माकोल काटने वाला कटर कहां से और किस उद्देश्य से खरीदा था, इसका पता लगाया जा रहा है। साथ ही उसके मोबाइल रिकॉर्ड, चैट हिस्ट्री और पिछले व्यवहार की भी जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या पहले भी उसने छात्रा को धमकाया था।
ये सभी संकेत गहरी मानसिक समस्या और संभावित हिंसा की ओर संकेत करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में परिवार और समाज को शुरुआती स्तर पर ही हस्तक्षेप करना चाहिए,क्योंकि इस तरह का जुनून अक्सर हत्या या आत्महत्या जैसे खतरनाक परिणामों में बदल जाता है।
डीसीपी साउथ ने कहा कि आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि यह अत्यंत क्रूर और पूर्व नियोजित हत्या है। आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
Published on:
25 Nov 2025 01:01 am

