
Doctor Shaheen: दिल्ली में हुए धमाके की साजिश का पर्दाफाश होने के बाद जांच एजेंसियों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मॉड्यूल की अहम सदस्य डॉ. शाहीन न केवल भारत में, बल्कि पाकिस्तान सहित कई देशों में एक सक्रिय ‘आतंकी डॉक्टर नेटवर्क’ तैयार कर चुकी थी। इस नेटवर्क का इस्तेमाल न केवल धन जुटाने, बल्कि चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों को कट्टरपंथ की ओर मोड़ने और बाद में ऑपरेशनल सपोर्ट लेने के लिए किया जा रहा था।

सूत्रों के अनुसार डॉ. शाहीन के संपर्क में पाकिस्तानी सेना का एक डॉक्टर, कश्मीरी मूल के सैकड़ों डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट्स, तथा खाड़ी और दक्षिण-पूर्व एशिया में मौजूद कई संदिग्ध तत्व शामिल थे। नेटवर्क का उद्देश्य भारत के कई प्रमुख शहरों में समन्वित आतंकी हमलों की योजना बनाना था।
जांच में यह सामने आया है कि डॉ. शाहीन ने पिछले तीन-चार वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत संपर्क बनाए। पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसके नेटवर्क के लिंक निम्न देशों में सक्रिय थे:
इन देशों में मौजूद जमात-आधारित संगठनों तथा जैश से जुड़े ‘स्लीपिंग सेल्स’ के साथ लगातार ऑनलाइन संपर्क और गुप्त मैसेजिंग एप्स के माध्यम से बातचीत की जाती थी। कई विदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स और डॉक्टरों ने भी शाहीन के साथ ऑनलाइन धार्मिक कक्षाओं और ‘चैरिटी ग्रुप्स’ के नाम पर जुड़कर कट्टरपंथी विचारधारा ग्रहण की।
जांच एजेंसियों के अनुसार, उसके नेटवर्क में 300 से अधिक भारतीय डॉक्टर-छात्र शामिल हो सकते हैं, जिनमें से केवल UP में लगभग 200 डॉक्टर-छात्र एजेंसियों की निगरानी में हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ. शाहीन का UP में तैनात 30–40 कश्मीरी मूल के डॉक्टरों से लगातार संपर्क था।
इनमें से कई डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों, प्राइवेट अस्पतालों और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात थे। जांच एजेंसी अभी यह पता लगा रही है कि इनमें से किस-किस ने मॉड्यूल की गतिविधियों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग किया।
पूछताछ के दौरान पता चला है कि डॉ. शाहीन ने हाल ही में वीजा के लिए आवेदन दिया था। एनआईए के अनुसार उसकी योजना थी .
लेकिन इसी दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से डॉ. आदिल को गिरफ्तार कर लिया, जिससे अन्य सदस्य सतर्क हो गए और योजना बाधित हो गई।
जांच में सीआईए और एटीएस को यह भी पता चला है कि डॉ. शाहीन ने अपने छोटे भाई डॉ. परवेज को भी इस नेटवर्क में शामिल कर लिया था। उसकी जिम्मेदारियाँ थी.
पूछताछ में सामने आया है कि फरीदाबाद मॉड्यूल का मुख्य निशाना था.
जैश-ए-मोहम्मद की रणनीति के अनुसार इस मॉड्यूल को चार साल में चरणबद्ध तरीके से तैयार किया गया था।
अधिकारियों के अनुसार, जैश हमेशा उच्च शिक्षित प्रोफेशनल्स पर भरोसा करता है, ताकि ऑपरेशन-

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने देश के सभी राज्यों के साथ 1000+ डॉक्टरों और छात्रों के डेटा साझा किए हैं। लेकिन केवल उन लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है जिनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं।
देश में यह पहला मामला है जिसमें मेडिकल डॉक्टरों का एक संगठित नेटवर्क आतंकी हमलों की योजना बनाते हुए मिला है।
Published on:
15 Nov 2025 03:59 pm

