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लखनऊ का बदलेगा स्वरूप, वरुण विहार और नैमिष नगर योजना को 750 करोड़ की मंजूरी

लखनऊ विकास प्राधिकरण की वरुण विहार और नैमिष नगर आवासीय योजनाओं को नई गति मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 750 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। यह धनराशि भूमि अधिग्रहण, नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे पर खर्च होगी, जिससे लखनऊ का शहरी स्वरूप बदलेगा।

लखनऊ

Ritesh Singh

Sep 29, 2025

750 करोड़ रुपये की मंजूरी, लखनऊ के विकास का नया खाका     (फोटो सोर्स : Whatsapp)
750 करोड़ रुपये की मंजूरी, लखनऊ के विकास का नया खाका     (फोटो सोर्स : Whatsapp)

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की दो महत्वाकांक्षी आवासीय योजनाओं, वरुण विहार 500 और नैमिष नगर को अब नई ऊर्जा मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इन योजनाओं को मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत 750 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। इसमें से वरुण विहार के लिए 500 करोड़ और नैमिष नगर के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस धनराशि का उपयोग भूमि अधिग्रहण, नागरिक सुविधाओं और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए होगा।

शहरी विस्तार का बड़ा खाका

मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना प्रदेश सरकार की प्राथमिक परियोजनाओं में शामिल है। इसके जरिए राजधानी और अन्य बड़े शहरों में सुनियोजित तरीके से विस्तार किया जा रहा है, ताकि बढ़ती आबादी को आवास और नागरिक सुविधाएं मिल सकें। लखनऊ में प्रस्तावित दोनों योजनाएं न केवल शहर की आवासीय जरूरतें पूरी करेंगी, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी विकास का नया मॉडल पेश करेंगी।

वरुण विहार: 300 एकड़ में लॉजिस्टिक पार्क और ट्रांसपोर्ट नगर

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर प्रस्तावित वरुण विहार योजना लगभग 300 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित होगी। यहां एक अत्याधुनिक लाजिस्टिक पार्क और ट्रांसपोर्ट नगर बसाया जाएगा, जो माल ढुलाई और परिवहन व्यवस्था को नई दिशा देगा।

इसके अलावा, 800 एकड़ क्षेत्रफल में सेंट्रल पार्क, ग्रीन बेल्ट और अंतरराष्ट्रीय स्तर का गोल्फ कोर्स भी विकसित होगा। यह केवल आवासीय योजना नहीं बल्कि जीवन शैली को बेहतर बनाने वाली परियोजना साबित होगी।

योजना के तहत 15,000 से अधिक भूखंड तैयार किए जाएंगे। किसानों से जमीन अधिग्रहण का काम पहले ही शुरू हो चुका है। यह भूमि सदर और सरोजनी नगर तहसील के ग्राम– भलिया, आदमपुर इंदवारा, बहरू, जलियामऊ, मदारपुर, इब्राहिमगंज, नकटौरा, गहलवारा, तेजकृष्ण खेड़ा, रेवरी, सकरा और दोना से ली जा रही है।

नियोजित सेक्टर और आधुनिक सुविधाएं

वरुण विहार योजना को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। यहां कुल 25 सेक्टर बसाए जाएंगे। इनमें ग्रिड पैटर्न पर चौड़ी सड़कें, भूमिगत केबल लाइन, सीवरेज नेटवर्क, पेयजल पाइपलाइन और स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था होगी।

एलडीए अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना का लक्ष्य लखनऊ को एक स्मार्ट और आधुनिक नगरीय स्वरूप देना है। यहां ग्रीन बेल्ट और खुले क्षेत्र पर खास ध्यान दिया जाएगा ताकि प्रदूषण और यातायात की समस्या न हो।

नैमिष नगर: सीतापुर रोड पर नया उपनगर

सीतापुर रोड पर प्रस्तावित नैमिष नगर योजना को भी प्रदेश सरकार ने प्राथमिकता दी है। इसके लिए बीकेटी तहसील के 18 गांवों की भूमि चिन्हित की गई है। इनमें भौली, लक्ष्मीपुर, पुरब गांव, परवा, सैरपुर, फर्रुखाबाद, कोड़री भौली, कमलाबाद, कमलापुर, पलहरी, गोपरामऊ, बारूमऊ, धतिगरा, सैदापुर, पश्चिम गांव, थोबैला, उमरभारी और दमगौर प्रमुख हैं।

योजना को एक पूर्ण विकसित उपनगर के रूप में तैयार किया जाएगा। इसमें चौड़ी सड़कें, पार्क, ग्रीन बेल्ट, स्कूल, अस्पताल, कम्युनिटी सेंटर, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, व्यावसायिक केंद्र और अन्य आधुनिक सुविधाएं होंगी।

उत्तरी लखनऊ को मिलेगी नई पहचान

नैमिष नगर के विकास से लखनऊ का उत्तरी हिस्सा नई पहचान पाएगा। अभी तक शहर का दक्षिणी और मध्य क्षेत्र तेजी से विकसित हुआ है, लेकिन उत्तर दिशा में बुनियादी ढांचे की कमी रही है। इस योजना के बाद यहां निवेश, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा और लॉजिस्टिक क्षेत्र में तेजी आएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह योजना लखनऊ को एक संतुलित और सुनियोजित विस्तार की दिशा में ले जाएगी। इससे न केवल आवासीय संकट दूर होगा बल्कि रोजगार और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

किसानों के लिए अवसर और चुनौती

भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया से जुड़े किसान भी इस योजना का अहम हिस्सा हैं। सरकार ने उन्हें उचित मुआवजा देने और पुनर्वास की योजना बनाई है। कई किसानों का मानना है कि यह योजना उनके लिए आर्थिक अवसर लेकर आएगी, जबकि कुछ किसान भूमि अधिग्रहण की शर्तों को लेकर असमंजस में हैं।

एलडीए अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि सभी किसानों को पारदर्शी तरीके से मुआवजा दिया जाएगा और उनकी सहमति से ही जमीन अधिग्रहण आगे बढ़ेगा।

750 करोड़ का निवेश और संभावनाएं

दोनों योजनाओं को मिलाकर 750 करोड़ रुपये की स्वीकृति ने राजधानी के भविष्य की तस्वीर बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।

  • वरुण विहार को 500 करोड़
  • नैमिष नगर को 250 करोड़

इस बजट का सबसे बड़ा हिस्सा भूमि अधिग्रहण और बुनियादी ढांचे पर खर्च होगा। साथ ही, नागरिक सुविधाओं और हरित क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

स्मार्ट सिटी से तालमेल

लखनऊ पहले ही स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कई परियोजनाएं चला रहा है। एलडीए की ये दोनों योजनाएं स्मार्ट सिटी के लक्ष्यों से मेल खाती हैं। भूमिगत केबलिंग, आधुनिक परिवहन, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल सुविधाएं यहां की प्रमुख विशेषता होंगी।

स्थानीय लोगों की उम्मीदें

स्थानीय नागरिकों में इन योजनाओं को लेकर उत्साह है। उनका मानना है कि इससे रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं बेहतर होंगी। वहीं, व्यापारियों और निवेशकों के लिए यह अवसर का बड़ा केंद्र साबित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया है कि शहरी विकास केवल भवन निर्माण तक सीमित नहीं होना चाहिए। यह योजनाएं पर्यावरण संरक्षण, हरित क्षेत्र, आधुनिक आधारभूत संरचना और जन सुविधाओं का संतुलित मिश्रण होंगी। सरकार चाहती है कि लखनऊ देश के विकसित शहरों की श्रेणी में आए।