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डॉ. शाहीन का अंतरराष्ट्रीय आतंकी डॉक्टर नेटवर्क बेनकाब, दिल्ली और धार्मिक स्थलों पर हमले की चार साल से तैयारी

Doctor Shaheen Terror Network: दिल्ली ब्लास्ट साजिश में गिरफ्तार डॉ. शाहीन के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को लेकर जांच एजेंसियों ने बड़े खुलासे किए हैं। पाकिस्तान, मलेशिया, तुर्किए और कई देशों में फैले इस ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ में सैकड़ों डॉक्टरों व मेडिकल छात्रों के शामिल होने की आशंका है। चार साल से तैयार हो रहा यह मॉड्यूल दिल्ली व धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की योजना में था।

लखनऊ

Ritesh Singh

Nov 15, 2025

‘आतंकी डॉक्टर नेटवर्क’ उजागर, पाकिस्तान–कश्मीर से लेकर मलेशिया-तुर्किए तक, 300 से अधिक डॉक्टर-छात्र रडार पर     (फोटो सोर्स : Whatsapp  News Group )
‘आतंकी डॉक्टर नेटवर्क’ उजागर, पाकिस्तान–कश्मीर से लेकर मलेशिया-तुर्किए तक, 300 से अधिक डॉक्टर-छात्र रडार पर     (फोटो सोर्स : Whatsapp  News Group )

Doctor Shaheen: दिल्ली में हुए धमाके की साजिश का पर्दाफाश होने के बाद जांच एजेंसियों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मॉड्यूल की अहम सदस्य डॉ. शाहीन न केवल भारत में, बल्कि पाकिस्तान सहित कई देशों में एक सक्रिय ‘आतंकी डॉक्टर नेटवर्क’ तैयार कर चुकी थी। इस नेटवर्क का इस्तेमाल न केवल धन जुटाने, बल्कि चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों को कट्टरपंथ की ओर मोड़ने और बाद में ऑपरेशनल सपोर्ट लेने के लिए किया जा रहा था।

सूत्रों के अनुसार डॉ. शाहीन के संपर्क में पाकिस्तानी सेना का एक डॉक्टर, कश्मीरी मूल के सैकड़ों डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट्स, तथा खाड़ी और दक्षिण-पूर्व एशिया में मौजूद कई संदिग्ध तत्व शामिल थे। नेटवर्क का उद्देश्य भारत के कई प्रमुख शहरों में समन्वित आतंकी हमलों की योजना बनाना था।

कई देशों में फैला जाल: पाकिस्तान से मलेशिया तक सक्रिय थे लिंक

जांच में यह सामने आया है कि डॉ. शाहीन ने पिछले तीन-चार वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत संपर्क बनाए। पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसके नेटवर्क के लिंक निम्न देशों में सक्रिय थे:

  • पाकिस्तान
  • मलेशिया
  • तुर्किए
  • यूएई
  • मालदीव
  • बांग्लादेश

इन देशों में मौजूद जमात-आधारित संगठनों तथा जैश से जुड़े ‘स्लीपिंग सेल्स’ के साथ लगातार ऑनलाइन संपर्क और गुप्त मैसेजिंग एप्स के माध्यम से बातचीत की जाती थी। कई विदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स और डॉक्टरों ने भी शाहीन के साथ ऑनलाइन धार्मिक कक्षाओं और ‘चैरिटी ग्रुप्स’ के नाम पर जुड़कर कट्टरपंथी विचारधारा ग्रहण की।

जांच एजेंसियों के अनुसार, उसके नेटवर्क में 300 से अधिक भारतीय डॉक्टर-छात्र शामिल हो सकते हैं, जिनमें से केवल UP में लगभग 200 डॉक्टर-छात्र एजेंसियों की निगरानी में हैं।

UP में 30–40 डॉक्टर्स से सीधा संपर्क, कई की गतिविधियाँ संदिग्ध

जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ. शाहीन का UP में तैनात 30–40 कश्मीरी मूल के डॉक्टरों से लगातार संपर्क था।
इनमें से कई डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों, प्राइवेट अस्पतालों और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात थे। जांच एजेंसी अभी यह पता लगा रही है कि इनमें से किस-किस ने मॉड्यूल की गतिविधियों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग किया।

  • जैश-ए-मोहम्मद पिछले चार वर्षों से इस ‘प्रोफेशनल मॉड्यूल’ को तैयार कर रहा था। इसका मकसद था
  • उच्च शिक्षित लोगों को कट्टरपंथ की ओर मोड़ना
  • धन, तकनीकी और लॉजिस्टिक सपोर्ट जुटाना
  • रिपोर्टिंग से बचने के लिए “लो-प्रोफाइल ऑपरेटर्स" का इस्तेमाल
  • भारत के बड़े शहरों में साइलेंट ब्लास्ट पैटर्न विकसित करना

वीजा लेकर भागने की तैयारी-हमलों के बाद विदेश में शरण की योजना

पूछताछ के दौरान पता चला है कि डॉ. शाहीन ने हाल ही में वीजा के लिए आवेदन दिया था। एनआईए के अनुसार उसकी योजना थी .

