
Cold Weather: उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद मौसम अब स्थिर हो रहा है, लेकिन प्रदेश में ठंड का प्रभाव अगले सप्ताह भी लगभग उसी तरह कायम रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हाल ही में हुई हिमपात की घटनाओं ने वातावरण को और ठंडा कर दिया है। इन क्षेत्रों से आने वाली ठंडी एवं शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएँ प्रदेश के तापमान को लगातार सामान्य से नीचे बनाए हुए हैं। मौसम विभाग का स्पष्ट अनुमान है कि आने वाले एक सप्ताह के दौरान प्रदेश में तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा। दिन और रात के तापमानों में सिर्फ मामूली उतार-चढ़ाव के संकेत दिखाई दे रहे हैं, लेकिन व्यापक बदलाव की उम्मीद नहीं है।
हाल ही में उत्तर भारत से गुजरे पश्चिमी विक्षोभ ने हिमालयी राज्यों में व्यापक हिमपात करवाया। जैसे ही यह विक्षोभ आगे बढ़ा, इसके पीछे की ओर से आने वाली ठंडी, शुष्क और तेज़ उत्तर-पश्चिमी हवाएँ मैदानों की ओर बहने लगीं। इन हवाओं का सीधा असर उत्तर प्रदेश पर पड़ा।

वैज्ञानिक बताते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में हुई नई बर्फबारी के तुरंत बाद तापमान काफी नीचे चला जाता है। वही अत्यधिक ठंडी हवा मैदानों में पहुंचकर तापमान में गिरावट का कारण बनती है। इसके अतिरिक्त, आसमान पूरी तरह साफ होने से रात के समय विकिरणीय शीतलन (Radiational Cooling) तेजी से बढ़ जाता है। इससे धरातल की सतह से गर्मी तेजी से निकलती है और रातें अपेक्षाकृत ठंडी हो जाती हैं। यही कारण है कि प्रदेश में अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान सामान्य से नीचे दर्ज हो रहे हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) और राज्य मौसम केंद्र के संयुक्त आकलन के अनुसार:
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह एक स्थिर मौसम स्थिति है और इसमें बड़े बदलाव की संभावना अभी नहीं दिखाई देती।
आम भाषा में कहें तो विकिरणीय शीतलन वह प्रक्रिया है जिसमें धरती रात के समय तेजी से अपनी गर्मी छोड़ती है। साफ आसमान होने पर यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है।
इसी वजह से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।
प्रदेश के पश्चिमी, मध्य और तराई वाले हिस्सों में ठंड अधिक प्रभावी बनी हुई है।
इन क्षेत्रों में ठंडी हवाओं का अधिक प्रभाव है और रात का न्यूनतम तापमान लगातार गिरा हुआ मिल रहा है।
हालांकि अत्यधिक ठंड फसलों के लिए कुछ खतरे भी पैदा करती है, लेकिन अभी की स्थिति भारी नुकसान वाली नहीं मानी जा रही।
प्रदेश में सुबह और देर रात शीतलहर जैसे हालात नहीं हैं, लेकिन ठंडी हवा और गिरा तापमान लोगों को सतर्क रहने के लिए मजबूर कर रहा है।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अभी ठंड बढ़ने की संभावना बहुत कम है। क्योंकि निकट भविष्य में कोई नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं दिख रहा। हवाओं की तीव्रता स्थिर बनी रहेगी। आसमान अगले कई दिनों तक साफ रहने के अनुमान हैं।इस वजह से तापमान मौजूदा स्तर पर ही रहेगा। न ज्यादा कमी, न ज्यादा बढ़ोतरी।
हालांकि तापमान में इस समय बहुत बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं होगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सर्दी का असर कम हो गया है। दरअसल, दिसंबर का यह मध्य सर्दियों का स्थिर चरण माना जाता है। जनवरी की शुरुआत में दो से तीन और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकते हैं, जिससे मौसम फिर बदल सकता है।
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि रात में उचित गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें। सुबह की धुंध और कोहरे में वाहन सावधानी से चलाएँ। बुजुर्ग और बच्चे विशेष सावधानी बरतें। घरों में हवा आने-जाने की व्यवस्था बनाए रखें।
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Published on:
10 Nov 2025 06:45 am

