
Integral University Celebrates 17th Convocation: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में शनिवार को सत्रहवां वार्षिक दीक्षांत समारोह बड़े हर्षोल्लास और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। यह अवसर न केवल विद्यार्थियों की मेहनत और उपलब्धियों का सम्मान करने का था, बल्कि उन्हें समाज और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने का भी था। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के नगरीय विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में एमएमटीसी पीएएमपी और अर्खा फिनकैप के चेयरमैन नासिर मुंजी उपस्थित रहे।

समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं कुलाधिपति प्रो. सैयद वसीम अख्तर के स्वागत भाषण से हुई। उनके साथ प्रो-चांसलर सैयद नदीम अख्तर, कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत, एडिशनल प्रो-चांसलर श्री अदनान अख्तर, डॉ. निदा फातिमा, रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविद भी मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सबा सिद्दीकी ने किया। मुख्य अतिथि अरविंद शर्मा ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि भारत सदैव ज्ञान, संस्कृति और समृद्धि की भूमि रहा है। हमें अपने गौरवशाली अतीत को पहचानना होगा और उसी आत्मविश्वास के साथ भविष्य का निर्माण करना होगा। शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री पाना नहीं, बल्कि व्यक्ति को विनम्र और विवेकशील बनाना है। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली सदियों से विश्व में अग्रणी रही है। “सा विद्या या विमुक्तये” और “विद्या ददाति विनयं” जैसे शास्त्रीय सिद्धांत हमें बताते हैं कि सच्ची शिक्षा मनुष्य को नम्रता और आत्मज्ञान की ओर ले जाती है।

इस वर्ष कुल 4,926 छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी डिग्रियां प्रदान की गईं। इनमें 133 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई। विश्वविद्यालय स्तर पर शीर्ष स्थान मो. माज (एमसीए) और सायमा सिद्दीकी (एमएससी गणित) ने प्राप्त किया। फैकल्टी स्तर पर 13 गोल्ड मेडल, 13 सिल्वर मेडल, जबकि प्रोग्राम स्तर पर 108 गोल्ड और 105 सिल्वर मेडल प्रदान किए गए। इंटीग्रल स्टार्टअप फाउंडेशन ने मोहम्मद माज को टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी इनोवेशन के लिए स्टार्टअप अवार्ड से सम्मानित किया।
चांसलर प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सच्चाई और ईमानदारी से भरा रास्ता ही स्थायी सफलता की ओर ले जाता है। जीवन में गलत रास्ते पर चलकर भले ही अस्थायी लाभ मिले, पर अंत में वही नुकसानदायक होता है। अपने माता-पिता का सम्मान करें और शिक्षकों का आभार व्यक्त करें ,यही सच्ची सफलता है। प्रो-चांसलर सैयद नदीम अख्तर ने कहा कि दीक्षांत केवल विदाई नहीं, बल्कि एक नई यात्रा की शुरुआत है।दुनिया को केवल डॉक्टर और इंजीनियर नहीं, बल्कि अच्छे इंसानों की ज़रूरत है। सही होने से ज्यादा जरूरी है अच्छा होना। विशिष्ट अतिथि नासिर मुंजी ने विद्यार्थियों को तेजी से बदलती दुनिया के अनुरूप विश्लेषणात्मक सोच विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम सभी को सीखना चाहिए कि अधिक बोलने से बेहतर है अधिक सुनना। जीवन में सफल वही होता है जो दूसरों को समझने की क्षमता रखता है।

कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी शिक्षा के हर क्षेत्र में गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा दे रही है। हम छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से सशक्त बना रहे हैं, बल्कि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार कर रहे हैं। समारोह के अंत में रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। परीक्षा नियंत्रक प्रो. अब्दुल रहमान खान ने मेडल विजेताओं के नामों की घोषणा की। यह समारोह न केवल छात्रों की शैक्षिक उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि उन्हें समाज और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने की प्रेरणा भी प्रदान करता रहा। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने इस अवसर पर यह सिद्ध किया कि शिक्षा केवल ज्ञान का नहीं, बल्कि संस्कार और जिम्मेदारी का भी माध्यम है।

विश्वविद्यालय ने घोषणा की कि 3 नवम्बर को “जश्न-ए-इंटीग्रल” के तहत स्थापना दिवस मनाया जाएगा, जिसमें ऑल इंडिया मुशायरा और कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। देश के प्रतिष्ठित कवि और शायर इसमें भाग लेंगे, जिससे यह आयोजन सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक बनेगा।
Published on:
02 Nov 2025 09:04 pm