  • दिल्ली में कई जगह धमाके
  • चार से छह सदस्यीय टीम का विभाजन
  • ऑपरेशन के तुरंत बाद देश छोड़ना
  • मलेशिया या यूएई में शरण लेना

लेकिन इसी दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से डॉ. आदिल को गिरफ्तार कर लिया, जिससे अन्य सदस्य सतर्क हो गए और योजना बाधित हो गई।

डॉ. शाहीन का ‘ब्रेनवॉश प्रोजेक्ट’-अपने भाई पर भी किया प्रभाव

जांच में सीआईए और एटीएस को यह भी पता चला है कि डॉ. शाहीन ने अपने छोटे भाई डॉ. परवेज को भी इस नेटवर्क में शामिल कर लिया था। उसकी जिम्मेदारियाँ थी.

  • हथियारों के लिए तय जगहों पर आवागमन
  • नेटवर्क में संदेश पहुंचाना
  • कोड वर्ड्स में बातचीत
  • मॉड्यूल के सदस्यों के साथ “ऑफलाइन" मीटिंग
  • वर्ष 2021 में डॉ. परवेज का मालदीव जाना भी सामने आया है।उसी दौरान शाहीन ने अपना ब्रेनवॉश अभियान शुरू किया था।उसने परवेज को बिना इंटरनेट वाले पुरानी तकनीक के फोन का उपयोग करने को कहा ताकि लोकेशन, नेटवर्क और बातचीत ट्रेस न की जा सके।

दिल्ली था मुख्य निशाना, धार्मिक स्थल भी थे टारगेट

पूछताछ में सामने आया है कि फरीदाबाद मॉड्यूल का मुख्य निशाना था.

  • दिल्ली के भीड़भाड़ वाले क्षेत्र
  • प्रमुख धार्मिक स्थल
  • महत्वपूर्ण सार्वजनिक आयोजन
  • सरकारी संस्थान

जैश-ए-मोहम्मद की रणनीति के अनुसार इस मॉड्यूल को चार साल में चरणबद्ध तरीके से तैयार किया गया था।
अधिकारियों के अनुसार, जैश हमेशा उच्च शिक्षित प्रोफेशनल्स पर भरोसा करता है, ताकि ऑपरेशन-

  • कम संदेह
  • उच्च तकनीकी परिशुद्धता
  • लंबी अवधि में सुरक्षित संचालनके साथ अंजाम दिया जा सके।
  • जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई

फरीदाबाद मॉड्यूल की गिरफ्तारी के बाद

  • एनआईए
  • दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल
  • आईबी
  • UP ATS,
  • J&K पुलिस
  • साइबर इंटेलिजेंस टीमें सभी सक्रिय हो गई हैं।UP ATS की एक टीम दिल्ली में तैनात है जबकि दूसरी टीम जल्द ही श्रीनगर भेजी जाएगी।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने देश के सभी राज्यों के साथ 1000+ डॉक्टरों और छात्रों के डेटा साझा किए हैं। लेकिन केवल उन लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है जिनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं।

चिकित्सा पेशे का दुरुपयोग-अभूतपूर्व आतंक रणनीति

  • जांच अधिकारियों ने इस मॉड्यूल को ‘‘व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क’’ बताया है, क्योंकि इसमें प्रोफेशनल्स शामिल थे। 
  • सुरक्षित ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल किया गया
  • फंडिंग पूरी तरह हवाला चैनल से आई
  • ‘मेडिकल एक्सचेंज’ और ‘विदेशी स्कॉलरशिप’ के नाम पर यात्रा की गई
  • कई सदस्यों ने फर्जी रिसर्च पेपर और फेलोशिप भी बनवाई

देश में यह पहला मामला है जिसमें मेडिकल डॉक्टरों का एक संगठित नेटवर्क आतंकी हमलों की योजना बनाते हुए मिला है।

अब अगला कदम: डिजिटल फोरेंसिक, धन प्रवाह, अंतरराष्ट्रीय लिंक

  • एजेंसियों ने 300+ मोबाइल नंबर100+ ईमेल
  • विदेशी IP एड्रेस
  • बैंक लेनदेन
  • पासपोर्ट-वीजा रिकॉर्डइंटर पोल से जुड़े नोटिस की जांच शुरू कर दी है। कई लैपटॉप, डायरी और बाहरी हार्ड डिस्क बरामद हुई हैं, जिनमें कोडवर्ड्स, नक्शे और प्रोफेशनल मेडिकल शब्दों का इस्तेमाल कर तैयार ‘इंडिकेटर’ मिले हैं।